पिंक सहेली स्मार्ट कार्ड का शुभारंभ
दिल्ली सरकार ने 2 नवंबर 2025 को पिंक सहेली स्मार्ट कार्ड की शुरुआत की, जिससे महिलाओं और ट्रांसजेंडर यात्रियों को दिल्ली परिवहन निगम (DTC) और क्लस्टर बसों में नि:शुल्क यात्रा की सुविधा मिलेगी।
यह डिजिटल पहल शहर के सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क में सुरक्षा, पहुँच और समावेशिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
स्थैतिक तथ्य (Static GK fact): डीटीसी (DTC) की स्थापना 1948 में हुई थी और यह भारत की सबसे बड़ी सार्वजनिक बस परिवहन सेवाओं में से एक है, जो प्रतिदिन लाखों यात्रियों को सेवा प्रदान करती है।
योजना का उद्देश्य और दृष्टि
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि पिंक सहेली स्मार्ट कार्ड सरकार की लैंगिक समानता और सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
यह कार्ड 12 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिलाओं और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए उपलब्ध है, जिससे वे पूरे शहर में नि:शुल्क और सुविधाजनक यात्रा कर सकें।
यात्रा व्यय को समाप्त करके, सरकार कामकाजी महिलाओं और छात्राओं को सहायता प्रदान करना चाहती है ताकि वे आर्थिक और शैक्षिक गतिविधियों में अधिक सक्रिय रूप से भाग ले सकें।
स्थैतिक जीके टिप (Static GK Tip): दिल्ली 2019 में महिलाओं के लिए नि:शुल्क बस यात्रा शुरू करने वाला पहला भारतीय राज्य बना था।
आर्थिक और पर्यावरणीय प्रभाव
इस योजना से हजारों यात्रियों, विशेषकर निम्न-आय वर्ग के परिवारों, के दैनिक यात्रा खर्च में कमी आएगी।
अधिकारियों का अनुमान है कि इससे सार्वजनिक परिवहन उपयोग में वृद्धि होगी, जिससे यातायात जाम और प्रदूषण स्तर में कमी आएगी।
डिजिटल किराया प्रणाली के साथ पिंक सहेली स्मार्ट कार्ड का एकीकरण स्मार्ट अर्बन मोबिलिटी और सतत शासन (Sustainable Governance) की दिशा में एक बड़ा कदम है।
स्थैतिक तथ्य (Static GK fact): राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के अनुसार, दिल्ली में लगभग 47% महिलाएँ कार्यबल में शामिल हैं — उनकी गतिशीलता बढ़ने से आर्थिक भागीदारी में सीधा सुधार होता है।
शैक्षिक और सामाजिक समावेशन सुधार
परिवहन योजना के साथ-साथ, शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने घोषणा की कि गैर-अनुरूपित (Non-conforming) क्षेत्रों में स्थित निजी अप्रयुक्त विद्यालय (Private Unaided Schools) को मान्यता के लिए आवेदन करने की अनुमति दी जाएगी।
यह कदम यह सुनिश्चित करता है कि वंचित क्षेत्रों के बच्चे बिना नौकरशाही अड़चनों के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकें।
यह शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 (Right to Education Act, 2009) के अनुरूप है, जो 6–14 वर्ष के सभी बच्चों के लिए शिक्षा तक सार्वभौमिक पहुँच सुनिश्चित करता है।
शहरी शासन पर व्यापक प्रभाव
पिंक सहेली स्मार्ट कार्ड और विद्यालय मान्यता सुधार, दोनों मिलकर दिल्ली सरकार की लैंगिक संवेदनशील शासन और समावेशी शिक्षा की दोहरी नीति को दर्शाते हैं।
महिलाओं और बच्चों द्वारा झेली जाने वाली दैनिक चुनौतियों का समाधान करके, प्रशासन एक सुरक्षित, न्यायसंगत और सशक्त राजधानी शहर बनाने का लक्ष्य रखता है।
स्थैतिक तथ्य (Static GK fact): दिल्ली मानव विकास सूचकांक (HDI) में लगातार शीर्ष राज्यों में रही है, जो इसकी प्रगतिशील सामाजिक कल्याण और शिक्षा नीतियों को दर्शाता है।
स्थैतिक “Usthadian” चालू घटनाएँ तालिका
| विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
| योजना का नाम | पिंक सहेली स्मार्ट कार्ड |
| लॉन्च तिथि | 2 नवंबर 2025 |
| घोषणा करने वाली | मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता |
| लाभार्थी | 12 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिलाएँ और ट्रांसजेंडर यात्री |
| परिवहन माध्यम | डीटीसी और क्लस्टर बसें |
| शिक्षा सुधार | गैर-अनुरूपित क्षेत्रों के निजी अप्रयुक्त विद्यालयों को मान्यता |
| सहयोगी मंत्री | शिक्षा मंत्री आशीष सूद |
| प्रमुख उद्देश्य | नि:शुल्क यात्रा, लैंगिक समानता, सामाजिक समावेशन |
| पर्यावरणीय लाभ | यातायात में कमी और प्रदूषण नियंत्रण |
| विधिक संदर्भ | शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 |





