नवाचार के माध्यम से भारतीय कृषि में परिवर्तन
भारत का कृषि क्षेत्र (Agricultural Sector) अब डिजिटल परिवर्तन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
नीति आयोग (NITI Aayog) के फ्रंटियर टेक हब (Frontier Tech Hub) ने हाल ही में रिपोर्ट जारी की —
“Reimagining Agriculture: A Roadmap for Frontier Technology Led Transformation”,
जो बताती है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), डिजिटल ट्विन्स, और उन्नत मशीनीकरण (Advanced Mechanisation) जैसी फ्रंटियर तकनीकें कैसे कृषि क्षेत्र को अधिक उत्पादक, लाभकारी और सतत बना सकती हैं।
स्थैतिक तथ्य (Static GK fact): नीति आयोग की स्थापना 2015 में हुई थी, जिसने योजना आयोग (Planning Commission) की जगह ली और यह भारत का प्रमुख नीति थिंक टैंक है।
कृषि परिवर्तन में बाधाएँ
रिपोर्ट बताती है कि कृषि में कार्यबल की अधिक भागीदारी और GDP में बड़े योगदान के बावजूद,
यह क्षेत्र अभी भी कई संरचनात्मक बाधाओं (Structural Barriers) का सामना कर रहा है।
मुख्य चुनौतियाँ हैं —
- विखंडित डेटा प्रणाली (Siloed Data Systems)
- कम इंटरनेट पहुँच (Limited Internet Access)
- कमज़ोर ग्रामीण अवसंरचना (Poor Infrastructure)
इसके अलावा, AI-ready स्थानीय डेटा की कमी,
अकादमिक–नीति–उद्योग के बीच सीमित समन्वय,
और उच्च–जोखिम वाले AgTech नवाचारों के लिए वित्त पोषण अंतर (Funding Gap)
कृषि-तकनीक के विस्तार को धीमा करते हैं।
रिपोर्ट ने यह भी रेखांकित किया है कि किसानों के लिए सीमित ऋण पहुँच (Credit Access)
डिजिटल प्रयोगों और तकनीकी नवाचारों के विस्तार (Scaling) में बड़ी बाधा है।
फ्रंटियर टेक्नोलॉजी की भूमिका: खेती को नया जीवन
रिपोर्ट एक भविष्य–दृष्टि रोडमैप (Visionary Roadmap) प्रस्तुत करती है जिसमें
बीज नवाचार (Seed Innovation), वर्टिकल फार्मिंग, सटीक उपकरण (Precision Tools),
डिजिटल ट्विन्स, एजेंटिक एआई (Agentic AI) और स्मार्ट सेंसर (Smart Sensors) शामिल हैं।
इन तकनीकों का उद्देश्य है —
- उत्पादकता बढ़ाना,
- जलवायु अनुकूलता (Climate Resilience) विकसित करना,
- और किसानों की आय सुरक्षा (Income Security) सुनिश्चित करना।
डेटा-आधारित कृषि से किसान इनपुट का इष्टतम उपयोग, उपज का पूर्वानुमान (Yield Prediction),
और अप्रत्याशित मौसम के कारण होने वाले नुकसान को कम कर सकेंगे।
स्थैतिक जीके टिप (Static GK Tip): आर्थिक सर्वेक्षण 2024–25 के अनुसार,
भारत का कृषि क्षेत्र राष्ट्रीय GDP का लगभग 18% योगदान देता है
और कुल कार्यबल का लगभग 42% रोजगार प्रदान करता है।
डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन 2.0 का तीन-स्तंभ ढाँचा
रिपोर्ट में डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन 2.0 (Digital Agriculture Mission 2.0) के तहत
तीन–स्तंभीय (Three-Pillar) फ्रेमवर्क प्रस्तुत किया गया है —
स्तंभ 1: बुनियादी प्रणालियों को मजबूत करना (Strengthening Foundational Systems)
- 360-डिग्री डेटा पारिस्थितिकी तंत्र (Data Ecosystem) तैयार करना।
- ग्रामीण स्तर पर डिजिटल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना।
- एग्रीटेक स्टार्टअप एक्सेलेरेटर नेटवर्क को उन्नत करना।
→ उद्देश्य है फ्रंटियर–टेक के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को तैयार करना।
स्तंभ 2: कृषि नवाचार और प्रतिभा प्रणाली का पुनरावलोकन (Reimagining Agri-Innovations and Talent Systems)
- वैश्विक प्रतिस्पर्धी प्रतिभा (Global Talent) विकसित करना।
- अनुसंधान एवं विकास (R&D) पारिस्थितिकी को सुदृढ़ करना।
- उद्योग–उन्मुख शिक्षा और बहु–विषयक नवाचार (Interdisciplinary Education) को बढ़ावा देना।
स्तंभ 3: सार्वजनिक–निजी प्रयासों का एकीकरण (Converging Public-Private Efforts)
- संवाद प्लेटफ़ॉर्म (Dialogue Platforms) स्थापित करना।
- तेज़ नीति निर्माण (Agile Policymaking) और नीति क्रियान्वयन में सहयोग (Collaboration) बढ़ाना।
स्थैतिक तथ्य (Static GK fact): डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन की शुरुआत 2021 में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा की गई थी,
जिसका उद्देश्य AI, ब्लॉकचेन, और रिमोट सेंसिंग जैसी उभरती तकनीकों को कृषि में एकीकृत करना है।
भविष्य के लिए तैयार एग्रीटेक पारिस्थितिकी
भारत की सतत कृषि (Sustainable Agriculture), जलवायु–स्मार्ट खेती (Climate-Smart Farming)
और डिजिटल समावेशन (Digital Inclusion) पर बढ़ती प्राथमिकता के साथ,
नीति आयोग की यह नई रूपरेखा (Framework) कृषि क्रांति के लिए ब्लूप्रिंट के रूप में कार्य करेगी।
सहयोगी नीतियाँ, नवीन वित्तपोषण मॉडल और मजबूत डेटा संरचना (Data Backbone)
भारत की अगली कृषि क्रांति (Next Agri-Revolution) को दिशा देंगे।
स्थैतिक “Usthadian” चालू घटनाएँ तालिका
| विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
| रिपोर्ट शीर्षक | Reimagining Agriculture: A Roadmap for Frontier Technology Led Transformation |
| जारीकर्ता संस्था | नीति आयोग का फ्रंटियर टेक हब |
| मुख्य उद्देश्य | फ्रंटियर टेक्नोलॉजी के माध्यम से कृषि परिवर्तन को बढ़ावा देना |
| प्रमुख तकनीकें | AI, IoT, डिजिटल ट्विन्स, स्मार्ट सेंसर, वर्टिकल फार्मिंग |
| ढाँचा | डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन 2.0 के अंतर्गत तीन-स्तंभ मॉडल |
| प्रमुख बाधाएँ | डेटा सिलोस, अवसंरचना की कमी, सीमित समन्वय, वित्तीय अंतर |
| डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन प्रारंभ वर्ष | 2021 |
| मिशन 2.0 का उद्देश्य | फ्रंटियर-टेक तैयारी और डिजिटल एकीकरण |
| स्थैतिक जीके तथ्य | कृषि का GDP में ~18% योगदान और 42% कार्यबल की भागीदारी |
| कार्यान्वयन दृष्टिकोण | सार्वजनिक–निजी एकीकरण और नवाचार-आधारित अनुसंधान |





