जलवायु कार्रवाई में अग्रणी जिले
तमिलनाडु सरकार ने भारत की राज्य–स्तरीय जलवायु नीति को सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है — राज्य में क्लाइमेट एक्शन ट्रैकर और क्लाइमेट डिकार्बोनाइज़ेशन पाथवे का शुभारंभ किया गया है।
यह पहल वसुधा फाउंडेशन के सहयोग से शुरू की गई है और इसमें रामनाथपुरम, विरुधुनगर, कोयंबटूर और नीलगिरी ज़िलों को शामिल किया गया है।
इन जिलों का चयन उनके विविध पारिस्थितिक तंत्रों — तटीय, औद्योगिक और पर्वतीय — का प्रतिनिधित्व करने के लिए किया गया है, ताकि स्थानीय स्तर पर कार्बन चुनौतियों और अवसरों का समग्र विश्लेषण किया जा सके।
स्थैतिक तथ्य: तमिलनाडु नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में भारत के अग्रणी राज्यों में से एक है और यह देश के स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण में बड़ा योगदान देता है।
नेट ज़ीरो उत्सर्जन का लक्ष्य
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य जिला–स्तर की जलवायु योजनाओं के माध्यम से नेट ज़ीरो उत्सर्जन हासिल करना है।
यह स्थानीयकृत दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है कि हर जिला कार्बन उत्सर्जन में मापनीय कमी, सतत विकास योजनाएँ, और स्वच्छ तकनीकों को अपनाने में योगदान दे सके।
तमिलनाडु की यह योजना भारत के पेरिस समझौते (Paris Agreement) के अंतर्गत राष्ट्रीय रूप से निर्धारित योगदानों (NDCs) के साथ संरेखित है—जो देश की जलवायु प्रतिबद्धताओं को क्षेत्रीय स्तर पर सशक्त बनाता है।
नवीकरणीय ऊर्जा में उपलब्धियाँ
पिछले पाँच वर्षों में तमिलनाडु ने लगभग 10 गीगावॉट (GW) नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ी है।
आज राज्य की कुल स्थापित बिजली क्षमता का लगभग 60% हिस्सा पवन और सौर ऊर्जा जैसे स्वच्छ स्रोतों से आता है।
स्थैतिक तथ्य: तमिलनाडु भारत का पहला राज्य है जिसने 10 GW पवन ऊर्जा क्षमता का आँकड़ा पार किया।
इस उपलब्धि ने तमिलनाडु को देश के सबसे ऊर्जा–कुशल और पर्यावरण–जिम्मेदार राज्यों में स्थान दिलाया है।
सतत शहरी और ग्रामीण परियोजनाएँ
इस पहल के अंतर्गत कई सतत परियोजनाएँ शामिल हैं —
- कोयंबटूर में 500 सिटी बसों का विद्युतीकरण, और
- 2030 तक 5 लाख स्ट्रीटलाइटों को LED से बदलना।
इनसे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी, शहरी वायु गुणवत्ता में सुधार, और नगरपालिकाओं के ऊर्जा व्यय में बचत की उम्मीद है।
कार्यक्रम में सामुदायिक भागीदारी, ग्रीन फाइनेंसिंग, और स्थानीय सरकारों के लिए क्षमता निर्माण पर भी ज़ोर दिया गया है।
स्थैतिक जीके टिप: LED स्ट्रीटलाइट परियोजना, तमिलनाडु एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (TEDA) के तहत शहरी निकायों में ऊर्जा दक्षता बढ़ाने की दिशा में एक प्रमुख पहल है।
जलवायु-सक्षम तमिलनाडु की दृष्टि
क्लाइमेट एक्शन ट्रैकर एक गतिशील निगरानी उपकरण (Dynamic Monitoring Tool) के रूप में कार्य करेगा, जो उत्सर्जन में कमी, नवीकरणीय ऊर्जा अपनाने, और नीतियों के कार्यान्वयन की प्रगति का मूल्यांकन करेगा।
यह नीति-निर्माताओं को यह पहचानने में मदद करेगा कि कौन से जिले सही दिशा में हैं और कहाँ सुधार की आवश्यकता है।
इस डेटा–आधारित मॉडल को भविष्य में अन्य राज्यों में भी लागू किया जा सकता है ताकि संतुलित जलवायु जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।
तमिलनाडु की यह पहल भारत की 2070 तक नेट ज़ीरो प्राप्त करने की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा को सशक्त बनाती है।
स्थैतिक Usthadian वर्तमान मामलों की तालिका
| विषय | विवरण |
| पहल का नाम | क्लाइमेट एक्शन ट्रैकर और क्लाइमेट डिकार्बोनाइज़ेशन पाथवे |
| शुरू करने वाली संस्था | तमिलनाडु सरकार |
| सहयोगी संगठन | वसुधा फाउंडेशन |
| शामिल जिले | रामनाथपुरम, विरुधुनगर, कोयंबटूर, नीलगिरी |
| मुख्य उद्देश्य | जिला-स्तर पर कार्रवाई के माध्यम से नेट ज़ीरो उत्सर्जन प्राप्त करना |
| जोड़ी गई नवीकरणीय ऊर्जा | पिछले पाँच वर्षों में लगभग 10 GW |
| नवीकरणीय ऊर्जा का हिस्सा | कुल स्थापित बिजली क्षमता का लगभग 60% |
| मुख्य परियोजनाएँ | 500 सिटी बसों का विद्युतीकरण, 2030 तक 5 लाख LED स्ट्रीटलाइटें |
| संरेखण | भारत की पेरिस समझौता प्रतिबद्धताएँ (NDCs) |
| स्थैतिक तथ्य | तमिलनाडु पवन ऊर्जा क्षमता में भारत का अग्रणी राज्य है |





