तमिलनाडु में सैनिक स्कूलों का विस्तार
रक्षा मंत्रालय के अधीन कार्यरत सैनिक स्कूल सोसाइटी ने हाल ही में तमिलनाडु के नमक्कल ज़िले में एक नए विद्यालय को शामिल करने की घोषणा की है।
SRRI SPK पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल को अब ऑल इंडिया सैनिक स्कूल्स एंट्रेंस एग्ज़ामिनेशन (AISSEE) 2026 में भाग लेने के लिए मान्यता दी गई है।
इस निर्णय से तमिलनाडु में सैनिक स्कूलों की कुल संख्या पाँच हो गई है — जो राज्य में रक्षा-आधारित शिक्षा नेटवर्क के विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
रक्षा-उन्मुख शिक्षा की दिशा में प्रगति
सैनिक स्कूलों का मुख्य उद्देश्य छात्रों को नेशनल डिफेंस अकादमी (NDA) और अन्य सशस्त्र बलों में प्रवेश के लिए तैयार करना है।
इन विद्यालयों में शिक्षा के साथ-साथ अनुशासन, नेतृत्व क्षमता और राष्ट्रभक्ति पर विशेष बल दिया जाता है।
नमक्कल में सैनिक स्कूल की स्थापना से ग्रामीण और अर्ध-शहरी छात्रों को रक्षा-आधारित शिक्षा के अवसर प्राप्त होंगे, जिससे देशभक्ति और नेतृत्व-सम्पन्न युवा वर्ग तैयार किया जा सकेगा।
स्थिर जीके तथ्य: भारत का पहला सैनिक स्कूल कुंजपुरा (हरियाणा) में 1961 में स्थापित हुआ था, जिसकी पहल तत्कालीन रक्षा मंत्री वी. के. कृष्ण मेनन ने की थी।
तमिलनाडु का बढ़ता सैनिक स्कूल नेटवर्क
तमिलनाडु अब उन राज्यों में शामिल हो गया है जहाँ सैनिक स्कूलों का नेटवर्क तेजी से विकसित हो रहा है।
राज्य के मौजूदा स्कूल — अमरावती नगर (तिरुप्पुर), मदुरै, सलेम, और तिरुप्पुर — पहले से ही संचालित हैं।
अब नमक्कल की नई इकाई के जुड़ने से यह नेटवर्क दक्षिण भारत में और मजबूत हुआ है।
सभी सैनिक स्कूल CBSE पाठ्यक्रम के अनुरूप शिक्षा प्रदान करते हैं, जिसमें शारीरिक प्रशिक्षण, नेतृत्व विकास और अकादमिक उत्कृष्टता का संयोजन होता है।
स्थिर जीके टिप: ऑल इंडिया सैनिक स्कूल्स एंट्रेंस एग्ज़ाम (AISSEE) का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा कक्षा VI और IX में प्रवेश हेतु किया जाता है।
रक्षा शिक्षा तंत्र को सुदृढ़ बनाना
सैनिक स्कूलों की संख्या बढ़ाना रक्षा मंत्रालय की विस्तार नीति का हिस्सा है, जिसमें निजी और सरकारी स्कूलों के साथ साझेदारी (PPP मॉडल) अपनाई जा रही है।
इस मॉडल से बिना भारी सरकारी खर्च के अधिक छात्रों को सैनिक शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है।
इन विद्यालयों में छात्रों को शैक्षणिक, अनुशासनात्मक, खेलकूद और नेतृत्व प्रशिक्षण दिया जाता है — जो उन्हें न केवल सशस्त्र बलों में, बल्कि समाज के अन्य नेतृत्व क्षेत्रों में भी सफलता के लिए तैयार करता है।
स्थिर जीके तथ्य: वर्ष 2025 तक भारत में 40 से अधिक सैनिक स्कूल हैं, और सरकार का लक्ष्य इसे 100 तक बढ़ाने का है।
नमक्कल जिले पर प्रभाव
नमक्कल, जो पहले से ही अपनी शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए प्रसिद्ध है, अब रक्षा-उन्मुख शिक्षा का एक नया केंद्र बन जाएगा।
यह पहल न केवल स्थानीय छात्रों के लिए अवसर बढ़ाएगी, बल्कि रोज़गार और सामाजिक-आर्थिक विकास को भी गति देगी।
स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका
| विषय | विवरण |
| नया सैनिक स्कूल | SRRI SPK पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल, नमक्कल |
| संचालन निकाय | रक्षा मंत्रालय के अधीन सैनिक स्कूल सोसाइटी |
| प्रवेश परीक्षा | ऑल इंडिया सैनिक स्कूल्स एंट्रेंस एग्ज़ाम (AISSEE) 2026 |
| तमिलनाडु में कुल स्कूल | पाँच (नमक्कल सहित) |
| मौजूदा स्कूल | अमरावती नगर, मदुरै, सलेम, तिरुप्पुर |
| परीक्षा संचालन एजेंसी | नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) |
| पहला सैनिक स्कूल | कुंजपुरा, हरियाणा (1961) |
| संस्थापक पहल | वी. के. कृष्ण मेनन, रक्षा मंत्री |
| शिक्षा मॉडल | CBSE पाठ्यक्रम के साथ रक्षा-उन्मुख प्रशिक्षण |
| विस्तार का लक्ष्य | अनुशासित, देशभक्त और नेतृत्व-सम्पन्न युवाओं का निर्माण |





