एनसीएलएटी का प्रमुख निर्णय
नेशनल कंपनी लॉ अपीलीय अधिकरण (NCLAT) ने हाल ही में निर्णय दिया कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) को पेटेंट–संबंधी विवादों पर अधिकार–क्षेत्र नहीं है। अधिकरण ने स्पष्ट किया कि पेटेंट अधिकारों से जुड़े मामलों का संचालन केवल पेटेंट अधिनियम, 1970 के तहत होगा, जिससे विशेष कानून की सामान्य कानून पर प्राथमिकता पुनः स्थापित होती है।
यह निर्णय पेटेंट उपयोग से जुड़ी कथित प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं के एक मामले में आया। NCLAT ने रेखांकित किया कि चूँकि पेटेंट विनियमन तकनीकी एवं नवाचार-सम्बंधित अधिकारों से जुड़ा है, अतः जहाँ भी ओवरलैप हो, पेटेंट अधिनियम, 1970, प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 पर वरीय होगा।
स्थैतिक तथ्य (Static GK): भारत में विधिक पदानुक्रम का सिद्धांत कहता है कि टकराव की स्थिति में विशेष क़ानून (special statute), सामान्य क़ानून (general statute) पर प्रभावी होता है।
पेटेंट अधिनियम, 1970 को समझना
पेटेंट अधिनियम, 1970 आविष्कारकों को निर्माण, उपयोग और विक्रय के विशेषाधिकार सीमित अवधि के लिए देता है, जिससे अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा मिलता है। यह क़ानून अनिवार्य लाइसेंसिंग जैसे प्रावधानों के माध्यम से नवाचार के पुरस्कार और जन-हित में नई तकनीकों तक सार्वजनिक पहुँच के बीच संतुलन साधता है।
भारत में पेटेंट उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) के अधीन पेटेंट, डिज़ाइन और ट्रेडमार्क्स के महा–नियंत्रक (CGPDTM) के कार्यालय द्वारा प्रदान किए जाते हैं।
स्थैतिक जीके टिप: भारत 1975 में विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) का सदस्य बना।
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय अधिकरण (NCLAT) के बारे में
कंपनियाँ अधिनियम, 2013 की धारा 410 के अंतर्गत स्थापित NCLAT निम्न प्राधिकरणों के आदेशों के विरुद्ध अपीलें सुनता है:
- नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT)
- इन्सॉल्वेन्सी एंड बैंकruptcy बोर्ड ऑफ़ इंडिया (IBBI)
- भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI)
इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। NCLAT के चेयरपर्सन की नियुक्ति भारत सरकार द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श कर की जाती है।
स्थैतिक तथ्य: पहला NCLAT वर्ष 2016 में गठित हुआ, जिसने कंपनी लॉ बोर्ड का स्थान लिया।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) की भूमिका
प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 के तहत स्थापित CCI का उद्देश्य बाज़ार में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना और प्रतिस्पर्धा–विरोधी समझौतों, कार्टेल तथा प्रभुत्व के दुरुपयोग को रोकना है, ताकि उपभोक्ता हितों की रक्षा हो और लेवल प्लेइंग फ़ील्ड सुनिश्चित हो।
हालिया NCLAT निर्णय ने स्पष्ट किया कि पेटेंट–संबंधी ओवरलैप की स्थिति में CCI का दायरा सीमित होगा और ऐसे मामले विशेष पेटेंट क़ानून के अंतर्गत आएँगे।
स्थैतिक जीके टिप: CCI में एक अध्यक्ष और अधिकतम छह सदस्य होते हैं, जिनकी नियुक्ति केंद्र सरकार करती है।
व्यापक निहितार्थ
यह निर्णय वैधानिक संस्थाओं के बीच अधिकार–क्षेत्र की स्पष्टता को सुदृढ़ करता है। नवाचार-संबंधी विवादों को पेटेंट–क़ानून के दायरे में रखकर प्रतिस्पर्धा प्राधिकरणों और आईपीआर संस्थाओं के बीच विनियामक ओवरलैप और भ्रम से बचाव होता है।
कुल मिलाकर, यह फैसला भारत के कॉरपोरेट एवं बौद्धिक संपदा न्यायशास्त्र में एक महत्त्वपूर्ण नज़ीर (precedent) स्थापित करता है, जो आर्थिक स्वतंत्रता और तकनीकी नवाचार–सुरक्षा के बीच संतुलन बनाता है।
स्थैतिक “Usthadian” चालू घटनाएँ तालिका
| विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
| NCLAT का पूर्ण रूप | National Company Law Appellate Tribunal |
| अधिनियम जिसके अंतर्गत स्थापित | कंपनियाँ अधिनियम, 2013 |
| स्थापना वर्ष | 2016 |
| मुख्यालय | नई दिल्ली |
| जिनसे अपीलें सुनता है | NCLT, IBBI, CCI |
| CCI का पूर्ण रूप | Competition Commission of India |
| CCI किस अधिनियम से स्थापित | प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 |
| CCI की प्राथमिक भूमिका | प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं को रोकना एवं उपभोक्ता संरक्षण |
| पेटेंट अधिनियम लागू वर्ष | 1970 |
| पेटेंट का पर्यवेक्षण प्राधिकरण | Controller General of Patents, Designs & Trade Marks |
| पेटेंट का मंत्रालय | DPIIT, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय |
| NCLAT चेयरपर्सन की नियुक्ति | केंद्र सरकार द्वारा, CJI से परामर्श के साथ |
| भारत की WIPO सदस्यता | 1975 से |
| अधिकार-क्षेत्रीय वरीयता | पेटेंट अधिनियम, प्रतिस्पर्धा अधिनियम पर वरीय |
| पेटेंट अधिनियम का उद्देश्य | नवाचार को बढ़ावा, साथ ही जन-पहुँच सुनिश्चित करना |
| प्रतिस्पर्धा अधिनियम का उद्देश्य | मुक्त एवं निष्पक्ष बाज़ार प्रतिस्पर्धा बनाए रखना |
| उजागर विधिक सिद्धांत | विशेष क़ानून, सामान्य क़ानून पर वरीय |
| CCI की संरचना | एक अध्यक्ष + अधिकतम छह सदस्य |
| फैसले का मूल प्रभाव | पेटेंट मामलों में CCI के अधिकार-क्षेत्र की सीमा तय |
| व्यापक महत्व | IPR और प्रतिस्पर्धा कानून के अधिकार-क्षेत्र की स्पष्टता |





