सरकारी निर्णय
केंद्र सरकार ने शीरे पर 50% निर्यात शुल्क हटाने का निर्णय लिया है, जिससे चीनी और डिस्टिलरी क्षेत्रों को बड़ी राहत मिलेगी। इस कदम से भारत की एथनॉल उत्पादन क्षमता बढ़ने, निर्यात में वृद्धि होने और चीनी मिलों की तरलता (Liquidity) सुधरने की उम्मीद है। यह निर्णय बायोफ्यूल आधारित ऊर्जा को बढ़ावा देने और कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता कम करने के भारत के व्यापक लक्ष्य के अनुरूप है।
स्थिर जीके तथ्य: भारत, ब्राज़ील के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक है।
शीरा क्या है
शीरा गन्ने या शुगर बीट से चीनी परिष्करण के दौरान प्राप्त होने वाला गाढ़ा, गहरा भूरा उपउत्पाद है। इसमें मुख्यतः सुक्रोज, ग्लूकोज़ और फ्रुक्टोज होते हैं, साथ ही कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम जैसे खनिज भी होते हैं। चीनी की मात्रा के आधार पर शीरे को लाइट, डार्क और ब्लैकस्ट्रैप प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है।
कुछ क्षेत्रों में इसके रूप-रंग के कारण इसे “Exhausted Honey” या “Poor Honey” भी कहा जाता है।
स्थिर जीके टिप: “Molasses” शब्द की उत्पत्ति पुर्तगाली शब्द melaco (सिरप) से हुई है।
आर्थिक महत्व
निर्यात शुल्क हटने से शीरे के अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, विशेषकर उन देशों में जहाँ एथनॉल और फीडस्टॉक की उच्च माँग है। यह सुधार चीनी मिलों के अधिशेष स्टॉक को कम करने में मदद करेगा और बेहतर खरीद दरों के माध्यम से किसानों की अतिरिक्त आय सुनिश्चित करेगा।
यह कदम एथनॉल ब्लेंडिंग प्रोग्राम (EBP) को भी समर्थन देता है, जिसके तहत 2025 तक पेट्रोल में 20% एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य है। शीरा-आधारित एथनॉल इस नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
स्थिर जीके तथ्य: भारत में एथनॉल मुख्यतः C-हैवी शीरे, B-हैवी शीरे और गन्ना रस से बनाया जाता है।
प्रमुख उपयोग
शीरा कई उद्योगों का महत्वपूर्ण कच्चा माल है। इसका उपयोग पेय निर्माण, एथनॉल और अल्कोहल उत्पादन, तथा उर्वरकों और पशु-चारे के घटक के रूप में होता है। डिस्टिलरी क्षेत्र में यह इंडस्ट्रियल अल्कोहल और रेक्टिफाइड स्पिरिट बनाने का आधार है।
उच्च पोषक तत्वों के कारण शीरे से सिट्रिक एसिड, यीस्ट और कुछ फार्मास्यूटिकल उत्पाद भी बनाए जाते हैं।
स्थिर जीके टिप: भारत के शीर्ष शीरा-उत्पादक राज्य उत्त्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक हैं।
वैश्विक व्यापार परिदृश्य
निर्यात शुल्क हटने से भारत से शीरे के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना है, खासकर दक्षिण-पूर्व एशिया और अफ्रीका के देशों में जहाँ एथनॉल-आधारित ईंधन की माँग बढ़ रही है। यह नीति भारत की वैश्विक बायोफ्यूल बाज़ार में उपस्थिति को मजबूत कर सकती है और सतत ऊर्जा संक्रमण की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| उत्पाद | शीरा (चीनी परिष्करण का उपउत्पाद) |
| स्रोत | गन्ना और शुगर बीट |
| प्रमुख पोषक तत्व | कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम |
| मुख्य उपयोग | एथनॉल, पेय, उर्वरक, पशु-चारा |
| निर्यात शुल्क परिवर्तन | केंद्र सरकार द्वारा 50% शुल्क हटाया गया |
| संबंधित नीति | एथनॉल ब्लेंडिंग प्रोग्राम (2025 तक 20% लक्ष्य) |
| शीर्ष उत्पादक राज्य | उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक |
| चीनी उत्पादन में भारत की वैश्विक रैंक | ब्राज़ील के बाद दूसरा |
| शब्द की उत्पत्ति | पुर्तगाली शब्द melaco (सिरप) से |
| लाभान्वित क्षेत्र | चीनी और डिस्टिलरी उद्योग |





