कैंपेन का मकसद
मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (MTC) ने बस फर्स्ट कैंपेन शुरू किया ताकि सड़क इस्तेमाल करने वालों को याद दिलाया जा सके कि वे सिटी बसों को प्रायोरिटी दें। इसका मुख्य मकसद सड़क अनुशासन में सुधार करना और पब्लिक ट्रांसपोर्ट की आसान आवाजाही सुनिश्चित करना है। यह पहल इस बात पर ज़ोर देती है कि चेन्नई जैसे बढ़ते शहरी केंद्र में बस प्रायोरिटी कैसे पूरी मोबिलिटी को बेहतर बना सकती है।
बस प्रायोरिटी का महत्व
यह कैंपेन गाड़ी चलाने वालों को बस लेन का सम्मान करने और बसों को रास्ता देने के लिए प्रोत्साहित करने पर फोकस करता है। जब बसें तेज़ी से और भरोसेमंद तरीके से चलती हैं, तो ज़्यादा लोग प्राइवेट गाड़ियों से पब्लिक ट्रांसपोर्ट में शिफ्ट होते हैं।
स्टेटिक GK फैक्ट: चेन्नई का MTC भारत के सबसे बड़े बस ट्रांसपोर्ट नेटवर्क में से एक है, जो रोज़ाना हज़ारों सर्विस चलाता है।
सपोर्ट करने वाले ऑर्गनाइज़ेशन
इस पहल को ITDP (इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसपोर्टेशन एंड डेवलपमेंट पॉलिसी) का सपोर्ट है। ITDP सस्टेनेबल मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए दुनिया भर में काम करता है और इसने कई पब्लिक ट्रांसपोर्ट सुधारों पर भारतीय शहरों के साथ पार्टनरशिप की है। ग्रेटर चेन्नई ट्रैफिक पुलिस भी एक बड़ा सहयोगी है, जो कैंपेन को लागू करने और जागरूकता फैलाने में मदद कर रहा है।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल को बढ़ावा देना
कैंपेन का मैसेज सड़क पर चलने के तरीके से कहीं ज़्यादा है। इसका मकसद बस ट्रांसपोर्ट के लिए लोगों का सम्मान बढ़ाना और लोगों को रोज़ाना आने-जाने के लिए बसें चुनने के लिए बढ़ावा देना है। बसों का इस्तेमाल करने से भीड़भाड़ और प्रदूषण कम होता है, जिससे शहर में आना-जाना ज़्यादा आसान हो जाता है।
स्टेटिक GK टिप: पब्लिक बसें कार और टू-व्हीलर की तुलना में सड़क की हर जगह पर ज़्यादा यात्रियों को ले जाती हैं।
ब्रांड एंबेसडर की भूमिका
क्रिकेटर थिरुश कामिनी को कैंपेन का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है। उनके पब्लिक असर से युवाओं और रोज़ाना आने-जाने वालों के बीच कैंपेन का मैसेज असरदार तरीके से फैलाने में मदद मिलने की उम्मीद है। एक जाने-माने खिलाड़ी के शामिल होने से इस पहल को पहचान और भरोसा मिलता है।
शहरी मोबिलिटी पर बड़ा असर
अगर सफल रहा, तो बस फर्स्ट कैंपेन चेन्नई में ज़्यादा व्यवस्थित ट्रैफिक फ्लो में मदद कर सकता है। यात्रा के समय को बेहतर बनाने के लिए कई ग्लोबल शहरों में बसों को प्राथमिकता देना एक आम बात है। मोड शिफ्ट को बढ़ावा देने से पर्यावरण के लक्ष्यों को भी मदद मिलती है और प्राइवेट गाड़ियों पर निर्भरता कम होती है।
स्टैटिक GK फैक्ट: चेन्नई भारत के उन शुरुआती शहरों में से है जिसने डेडिकेटेड बस रूट और बड़े पैमाने पर शहरी बस ऑपरेशन शुरू किए।
Static Usthadian Current Affairs Table
| Topic | Detail |
| अभियान का नाम | बस फर्स्ट अभियान |
| कार्यान्वयन निकाय | मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (MTC), चेन्नई |
| मुख्य उद्देश्य | मोटर चालकों को बसों को प्राथमिकता देने के लिए प्रोत्साहित करना |
| प्रमुख सहयोगी | ITDP और ग्रेटर चेन्नई ट्रैफिक पुलिस |
| ब्रांड एम्बेसडर | क्रिकेटर तिरुष कामिनी |
| फोकस क्षेत्र | सड़क अनुशासन और सार्वजनिक परिवहन के प्रति सम्मान |
| लक्षित समूह | मोटर चालक और दैनिक यात्री |
| शहरी गतिशीलता लक्ष्य | निजी वाहनों से बसों की ओर यात्रा का परिवर्तन |
| शहर | चेन्नई |
| परिवहन लाभ | यात्रियों के लिए तेज़ और सुरक्षित बस आवागमन |





