रिकॉर्ड धान खरीद में सफलता
तमिलनाडु सरकार ने 2025–26 कुरुवई फसल सीजन के दौरान 11.21 लाख टन धान की रिकॉर्ड खरीद दर्ज की है। यह उपलब्धि राज्य की कृषि नीति और किसानों के कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। कुरुवई फसल तमिलनाडु की तीन प्रमुख धान फसलों — सांबा, नवarai और कुरुवई — में से एक है, जिसे आमतौर पर जून से सितम्बर के बीच बोया जाता है।
स्थिर जीके तथ्य: “कुरुवई” शब्द तमिलनाडु के कावेरी डेल्टा जिलों — तंजावूर, तिरुवरूर और नागपट्टिनम — में उगाई जाने वाली लघु अवधि की प्रारंभिक धान फसल को दर्शाता है।
किसानों को सीधा लाभ
सरकार ने ₹2,709 करोड़ की राशि सीधे 1,45,634 किसानों के खातों में डिजिटल भुगतान प्रणाली के माध्यम से जमा की। यह पारदर्शी तंत्र किसानों के विश्वास और आय सुरक्षा को सुदृढ़ करता है। इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित किया गया कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बिना किसी बिचौलिये के मिले।
स्थिर जीके तथ्य: धान का MSP हर वर्ष कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) द्वारा कृषि मंत्रालय के अंतर्गत तय किया जाता है ताकि किसानों के हितों की रक्षा हो सके।
कुशल खरीद प्रणाली
दैनिक आधार पर 30,000 टन धान की खरीद की जा रही है, जिसे कावेरी डेल्टा से राज्य के विभिन्न जिलों तक कुशलतापूर्वक पहुँचाया जा रहा है। इस प्रक्रिया में तमिलनाडु सिविल सप्लाइज कॉरपोरेशन (TNCSC) की प्रमुख भूमिका है, जो खरीद, परिवहन और भंडारण की सुचारु व्यवस्था सुनिश्चित करती है। इससे राज्य की खाद्य आपूर्ति श्रृंखला को मजबूती मिली है।
स्थिर जीके तथ्य: तमिलनाडु सिविल सप्लाइज कॉरपोरेशन (TNCSC) की स्थापना 1972 में की गई थी ताकि राज्यभर में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) और अनाज खरीद संचालन को प्रबंधित किया जा सके।
अधोसंरचना और खरीद केंद्र
धान की खरीद को व्यवस्थित करने के लिए राज्यभर में 1,872 प्रत्यक्ष खरीद केंद्र (Direct Procurement Centres – DPCs) स्थापित किए गए हैं। ये केंद्र किसानों और सरकारी एजेंसियों के बीच मुख्य कड़ी के रूप में कार्य करते हैं। प्रत्येक केंद्र में तौल, ग्रेडिंग और गुणवत्ता परीक्षण की सुविधाएँ हैं, जिससे केवल उत्तम गुणवत्ता वाला धान ही खरीदा जा सके।
स्थिर जीके तथ्य: प्रत्यक्ष खरीद केंद्र प्रणाली (DPC System) को 2000 के दशक की शुरुआत में तमिलनाडु में लागू किया गया था ताकि बिचौलियों के शोषण को कम किया जा सके।
खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन
इस बड़े पैमाने पर धान खरीद अभियान ने न केवल खाद्य सुरक्षा को मजबूत किया है बल्कि ग्रामीण आजीविका और अर्थव्यवस्था को भी सशक्त किया है। इससे राज्य के सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के लिए चावल की स्थायी आपूर्ति सुनिश्चित हुई है। यह पहल तमिलनाडु सरकार के खाद्यान्न आत्मनिर्भरता (Food Self-sufficiency) और कृषि विकास के लक्ष्य के अनुरूप है।
स्थिर जीके टिप: भारतीय खाद्य निगम (FCI) और राज्य एजेंसियाँ संयुक्त रूप से पूरे देश में खरीदे गए अनाजों के भंडारण और वितरण का प्रबंधन करती हैं।
स्थिर उस्तादियन करंट अफेयर्स तालिका
| विषय | विवरण |
| कुल खरीदा गया कुरुवई धान | 11.21 लाख टन |
| खरीद सीजन | 2025–26 कुरुवई सीजन |
| कुल भुगतान राशि | ₹2,709 करोड़ |
| लाभान्वित किसान | 1,45,634 किसान |
| दैनिक खरीद दर | 30,000 टन प्रतिदिन |
| कुल खरीद केंद्र (DPCs) | 1,872 केंद्र |
| मुख्य उत्पादन क्षेत्र | कावेरी डेल्टा जिले (तंजावूर, तिरुवरूर, नागपट्टिनम) |
| क्रियान्वयन एजेंसी | तमिलनाडु सिविल सप्लाइज कॉरपोरेशन (TNCSC) |
| फसल अवधि | जून से सितम्बर |
| मुख्य उद्देश्य | खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना और किसानों के कल्याण को सुनिश्चित करना |





