भारतीय विज्ञान में एक प्रतिष्ठित सम्मान
डॉ. साई गौतम गोपालकृष्णन, जो भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरु में सह-प्राध्यापक हैं, को मनोहर पर्रिकर युवा वैज्ञानिक पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया है।
यह पुरस्कार उनके संगणकीय पदार्थ विज्ञान (Computational Materials Science) में उत्कृष्ट शोध कार्य के लिए प्रदान किया गया है, जिसने भारत के पदार्थ इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
पूर्व रक्षा मंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की स्मृति में स्थापित यह पुरस्कार देश के युवा वैज्ञानिकों के लिए सबसे प्रतिष्ठित सम्मानों में से एक है। इसमें ₹5 लाख की नकद राशि और प्रशस्ति पत्र शामिल है—जो इसे राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी पुरस्कारों में सर्वाधिक मूल्यवान बनाता है।
स्थैतिक तथ्य: यह पुरस्कार प्रतिवर्ष विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अपशिष्ट प्रबंधन विभाग (DSTWM), गोवा सरकार द्वारा युवा वैज्ञानिक प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने हेतु दिया जाता है।
शीर्ष अनुसंधान संस्थानों से चयन प्रक्रिया
2025 में इस पुरस्कार के लिए देशभर के प्रमुख अनुसंधान संस्थानों से 50 आवेदन प्राप्त हुए। चयन प्रक्रिया की अध्यक्षता प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक डॉ. अनिल काकोडकर ने की।
कई मूल्यांकन चरणों के बाद 10 उम्मीदवारों को अंतिम साक्षात्कार के लिए चुना गया।
डॉ. गोपालकृष्णन के पदार्थ मॉडलिंग और जटिल मिश्रधातुओं के संगणकीय विश्लेषण पर आधारित नवाचारी कार्य को सतत औद्योगिक तकनीकों और ऊर्जा दक्ष पदार्थों के विकास की क्षमता के लिए विशेष रूप से सराहा गया।
स्थैतिक जीके टिप: डॉ. अनिल काकोडकर पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित हैं और भारत के परमाणु ऊर्जा आयोग (AEC) के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं।
संगणकीय पदार्थ अनुसंधान को नई दिशा
IISc में डॉ. गोपालकृष्णन की टीम एआई (Artificial Intelligence) और एटॉमिक–स्तर सिमुलेशन को संयोजित कर उन्नत पदार्थों की डिज़ाइनिंग पर काम करती है।
उनका शोध कार्य ऊर्जा भंडारण, एयरोस्पेस, इलेक्ट्रॉनिक्स और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में उपयोगी है।
उनका यह योगदान भारत की स्वदेशी नवाचार और तकनीकी आत्मनिर्भरता (Atmanirbhar Technology Vision) की दिशा में एक मजबूत कदम है।
स्थैतिक तथ्य: भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) की स्थापना 1909 में हुई थी और यह भारत का प्रमुख अनुसंधान एवं उच्च शिक्षा संस्थान है।
युवा नवोन्मेषकों को प्रोत्साहन
युवा वैज्ञानिक पुरस्कार का उद्देश्य भारत के नवोदित वैज्ञानिकों को अनुप्रयुक्त विज्ञान और नवाचार में उत्कृष्टता के लिए प्रेरित करना है।
यह पुरस्कार युवा प्रतिभाओं को सम्मानित कर भारत की वैश्विक वैज्ञानिक नेतृत्व स्थिति को सशक्त बनाता है और विज्ञान के माध्यम से राष्ट्र निर्माण की भावना को बढ़ावा देता है।
औपचारिक सम्मान समारोह दिसंबर 2025 में आयोजित मनोहर पर्रिकर विज्ञान महोत्सव के दौरान होगा, जिसमें देशभर से वैज्ञानिक, नीति–निर्माता और नवोन्मेषक भाग लेंगे।
स्थैतिक Usthadian वर्तमान मामलों की तालिका
| विषय | विवरण |
| पुरस्कार का नाम | मनोहर पर्रिकर युवा वैज्ञानिक पुरस्कार 2025 |
| पुरस्कार प्राप्तकर्ता | डॉ. साई गौतम गोपालकृष्णन |
| संस्थान | भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरु |
| कार्य क्षेत्र | संगणकीय पदार्थ विज्ञान (Computational Materials Science) |
| नकद पुरस्कार | ₹5 लाख |
| चयन समिति अध्यक्ष | डॉ. अनिल काकोडकर |
| पुरस्कार प्रदान कार्यक्रम | मनोहर पर्रिकर विज्ञान महोत्सव 2025 |
| आवेदनों की संख्या | 50 |
| आयोजक संस्था | गोवा सरकार |
| मुख्य उद्देश्य | युवा भारतीय वैज्ञानिकों में नवाचार को प्रोत्साहित करना |





