पाठ्यक्रम पुनर्निर्देशन के लिए नई समितियाँ
तमिलनाडु सरकार ने अपने स्कूल शिक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत राज्य ने दो विशेषीकृत समितियाँ गठित की हैं जिनका उद्देश्य तमिलनाडु राज्य शिक्षा नीति 2025 के अनुरूप पाठ्यक्रम को पुनः डिज़ाइन करना है। यह पहल गुणवत्ता, समावेशिता और व्यावहारिक शिक्षा परिणामों पर केंद्रित होगी।
स्थिर जीके तथ्य: तमिलनाडु राज्य शिक्षा नीति 2025 राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के बाद किसी राज्य द्वारा तैयार की गई पहली स्वतंत्र राज्य शिक्षा नीति है, जो तमिलनाडु की स्वतंत्र शिक्षा दृष्टि को दर्शाती है।
उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति
पहली समिति, जिसे उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति (High-Level Expert Committee) कहा गया है, का नेतृत्व स्कूल शिक्षा मंत्री अनबिल महेश पोय्यामोझी कर रहे हैं।
यह समिति नीति दिशा तय करेगी, विभागों के बीच समन्वय सुनिश्चित करेगी और वैश्विक शैक्षणिक मानकों को तमिलनाडु की सीखने की संस्कृति के साथ जोड़ने का कार्य करेगी।
समिति फिनलैंड और सिंगापुर जैसे देशों के सफल पाठ्यक्रम मॉडलों का अध्ययन करेगी और उनकी श्रेष्ठ पद्धतियों को स्थानीय संदर्भ में लागू करेगी।
इसका उद्देश्य शिक्षक प्रशिक्षण, डिजिटल लर्निंग और मूल्यांकन प्रणाली को बेहतर बनाकर छात्र–केंद्रित शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा देना है।
पाठ्यक्रम डिज़ाइन समिति
दूसरी समिति, पाठ्यक्रम डिज़ाइन समिति (Curriculum Design Committee) है, जिसकी अध्यक्षता सुल्तान अहमद इस्माइल कर रहे हैं। वे राज्य योजना आयोग के सदस्य और प्रसिद्ध पर्यावरण वैज्ञानिक हैं।
यह समिति पाठ्यक्रम पुनर्गठन के तकनीकी पहलुओं की देखरेख करेगी और इसे भविष्य की कौशल आवश्यकताओं और सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप बनाएगी।
समिति STEM शिक्षा, पर्यावरण अध्ययन और क्षेत्रीय संस्कृति पर बल देगी तथा तमिल मूल्यों को वैश्विक मानकों के साथ एकीकृत करेगी।
इसका लक्ष्य ऐसा पाठ्यक्रम विकसित करना है जो छात्रों में आलोचनात्मक सोच और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करे।
स्थिर जीके टिप: डॉ. सुल्तान अहमद इस्माइल केंचुआ कम्पोस्टिंग (Vermicomposting) और सतत मृदा प्रबंधन पर अपने शोध के लिए प्रसिद्ध हैं, और वे पर्यावरण शिक्षा में एक प्रमुख व्यक्तित्व हैं।
विविध और समावेशी समिति संरचना
समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए समितियों में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। सदस्यों में इसरो प्रमुख वी. नारायणन, क्रिकेटर रवीचंद्रन अश्विन और कर्नाटिक गायक सी. सौम्या शामिल हैं।
इनका समावेश राज्य की बहु-विषयक दृष्टि को दर्शाता है — जिसमें विज्ञान, खेल और कला का समन्वय किया गया है।
यह विविध टीम शैक्षणिक और सह-पाठ्यक्रम दोनों प्रकार की शिक्षा को जोड़ने की दिशा में कार्य करेगी ताकि छात्रों का सर्वांगीण विकास हो सके और वे वास्तविक जीवन की चुनौतियों के लिए तैयार हों।
कार्यकाल और अपेक्षित परिणाम
दोनों समितियाँ तीन वर्षों तक कार्य करेंगी। इस अवधि में वे आवधिक रिपोर्टें प्रस्तुत करेंगी, हितधारक परामर्श आयोजित करेंगी और पाठ्यक्रम, शिक्षण और मूल्यांकन प्रणाली में सुधार के प्रस्ताव तैयार करेंगी।
नया पाठ्यक्रम फील्ड टेस्टिंग और शिक्षक प्रशिक्षण के बाद चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। यह पहल सीखने के परिणामों और युवाओं की रोजगार क्षमता को बढ़ाने के व्यापक लक्ष्य के अनुरूप है।
स्थिर जीके तथ्य: तमिलनाडु पाठ्यपुस्तक और शैक्षणिक सेवा निगम (TNSCERT) राज्य में पाठ्यपुस्तकों की तैयारी और प्रकाशन के लिए जिम्मेदार संस्था है, जो इन समितियों द्वारा सुझाए गए नए पाठ्यक्रम ढाँचे को लागू करेगी।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| समितियाँ गठित की गईं | तमिलनाडु सरकार द्वारा |
| नीति आधार | तमिलनाडु राज्य शिक्षा नीति 2025 |
| कार्यकाल | 3 वर्ष |
| उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष | अनबिल महेश पोय्यामोझी |
| पाठ्यक्रम डिज़ाइन समिति के अध्यक्ष | सुल्तान अहमद इस्माइल |
| प्रमुख सदस्य | वी. नारायणन, रवीचंद्रन अश्विन, सी. सौम्या |
| मुख्य फोकस क्षेत्र | पाठ्यक्रम, शिक्षण और मूल्यांकन सुधार |
| संरेखण | तमिलनाडु की शिक्षा दृष्टि और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के साथ |
| कार्यान्वयन एजेंसी | TNSCERT |
| लक्ष्य | शिक्षा का आधुनिकीकरण और सीखने के परिणामों में सुधार |





