भारत ने सौर ऊर्जा संक्रमण में संभाली वैश्विक नेतृत्व की बागडोर
28 अक्टूबर 2025, नई दिल्ली में आयोजित आठवीं अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) सभा में भारत ने कई ऐतिहासिक वैश्विक पहलें शुरू कीं — SUNRISE, OSOWOG, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC), ISA अकादमी और SIDS प्रोक्योरमेंट प्लेटफॉर्म।
इन पहल से भारत ने स्वच्छ ऊर्जा और सतत विकास के वैश्विक राजनयिक नेता के रूप में अपनी भूमिका मजबूत की है।
स्थिर जीके तथ्य: ISA की स्थापना 2015 में भारत और फ्रांस की साझी पहल के तहत पेरिस समझौते के अंतर्गत की गई थी। इसका मुख्यालय गुरुग्राम (हरियाणा) में स्थित है।
SUNRISE — कचरे से मूल्य निर्माण की अभियानिक पहल
SUNRISE (Solar Upcycling Network for Recycling, Innovation and Stakeholder Engagement) का उद्देश्य सौर कचरे को आर्थिक अवसर में परिवर्तित करना है।
जैसे-जैसे सौर उद्योग तेजी से बढ़ रहा है, पुराने सौर पैनलों का प्रबंधन एक महत्वपूर्ण चुनौती बन गया है।
SUNRISE परिपत्र अर्थव्यवस्था (Circular Economy) को प्रोत्साहित करता है — रीसाइक्लिंग, हरित निर्माण और सतत रोज़गार सृजन पर ज़ोर देते हुए।
स्थिर जीके टिप: भारत का लक्ष्य 2030 तक 500 GW नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता प्राप्त करना है, जिसमें 280 GW योगदान सौर ऊर्जा से होगा।
OSOWOG — वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड
भारत की महत्वाकांक्षी पहल OSOWOG (One Sun One World One Grid) का दृष्टिकोण एशिया, अफ्रीका, यूरोप और मध्य पूर्व को एक वैश्विक सौर बिजली ग्रिड से जोड़ना है।
इससे विभिन्न समय क्षेत्रों में 24×7 स्वच्छ ऊर्जा की उपलब्धता संभव होगी और देशों के बीच क्रॉस-बॉर्डर ऊर्जा व्यापार द्वारा लागत घटेगी।
स्थिर जीके तथ्य: OSOWOG की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 की ISA सभा में की थी।
GCC और ISA अकादमी — वैश्विक सौर नवाचार के प्रेरक
ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) को सौर अनुसंधान, नवाचार और स्टार्टअप इनक्यूबेशन का वैश्विक केंद्र बनाया गया है। यह AI, डिजिटल मॉनिटरिंग और स्मार्ट एफ़िशिएंसी तकनीकों पर केंद्रित होगा।
इसके साथ ही, ISA अकादमी दुनिया भर में छात्रों के लिए एआई-आधारित व्यक्तिगत प्रशिक्षण (Adaptive Learning) प्रदान करेगी।
दोनों मिलकर भारत को “सौर प्रौद्योगिकी की सिलिकॉन वैली” बनाने की दिशा में ले जा रहे हैं।
SIDS प्रोक्योरमेंट प्लेटफॉर्म — कमजोर राष्ट्रों के लिए ऊर्जा सुरक्षा
विश्व बैंक के सहयोग से विकसित यह प्लेटफॉर्म छोटे द्वीपीय विकासशील राष्ट्रों (SIDS) को सस्ती और जलवायु-अनुकूल सौर प्रणालियाँ उपलब्ध कराएगा।
16 द्वीपीय देशों ने पहले ही इस सहयोगी तंत्र में भागीदारी के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।
यह पहल ऊर्जा असुरक्षा, ऊँची आयात लागत और जलवायु जोख़िमों को कम करने में मदद करेगी।
स्थिर जीके तथ्य: यह साझेदारी भारत की जलवायु न्याय (Climate Justice) और संयुक्त राष्ट्र एसडीजी 7 (सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा) प्रतिबद्धता से मेल खाती है।
भारत का वैश्विक सौर प्रभाव विस्तारित
2025 की सभा में ISA के 125 सदस्य देशों की भागीदारी ने इसकी वैश्विक स्थिति को और मजबूत किया।
भारत के नेतृत्व में यह गठबंधन अब केवल नीति निर्धारण का मंच नहीं, बल्कि सौर अनुसंधान, क्षमता निर्माण और ऊर्जा न्याय के लिए एक वैश्विक परिस्थितिकी तंत्र बन रहा है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संदेश में “जन-प्रथम सौर क्रांति” की अवधारणा पर ज़ोर दिया, जो भारत की जिम्मेदार वैश्विक ऊर्जा कूटनीति की छवि को और मजबूत करता है।
स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका
| विषय | विवरण |
| कार्यक्रम | 8वीं अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) सभा |
| तिथि | 28 अक्टूबर 2025 |
| स्थान | नई दिल्ली, भारत |
| प्रमुख पहलें | SUNRISE, OSOWOG, GCC, ISA अकादमी, SIDS प्लेटफॉर्म |
| ISA मुख्यालय | गुरुग्राम, हरियाणा |
| कुल सदस्य देश | 125 |
| साझेदार | विश्व बैंक, भारत, फ्रांस |
| लक्ष्य | समावेशी और परिपत्र सौर संक्रमण |
| भारत का नवीकरणीय लक्ष्य | 2030 तक 500 GW (280 GW सौर से) |
| मुख्य दृष्टि | वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड (One Sun One World One Grid) |





