जुलाई 18, 2025 12:02 अपराह्न

तिस्ता-3 बाँध पुनर्निर्माण: सिक्किम में जलवायु-लचीला ढाँचा विकसित करने की नई योजना

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Teesta-3 Dam Reconstruction: A New Blueprint for Climate-Resilient Infrastructure in Sikkim

विनाशकारी बाढ़ और उसका प्रभाव

अक्टूबर 2024 में सिक्किम का तिस्ता-3 बाँध एक ग्लेशियर झील फटने से आई बाढ़ (GLOF) में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। इस आपदा में 100 से अधिक लोगों की जान गई, और महत्त्वपूर्ण ढाँचागत क्षति हुई। बाँध के जलद्वार समय पर न खुल पाने और पुराने रॉककंक्रीट मिश्रित ढांचे की अस्थिरता ने इस त्रासदी को और गंभीर बना दिया। इस घटना ने भारत के बाँध सुरक्षा उपायों में कमियाँ उजागर कीं और सरकार को पुनर्निर्माण और डिज़ाइन समीक्षा की दिशा में तत्काल कदम उठाने को मजबूर किया।

सुरक्षा और दक्षता के लिए नया डिज़ाइन

पर्यावरण मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति ने एक नए पुनर्निर्माण प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है। यह नया बाँध पूर्णतः प्रबलित कंक्रीट (reinforced concrete) से बनेगा, जिससे पूर्व की संरचनात्मक कमजोरियों को समाप्त किया जाएगा। सबसे अहम बदलाव है स्पिलवे क्षमता को तीन गुना बढ़ाया जाना, जिससे यह 19,946 क्यूबिक मीटर/सेकंड तक जल प्रवाह को संभाल सकेगा। यह वृद्धि बाढ़ की स्थिति में बाँध के फटने से बचाव के लिए आवश्यक मानी जा रही है।

भविष्य की आपदा से बचने के उपाय

समिति ने सुझाव दिया है कि उपरी तिस्ता घाटी में एक ग्लेशियर झील पूर्व चेतावनी प्रणाली स्थापित की जाए। यह प्रणाली जल स्तर की निगरानी करेगी और समय रहते बाढ़ द्वार संचालन और निकासी प्रक्रिया को सक्रिय कर पाएगी। यह पहाड़ी क्षेत्रों के लिए भारत की आपदा पूर्वानुमान क्षमताओं को अत्याधुनिक तकनीकों के साथ जोड़ने का एक महत्त्वपूर्ण कदम है।

वित्तीय और संरचनात्मक पुनर्स्थापन

पुनर्निर्माण की लागत ₹4,189 करोड़ आंकी गई है, जो कि पहले से स्वीकृत ₹13,965 करोड़ (2017 में) की लागत के अतिरिक्त है। यद्यपि आर्थिक भार बढ़ा है, फिर भी यह निवेश दीर्घकालीन सुरक्षा के लिए अनिवार्य माना जा रहा है। राहत की बात यह है कि अंडरग्राउंड पावरहाउस और इलेक्ट्रोमैकेनिकल सिस्टम काफी हद तक सुरक्षित हैं, जिससे 10–12 महीनों के भीतर मुख्य संचालन बहाल हो सकते हैं।

दीर्घकालिक संरक्षा सुधार

सुरक्षा की दृष्टि से एक मुख्य निर्णय यह है कि बाँध नियंत्रण कक्ष को ऊँचाई पर स्थानांतरित किया जाएगा, जिससे आपात स्थिति में कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। यह निर्णय जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को देखते हुए लचीला बुनियादी ढाँचा (climate-resilient infrastructure) विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम है। तिस्ता-3 बाँध का यह पुनर्निर्माण भारत के बाँध सुरक्षा प्रोटोकॉल को पुनर्परिभाषित करने का अवसर भी प्रदान करता है।

STATIC GK SNAPSHOT

विशेषता विवरण
बाँध का नाम तिस्ता-3 जलविद्युत बाँध
राज्य सिक्किम
क्षति का कारण ग्लेशियर झील फटना (GLOF), अक्टूबर 2024
पुनर्निर्माण लागत ₹4,189 करोड़
प्रारंभिक परियोजना लागत ₹13,965 करोड़ (2017 स्वीकृति)
नई स्पिलवे क्षमता 19,946 क्यूबिक मीटर/सेकंड
निर्माण सामग्री पूर्ण रूप से प्रबलित कंक्रीट
चेतावनी प्रणाली ग्लेशियर बाढ़ के लिए सुझाई गई
पुनर्स्थापन अवधि 10–12 महीने (गैर-बाँध संरचना)
प्रशासनिक निगरानी पर्यावरण मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति
Teesta-3 Dam Reconstruction: A New Blueprint for Climate-Resilient Infrastructure in Sikkim
  1. सिक्किम स्थित तीस्ता-3 जलविद्युत बांध अक्टूबर 2024 में एक ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (GLOF) से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
  2. इस बाढ़ आपदा में 100 से अधिक लोगों की जान गई और महत्वपूर्ण बांध संरचनाएँ नष्ट हो गईं
  3. पहला बांध ढांचा, जो पत्थर और कंक्रीट का बना था, भारी जल प्रवाह को नहीं झेल पाया और टूट गया।
  4. एक मुख्य कारण था कि समय पर फ्लडगेट नहीं खोले जा सके
  5. पर्यावरण मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति ने पूर्ण रूप से सुदृढ़ कंक्रीट बांध का नया डिज़ाइन सुझाया है।
  6. स्पिलवे क्षमता तीन गुना बढ़ाकर 19,946 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड कर दी गई है।
  7. यह डिज़ाइन जलवायु परिवर्तन से बढ़ती चरम मौसमी घटनाओं को सहन करने के उद्देश्य से बनाया गया है।
  8. ऊपरी तीस्ता क्षेत्र में ग्लेशियल लेक अर्ली वार्निंग सिस्टम स्थापित करने की सिफारिश की गई है।
  9. यह प्रणाली फ्लडगेट संचालन और निकासी के लिए रीयल टाइम चेतावनियाँ देगी।
  10. भारत हिमालयी क्षेत्रों की योजना में आपदा पूर्वानुमान प्रणाली को जोड़ रहा है।
  11. पुनर्निर्माण की अनुमानित लागत ₹4,189 करोड़ है, जो मूल लागत ₹13,965 करोड़ (2017) से अलग है।
  12. भूमिगत पावरहाउस और इलेक्ट्रोमैकेनिकल सिस्टम ज्यादातर सुरक्षित हैं।
  13. मुख्य कार्यात्मक बहाली 10–12 महीनों में पूरी होने की उम्मीद है।
  14. जल प्रवाह प्रणाली ने बाढ़ झेल ली, जिससे पुनर्प्राप्ति तेज़ हो रही है।
  15. बांध नियंत्रण कक्ष को उच्च स्थान पर स्थानांतरित किया जाएगा ताकि कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
  16. नया डिज़ाइन जलवायुलचीला बुनियादी ढांचे के मानकों को बढ़ावा देता है।
  17. इस आपदा ने भारत में बांध सुरक्षा और लचीलापन प्रोटोकॉल की राष्ट्रीय समीक्षा को प्रेरित किया।
  18. यह पुनर्निर्माण भारत की बांध इंजीनियरिंग रणनीति में एक बदलाव का संकेत देता है।
  19. हिमालयी राज्यों में GLOF खतरों में वृद्धि ग्लेशियर पिघलने के कारण हो रही है।
  20. पर्यावरण मंत्रालय की समिति पुनर्निर्माण और सुरक्षा सुधारों की निगरानी कर रही है।

Q1. अक्टूबर 2024 में तेस्ता-3 डेम के विनाश का कारण क्या था?


Q2. पुनर्निर्मित तेस्ता-3 डेम की नई स्पिलवे क्षमता क्या है?


Q3. तेस्ता-3 डेम के पुनर्निर्माण का अनुमानित लागत क्या है?


Q4. नई तेस्ता-3 डेम डिजाइन में संरचनात्मक बदलाव क्या है जो बेहतर लचीलापन सुनिश्चित करता है?


Q5. नई बुनियादी ढांचे के हिस्से के रूप में किस रणनीतिक सुरक्षा सुधार की योजना बनाई गई है?


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