विनाशकारी बाढ़ और उसका प्रभाव
अक्टूबर 2024 में सिक्किम का तिस्ता-3 बाँध एक ग्लेशियर झील फटने से आई बाढ़ (GLOF) में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। इस आपदा में 100 से अधिक लोगों की जान गई, और महत्त्वपूर्ण ढाँचागत क्षति हुई। बाँध के जलद्वार समय पर न खुल पाने और पुराने रॉक–कंक्रीट मिश्रित ढांचे की अस्थिरता ने इस त्रासदी को और गंभीर बना दिया। इस घटना ने भारत के बाँध सुरक्षा उपायों में कमियाँ उजागर कीं और सरकार को पुनर्निर्माण और डिज़ाइन समीक्षा की दिशा में तत्काल कदम उठाने को मजबूर किया।
सुरक्षा और दक्षता के लिए नया डिज़ाइन
पर्यावरण मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति ने एक नए पुनर्निर्माण प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है। यह नया बाँध पूर्णतः प्रबलित कंक्रीट (reinforced concrete) से बनेगा, जिससे पूर्व की संरचनात्मक कमजोरियों को समाप्त किया जाएगा। सबसे अहम बदलाव है स्पिलवे क्षमता को तीन गुना बढ़ाया जाना, जिससे यह 19,946 क्यूबिक मीटर/सेकंड तक जल प्रवाह को संभाल सकेगा। यह वृद्धि बाढ़ की स्थिति में बाँध के फटने से बचाव के लिए आवश्यक मानी जा रही है।
भविष्य की आपदा से बचने के उपाय
समिति ने सुझाव दिया है कि उपरी तिस्ता घाटी में एक ग्लेशियर झील पूर्व चेतावनी प्रणाली स्थापित की जाए। यह प्रणाली जल स्तर की निगरानी करेगी और समय रहते बाढ़ द्वार संचालन और निकासी प्रक्रिया को सक्रिय कर पाएगी। यह पहाड़ी क्षेत्रों के लिए भारत की आपदा पूर्वानुमान क्षमताओं को अत्याधुनिक तकनीकों के साथ जोड़ने का एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
वित्तीय और संरचनात्मक पुनर्स्थापन
पुनर्निर्माण की लागत ₹4,189 करोड़ आंकी गई है, जो कि पहले से स्वीकृत ₹13,965 करोड़ (2017 में) की लागत के अतिरिक्त है। यद्यपि आर्थिक भार बढ़ा है, फिर भी यह निवेश दीर्घकालीन सुरक्षा के लिए अनिवार्य माना जा रहा है। राहत की बात यह है कि अंडरग्राउंड पावरहाउस और इलेक्ट्रो–मैकेनिकल सिस्टम काफी हद तक सुरक्षित हैं, जिससे 10–12 महीनों के भीतर मुख्य संचालन बहाल हो सकते हैं।
दीर्घकालिक संरक्षा सुधार
सुरक्षा की दृष्टि से एक मुख्य निर्णय यह है कि बाँध नियंत्रण कक्ष को ऊँचाई पर स्थानांतरित किया जाएगा, जिससे आपात स्थिति में कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। यह निर्णय जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को देखते हुए लचीला बुनियादी ढाँचा (climate-resilient infrastructure) विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम है। तिस्ता-3 बाँध का यह पुनर्निर्माण भारत के बाँध सुरक्षा प्रोटोकॉल को पुनर्परिभाषित करने का अवसर भी प्रदान करता है।
STATIC GK SNAPSHOT
विशेषता | विवरण |
बाँध का नाम | तिस्ता-3 जलविद्युत बाँध |
राज्य | सिक्किम |
क्षति का कारण | ग्लेशियर झील फटना (GLOF), अक्टूबर 2024 |
पुनर्निर्माण लागत | ₹4,189 करोड़ |
प्रारंभिक परियोजना लागत | ₹13,965 करोड़ (2017 स्वीकृति) |
नई स्पिलवे क्षमता | 19,946 क्यूबिक मीटर/सेकंड |
निर्माण सामग्री | पूर्ण रूप से प्रबलित कंक्रीट |
चेतावनी प्रणाली | ग्लेशियर बाढ़ के लिए सुझाई गई |
पुनर्स्थापन अवधि | 10–12 महीने (गैर-बाँध संरचना) |
प्रशासनिक निगरानी | पर्यावरण मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति |