नवम्बर 5, 2025 9:37 अपराह्न

तमिल वीरता और राष्ट्रवाद के प्रतीक, पसुम्पोन मुथुरामलिंगा थेवर

चालू घटनाएँ: पासुम्पोन मुथुरामलिंगा थेवर, भारत के उपराष्ट्रपति, तमिलनाडु, रामनाथपुरम, क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट, मंदिर प्रवेश आंदोलन, सुभाष चंद्र बोस, मरावर समुदाय, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, थेवर जयंती

Pasumpon Muthuramalinga Thevar A Symbol of Tamil Valor and Nationalism

एक दूरदर्शी नेता की स्मृति में

भारत के उपराष्ट्रपति ने हाल ही में पासुम्पोन मुथुरामलिंगा थेवर की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके तमिल गौरव तथा स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान को याद किया।
1908 में पासुम्पोन (रामनाथपुरम ज़िला, तमिलनाडु) में जन्मे थेवर कोंडैयनकोट्टई मरावर कुल से थे, जो अपनी वीरता और योद्धा परंपरा के लिए प्रसिद्ध है।

स्थिर जीके तथ्य: थेवर की जन्मतिथि 30 अक्टूबर पूरे तमिलनाडु में थेवर जयंती के रूप में मनाई जाती है, जिसमें विशाल शोभा यात्राएँ और सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं।

प्रारंभिक जीवन और राजनीतिक सफर

धनी भूमिधर परिवार में जन्मे थेवर बचपन से ही राष्ट्रवादी विचारों से प्रभावित थे।
उनकी राजनीतिक यात्रा 1927 में शुरू हुई, जब देश में स्वतंत्रता आंदोलन गति पकड़ रहा था।
उनकी सुभाष चंद्र बोस के प्रति गहरी श्रद्धा थी, और दोनों के बीच घनिष्ठ राजनीतिक मित्रता थी।

स्थिर जीके टिप: बोस के कांग्रेस से अलग होकर 1939 में फॉरवर्ड ब्लॉक गठन के बाद, थेवर दक्षिण भारत के शुरुआती नेताओं में से एक थे जिन्होंने इस विचारधारा को अपनाया।

सामाजिक सुधारों के अग्रदूत

थेवर ने मंदिर प्रवेश आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे वंचित समुदायों को मंदिरों में प्रवेश का अधिकार मिला।
उन्होंने क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट (CTA) को निरस्त कराने के लिए संघर्ष किया — यह औपनिवेशिक कानून कई समुदायों को “वंशानुगत अपराधी” घोषित करता था।

उनके प्रयासों ने सामाजिक समानता और जातीय एकता को बढ़ावा दिया।
उनकी नेतृत्व क्षमता से कांग्रेस पार्टी को दक्षिण तमिलनाडु के ग्रामीण क्षेत्रों में गहरी जड़ें जमाने में मदद मिली।

राजनीतिक विरासत और सेवा

1952–1957 के बीच थेवर विधानसभा सदस्य (MLA) रहे और बाद में 1957 से 1963 तक सांसद (MP) के रूप में कार्य किया।
उनका नेतृत्व निडरता और करुणा का प्रतीक था — उन्होंने समाज के वंचित तबकों के अधिकारों के लिए लगातार संघर्ष किया।

जनता ने उन्हें अनेक उपाधियों से नवाज़ा —
“Lion of the South”, “Netaji of the South”, और “Uncrowned Monarch”
उनकी मृत्यु के बाद भी वे मरावर गौरव और तमिल पहचान के प्रतीक बने हुए हैं।

स्थिर जीके तथ्य: थेवर की समाधि थेवर थिडल (Thevar Thidal), पासुम्पोन गाँव में स्थित है — जहाँ हर वर्ष हजारों श्रद्धालु थेवर जयंती पर दर्शन करने आते हैं।

स्थायी प्रासंगिकता

थेवर के आदर्श — नेतृत्व, राष्ट्रवाद, साहस और करुणा — आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं।
उनका जीवन अन्याय के विरुद्ध संघर्ष और मातृभूमि के प्रति निष्ठा का प्रतीक रहा, जिसने तमिलनाडु के सामाजिक-राजनीतिक इतिहास पर अमिट छाप छोड़ी।

स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका

विषय विवरण
पूरा नाम पासुम्पोन मुथुरामलिंगा थेवर
जन्म 30 अक्टूबर 1908, पासुम्पोन, रामनाथपुरम, तमिलनाडु
निधन 30 अक्टूबर 1963
राजनीतिक संबंध फॉरवर्ड ब्लॉक (पूर्व में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)
निकट सहयोगी सुभाष चंद्र बोस
प्रमुख आंदोलन मंदिर प्रवेश आंदोलन, क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट का निरसन
प्रतिनिधित्व की गई सीटें अरुप्पुकोट्टई (विधानसभा), रामनाथपुरम (लोकसभा)
उत्सव थेवर जयंती
प्राप्त उपाधियाँ साउथ का शेर, साउथ का नेताजी, अनक्राउनड मोनार्क
समाधि स्थल थेवर थिडल, पासुम्पोन, तमिलनाडु
Pasumpon Muthuramalinga Thevar A Symbol of Tamil Valor and Nationalism
  1. भारत के उपराष्ट्रपति ने थेवर जयंती 2025 पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
  2. 30 अक्टूबर 1908 को तमिलनाडु के पसुम्पोन में जन्म हुआ।
  3. मुक्कुलाथोर वंश के अंतर्गत मारवाड़ योद्धा समुदाय के नेता थे।
  4. सुभाष चंद्र बोस और फॉरवर्ड ब्लॉक के शुरुआती समर्थक थे।
  5. तमिलनाडु में मंदिर प्रवेश आंदोलन के लिए लड़े
  6. आपराधिक जनजाति अधिनियम को निरस्त कराने में प्रमुख भूमिका निभाई।
  7. विधायक (1952–57) और सांसद (1957–63) के रूप में कार्य किया।
  8. दक्षिण के शेर और दक्षिण के नेताजी के रूप में जाने जाते हैं।
  9. दक्षिणी ग्रामीण तमिलनाडु में कांग्रेस के समर्थन को प्रभावित किया।
  10. नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ घनिष्ठ वैचारिक संबंध थे।
  11. सामाजिक समानता और जातिसुधार आंदोलनों की वकालत की।
  12. लोकप्रिय उपाधि: दक्षिण तमिलनाडु के बेताज बादशाह
  13. उनका स्मारक स्थल: थेवर थिडल, पसुम्पोन गाँव
  14. थेवर जयंती पर राज्य भर में जुलूस और सार्वजनिक श्रद्धांजलि सभाएँ आयोजित की गईं।
  15. तमिल गौरव, राष्ट्रवाद, और योद्धा पहचान के प्रतीक माने जाते हैं।
  16. हाशिए पर पड़े समुदायों का दमन करने वाले औपनिवेशिक कानूनों का विरोध किया।
  17. उनके नेतृत्व में आध्यात्मिकता, राष्ट्रवाद, और सामाजिक न्याय का मिश्रण था।
  18. उनकी विरासत आज भी दक्षिणी तमिलनाडु की राजनीति को प्रभावित करती है।
  19. 30 अक्टूबर 1963 को निधन, जो उनकी जन्मतिथि भी थी।
  20. स्वतंत्रता आंदोलन और तमिल सांस्कृतिक पहचान में प्रमुख व्यक्ति रहे।

Q1. किस नेता ने थेवर की राजनीतिक विचारधारा को सबसे अधिक प्रभावित किया?


Q2. थेवर ने किस औपनिवेशिक कानून को समाप्त करने के लिए संघर्ष किया?


Q3. तमिलनाडु में हर वर्ष 30 अक्टूबर को क्या मनाया जाता है?


Q4. पसुम्पोन मुथुरामलिंगा थेवर किस समुदाय से संबंधित थे?


Q5. 1957 के बाद थेवर किस लोकसभा क्षेत्र से सांसद बने?


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