रिकॉर्ड प्रोडक्शन अचीवमेंट
भारत ने 2025 में 357 मिलियन टन अनाज पैदा करके एक ऐतिहासिक कामयाबी हासिल की है। यह देश का अब तक का सबसे ज़्यादा प्रोडक्शन है, जो खेती और आत्मनिर्भरता में ज़बरदस्त तरक्की को दिखाता है। यह अनाउंसमेंट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 नवंबर को मन की बात के 128वें एडिशन के दौरान की थी।
इस साल की अचीवमेंट पिछले दस सालों में 100 मिलियन टन की बढ़ोतरी दिखाती है, जो मज़बूत पॉलिसी सपोर्ट और सेक्टर में बदलाव को दिखाती है।
स्टैटिक GK फैक्ट: भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चावल और गेहूं प्रोड्यूसर है, जो ग्लोबल फ़ूड सिक्योरिटी में अहम योगदान दे रहा है। खेती में तरक्की का दशक
भारत का अनाज का प्रोडक्शन 2015 में लगभग 257 मिलियन टन से बढ़कर 2025 में 357 मिलियन टन हो गया, जो लगभग 40% की ग्रोथ दिखाता है। यह ग्रोथ बेहतर सिंचाई नेटवर्क, बेहतर बीज की किस्मों, बढ़े हुए मशीनीकरण और खेतों में टेक्नोलॉजी को बड़े पैमाने पर अपनाने से हुई है।
PM-किसान सम्मान निधि और सॉइल हेल्थ कार्ड जैसी योजनाओं ने किसानों की भलाई और प्रोडक्टिविटी को मज़बूत किया है।
स्टैटिक GK टिप: 1960 के दशक के आखिर में शुरू हुई हरित क्रांति ने भारत में अनाज के प्रोडक्शन में लगातार बढ़ोतरी की नींव रखी।
नेचुरल खेती पर बढ़ता फोकस
नेचुरल खेती ने देश भर में ध्यान खींचा, जब PM मोदी ने 19-21 नवंबर को कोयंबटूर में हुए साउथ इंडिया नेचुरल फार्मिंग समिट के दौरान इसकी अहमियत पर ज़ोर दिया। समिट में केमिकल-फ्री मॉडल, एग्रो-इनोवेशन और किसानों के नेतृत्व वाली सस्टेनेबल खेती की तकनीकों को दिखाया गया।
यह मूवमेंट पढ़े-लिखे युवाओं को आकर्षित कर रहा है जो पर्यावरण के अनुकूल खेती के लिए कमिटेड हैं। यह बदलाव हेल्दी मिट्टी और कम केमिकल डिपेंडेंस की ओर देश भर में चल रहे ट्रेंड को दिखाता है।
स्टेटिक GK फैक्ट: आंध्र प्रदेश में शुरू किया गया ज़ीरो बजट नेचुरल फार्मिंग (ZBNF) मॉडल, भारत के खास नेचुरल फार्मिंग फ्रेमवर्क में से एक है।
किसानों से जुड़ाव और इनोवेशन
कोयंबटूर में नेचुरल फार्मिंग एग्ज़िबिशन के दौरान, प्रधानमंत्री ने किसानों से बातचीत की और देसी टेक्नोलॉजी के डिस्प्ले देखे। डेमो में ऑर्गेनिक इनपुट, रीजेनरेटिव फार्मिंग टेक्नीक और इको-फ्रेंडली पैकेजिंग सॉल्यूशन शामिल थे।
ये प्लेटफॉर्म किसान प्रोड्यूसर ऑर्गनाइज़ेशन (FPO) के लिए नॉलेज-शेयरिंग, मार्केट लिंकेज और इनोवेशन को बढ़ावा देते हैं।
सरकार के सपोर्ट मैकेनिज्म
PM-किसान की 21वीं किस्त 19 नवंबर को जारी की गई, जिससे किसानों की इनकम को सपोर्ट करने के सरकार के कमिटमेंट को और पक्का किया गया। यह स्कीम किसानों के लिए दुनिया के सबसे बड़े डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर प्रोग्राम में से एक है।
समिट, एग्ज़िबिशन और फाइनेंशियल मदद मिलकर सरकार की दो प्रायोरिटी को दिखाते हैं: रिकॉर्ड प्रोडक्शन बढ़ाना और सस्टेनेबल खेती के तरीकों को बढ़ावा देना।
स्टैटिक GK टिप: भारत की GDP में खेती का हिस्सा लगभग 15% है, जबकि यह लगभग 45% वर्कफोर्स को रोज़गार देती है।
नेशनल आउटकम और भविष्य के रास्ते
भारत का रिकॉर्ड अनाज प्रोडक्शन फ़ूड सिक्योरिटी को मज़बूत करता है, मार्केट को स्टेबल करता है, और गांव के लोगों की रोज़ी-रोटी को सपोर्ट करता है। सस्टेनेबल खेती की कोशिशें क्लाइमेट रिस्क के खिलाफ़ लंबे समय तक मज़बूती पक्का करती हैं।
ज़्यादा प्रोडक्टिविटी और इको-फ्रेंडली खेती का दोहरा तरीका भारत को एक आत्मनिर्भर खेती के भविष्य की ओर ले जाता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| Topic | Detail |
| रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन | 2025 में 357 मिलियन टन |
| दशकीय वृद्धि | 2015 से 100 मिलियन टन की बढ़ोतरी |
| प्रमुख घोषणा | 30 नवम्बर 2025 की मन की बात में की गई |
| प्रमुख शिखर सम्मेलन | साउथ इंडिया नेचुरल फार्मिंग समिट, कोयम्बटूर |
| सम्मेलन तिथियाँ | 19–21 नवम्बर 2025 |
| सरकारी योजना | पीएम–किसान सम्मान निधि, 21वीं किस्त जारी |
| फोकस क्षेत्र | प्राकृतिक और रसायन-मुक्त खेती |
| किसान समर्थन साधन | मृदा स्वास्थ्य कार्ड, DBT हस्तांतरण |
| कृषि वृद्धि प्रेरक | सिंचाई और मशीनीकरण में सुधार |
| राष्ट्रीय प्राथमिकता | सतत और लचीली कृषि |





