नवम्बर 5, 2025 4:53 अपराह्न

ISA 2025 में भारत की वैश्विक सौर क्रांति

चालू घटनाएँ: अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA), SUNRISE पहल, OSOWOG, SIDS प्लेटफॉर्म, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC), ISA अकादमी, नवीकरणीय ऊर्जा, परिपत्र अर्थव्यवस्था, एआई-आधारित प्रशिक्षण, सौर नवाचार

India’s Global Solar Revolution at ISA 2025

भारत ने सौर ऊर्जा संक्रमण में संभाली वैश्विक नेतृत्व की बागडोर

28 अक्टूबर 2025, नई दिल्ली में आयोजित आठवीं अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) सभा में भारत ने कई ऐतिहासिक वैश्विक पहलें शुरू कीं — SUNRISE, OSOWOG, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC), ISA अकादमी और SIDS प्रोक्योरमेंट प्लेटफॉर्म
इन पहल से भारत ने स्वच्छ ऊर्जा और सतत विकास के वैश्विक राजनयिक नेता के रूप में अपनी भूमिका मजबूत की है।

स्थिर जीके तथ्य: ISA की स्थापना 2015 में भारत और फ्रांस की साझी पहल के तहत पेरिस समझौते के अंतर्गत की गई थी। इसका मुख्यालय गुरुग्राम (हरियाणा) में स्थित है।

SUNRISE — कचरे से मूल्य निर्माण की अभियानिक पहल

SUNRISE (Solar Upcycling Network for Recycling, Innovation and Stakeholder Engagement) का उद्देश्य सौर कचरे को आर्थिक अवसर में परिवर्तित करना है।
जैसे-जैसे सौर उद्योग तेजी से बढ़ रहा है, पुराने सौर पैनलों का प्रबंधन एक महत्वपूर्ण चुनौती बन गया है।
SUNRISE परिपत्र अर्थव्यवस्था (Circular Economy) को प्रोत्साहित करता है — रीसाइक्लिंग, हरित निर्माण और सतत रोज़गार सृजन पर ज़ोर देते हुए।

स्थिर जीके टिप: भारत का लक्ष्य 2030 तक 500 GW नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता प्राप्त करना है, जिसमें 280 GW योगदान सौर ऊर्जा से होगा।

OSOWOG — वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड

भारत की महत्वाकांक्षी पहल OSOWOG (One Sun One World One Grid) का दृष्टिकोण एशिया, अफ्रीका, यूरोप और मध्य पूर्व को एक वैश्विक सौर बिजली ग्रिड से जोड़ना है।
इससे विभिन्न समय क्षेत्रों में 24×7 स्वच्छ ऊर्जा की उपलब्धता संभव होगी और देशों के बीच क्रॉस-बॉर्डर ऊर्जा व्यापार द्वारा लागत घटेगी।

स्थिर जीके तथ्य: OSOWOG की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 की ISA सभा में की थी।

GCC और ISA अकादमी — वैश्विक सौर नवाचार के प्रेरक

ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) को सौर अनुसंधान, नवाचार और स्टार्टअप इनक्यूबेशन का वैश्विक केंद्र बनाया गया है। यह AI, डिजिटल मॉनिटरिंग और स्मार्ट एफ़िशिएंसी तकनीकों पर केंद्रित होगा।
इसके साथ ही, ISA अकादमी दुनिया भर में छात्रों के लिए एआई-आधारित व्यक्तिगत प्रशिक्षण (Adaptive Learning) प्रदान करेगी।
दोनों मिलकर भारत को “सौर प्रौद्योगिकी की सिलिकॉन वैली” बनाने की दिशा में ले जा रहे हैं।

SIDS प्रोक्योरमेंट प्लेटफॉर्म — कमजोर राष्ट्रों के लिए ऊर्जा सुरक्षा

विश्व बैंक के सहयोग से विकसित यह प्लेटफॉर्म छोटे द्वीपीय विकासशील राष्ट्रों (SIDS) को सस्ती और जलवायु-अनुकूल सौर प्रणालियाँ उपलब्ध कराएगा।
16 द्वीपीय देशों ने पहले ही इस सहयोगी तंत्र में भागीदारी के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।
यह पहल ऊर्जा असुरक्षा, ऊँची आयात लागत और जलवायु जोख़िमों को कम करने में मदद करेगी।

स्थिर जीके तथ्य: यह साझेदारी भारत की जलवायु न्याय (Climate Justice) और संयुक्त राष्ट्र एसडीजी 7 (सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा) प्रतिबद्धता से मेल खाती है।

भारत का वैश्विक सौर प्रभाव विस्तारित

2025 की सभा में ISA के 125 सदस्य देशों की भागीदारी ने इसकी वैश्विक स्थिति को और मजबूत किया।
भारत के नेतृत्व में यह गठबंधन अब केवल नीति निर्धारण का मंच नहीं, बल्कि सौर अनुसंधान, क्षमता निर्माण और ऊर्जा न्याय के लिए एक वैश्विक परिस्थितिकी तंत्र बन रहा है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संदेश में “जन-प्रथम सौर क्रांति” की अवधारणा पर ज़ोर दिया, जो भारत की जिम्मेदार वैश्विक ऊर्जा कूटनीति की छवि को और मजबूत करता है।

स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका

विषय विवरण
कार्यक्रम 8वीं अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) सभा
तिथि 28 अक्टूबर 2025
स्थान नई दिल्ली, भारत
प्रमुख पहलें SUNRISE, OSOWOG, GCC, ISA अकादमी, SIDS प्लेटफॉर्म
ISA मुख्यालय गुरुग्राम, हरियाणा
कुल सदस्य देश 125
साझेदार विश्व बैंक, भारत, फ्रांस
लक्ष्य समावेशी और परिपत्र सौर संक्रमण
भारत का नवीकरणीय लक्ष्य 2030 तक 500 GW (280 GW सौर से)
मुख्य दृष्टि वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड (One Sun One World One Grid)
India’s Global Solar Revolution at ISA 2025
  1. भारत ने नई दिल्ली (अक्टूबर 2025) में 8वीं ISA असेंबली की मेजबानी की।
  2. वैश्विक पहलों का शुभारंभ: SUNRISE, OSOWOG, GCC, ISA अकादमी, SIDS प्लेटफ़ॉर्म
  3. ISA की स्थापना 2015 में भारतफ्रांस द्वारा पेरिस समझौते के तहत की गई थी।
  4. SUNRISE पहल सौर अपशिष्ट पुनर्चक्रण और अपसाइक्लिंग अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देती है।
  5. OSOWOG का लक्ष्य महाद्वीपों में वैश्विक सौर ग्रिड कनेक्टिविटी स्थापित करना है।
  6. OSOWOG अवधारणा की घोषणा सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 2018 ISA असेंबली में की थी।
  7. भारत का लक्ष्य 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय क्षमता हासिल करना है, मुख्यतः सौर ऊर्जा से।
  8. GCC (Global CleanTech Centre) वैश्विक सौर नवाचार और स्टार्टअप केंद्र के रूप में कार्य करता है।
  9. ISA अकादमी ने AI–आधारित व्यक्तिगत सौर प्रशिक्षण मॉड्यूल लॉन्च किए।
  10. SIDS प्रोक्योरमेंट प्लेटफ़ॉर्म कम लागत वाली सौर तकनीक के साथ द्वीपीय देशों का समर्थन करता है।
  11. यह पहल कैरिबियाई, प्रशांत और हिंद महासागर के द्वीपीय देशों की मदद करती है।
  12. 2025 तक ISA की सदस्यता बढ़कर 125 देशों तक पहुँच गई है।
  13. ISA का मुख्यालय गुरुग्राम, हरियाणा में स्थित है।
  14. भारत सौर उद्योग में चक्रीय अर्थव्यवस्था की ओर वैश्विक बदलाव ला रहा है।
  15. स्वच्छ ऊर्जा कूटनीति में भारत की अग्रणी छवि का निर्माण।
  16. सौर ऊर्जा के पुनः उपयोग का उद्देश्य हरित विनिर्माण और कुशल रोज़गार सृजन करना है।
  17. ISA समान ऊर्जा पहुँच और जलवायु न्याय को बढ़ावा देता है।
  18. भारत स्वयं को सौर प्रौद्योगिकी के लिए सिलिकॉन वैली के रूप में स्थापित कर रहा है।
  19. इसके भागीदारों में विश्व बैंक, फ्रांस, और कई वैश्विक एजेंसियाँ शामिल हैं।
  20. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जनप्रथम सौर क्रांति का आह्वान किया।

Q1. वर्ष 2025 में 8वीं आईएसए महासभा की मेजबानी किस शहर ने की?


Q2. सौर क्षेत्र में SUNRISE पहल का उद्देश्य क्या बढ़ावा देना है?


Q3. कौन-सी वैश्विक पहल एक अंतरराष्ट्रीय सौर विद्युत ग्रिड बनाने का लक्ष्य रखती है?


Q4. वर्ष 2025 तक आईएसए के कुल कितने सदस्य देश हैं?


Q5. कौन-सा भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य आईएसए पहलों से जुड़ा है?


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