अवध व्यंजनों की वैश्विक पहचान
लखनऊ ने अपनी अमर अवधीय पाक विरासत और सांस्कृतिक धरोहर के सम्मान में यूनेस्को गैस्ट्रोनॉमी सिटी 2025 का गौरवशाली खिताब हासिल किया है। यह घोषणा उज़्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित 43वें यूनेस्को महासम्मेलन में की गई, जहां लखनऊ की समृद्ध खाद्य परंपरा और नवाचार को वैश्विक स्तर पर सराहा गया। स्थिर जीके तथ्य: यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क (UCCN) की स्थापना 2004 में की गई थी, ताकि ऐसे शहरों को प्रोत्साहित किया जा सके जो रचनात्मकता और संस्कृति के माध्यम से सतत शहरी विकास को बढ़ावा देते हैं।
लखनऊ की नामांकन यात्रा
इस मान्यता की प्रक्रिया उत्तर प्रदेश पर्यटन निदेशालय के नेतृत्व में पूरी की गई। विस्तृत नामांकन रिपोर्ट 31 जनवरी 2025 को संस्कृति मंत्रालय को सौंपी गई और भारत ने 3 मार्च 2025 को लखनऊ को औपचारिक रूप से नामांकित किया। इस रिपोर्ट में लखनऊ की पाक विविधता, नवाचार और सतत खाद्य प्रथाओं पर जोर दिया गया। यह उपलब्धि राज्य अधिकारियों, शेफ, कारीगरों और विरासत विशेषज्ञों के सामूहिक प्रयास का परिणाम है, जिसका उद्देश्य लखनऊ की स्वाद परंपरा को आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखना है।
अवध व्यंजनों का सार
लखनऊ की पाक पहचान गंगा-जमुनी तहज़ीब की झलक दिखाती है — जो हिंदू और मुस्लिम परंपराओं का सौहार्दपूर्ण संगम है। अवधीय भोजन की जड़ें नवाबों के दौर से जुड़ी हैं, जो अपनी नफासत और धीमी आँच पर पकाने की शैली के लिए प्रसिद्ध थे।
प्रसिद्ध व्यंजनों में गलौटी कबाब, टुंडे कबाब, निहारी-कुलचा, और टोकरि चाट शामिल हैं, जबकि मिठाइयों में मलाई गिलौरी और मक्खन मलाई लखनऊ की पाक-संस्कृति की शालीनता का प्रतीक हैं। स्थिर जीके टिप: “अवधी” शब्द ऐतिहासिक क्षेत्र ओध (अवध) से लिया गया है, जो वर्तमान उत्तर प्रदेश का हिस्सा है।
यूनेस्को मान्यता का प्रभाव
“सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी” का दर्जा लखनऊ को दीर्घकालिक सामाजिक और आर्थिक लाभ प्रदान करेगा। इससे —
• सांस्कृतिक और सतत पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा।
• स्थानीय शेफ, कारीगरों और छोटे खाद्य उद्यमों को समर्थन मिलेगा।
• पारंपरिक व्यंजनों और पकाने की विधियों के संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
• भारत की सॉफ्ट पावर और पाक कूटनीति को मजबूती मिलेगी।
• अन्य UCCN शहरों के साथ नवाचार और ज्ञान-साझाकरण को प्रोत्साहन मिलेगा।
यह मान्यता लखनऊ को वैश्विक पाक मानचित्र पर स्थापित करती है, जिससे भारत की विविध पाक परंपराओं की प्रतिष्ठा और सुदृढ़ होगी।
भारत के यूनेस्को क्रिएटिव नेटवर्क के शहर
लखनऊ के जुड़ने के साथ ही अब भारत के 9 शहर यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क (UCCN) का हिस्सा बन गए हैं। अन्य शहरों में शामिल हैं — जयपुर (हस्तकला एवं लोककला), वाराणसी (संगीत), चेन्नई (संगीत), मुंबई (फिल्म), हैदराबाद (गैस्ट्रोनॉमी), श्रीनगर (हस्तकला), ग्वालियर (संगीत) और कोझिकोड (साहित्य)।
लखनऊ, हैदराबाद के बाद भारत का दूसरा “सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी” बना है, जो देश की पाक विविधता और सांस्कृतिक गहराई को दर्शाता है। स्थिर जीके तथ्य: वर्ष 2025 तक UCCN में 100 से अधिक देशों के 350+ शहर शामिल हैं, जो पाककला, संगीत और फिल्म सहित सात रचनात्मक क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देते हैं।
स्थिर उस्तादियन करंट अफेयर्स तालिका
| विषय | विवरण |
| मान्यता | लखनऊ को यूनेस्को गैस्ट्रोनॉमी सिटी 2025 का दर्जा |
| घोषणा स्थल | 43वां यूनेस्को महासम्मेलन, समरकंद, उज़्बेकिस्तान |
| नामांकन निकाय | उत्तर प्रदेश पर्यटन निदेशालय |
| प्रस्तुति तिथि | 31 जनवरी 2025 |
| औपचारिक नामांकन तिथि | 3 मार्च 2025 |
| मुख्य पाक शैली | अवधीय व्यंजन |
| प्रमुख व्यंजन | गलौटी कबाब, निहारी-कुलचा, टोकरि चाट, मक्खन मलाई |
| भारत का अन्य गैस्ट्रोनॉमी शहर | हैदराबाद |
| UCCN की स्थापना वर्ष | 2004 |
| कुल UCCN शहर (2025) | 100 से अधिक देशों के 350+ शहर |





