अरुणाचल प्रदेश के नामदाफा में 12 वर्षों बाद दिखा नर हाथी
13 जनवरी 2025 को अरुणाचल प्रदेश के नामदाफा राष्ट्रीय उद्यान के काथन क्षेत्र में एक वयस्क नर हाथी की कैमरा ट्रैप में रिकॉर्डिंग हुई। यह दृश्य 2013 के बाद पहली बार सामने आया है। इस दुर्लभ घटना की पुष्टि फील्ड डायरेक्टर वी.के. जावल ने की, जिन्होंने इसे हाथियों के प्रवास पैटर्न की निगरानी के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण बताया और संवेदनशील क्षेत्रों में नियमित गश्त की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण हाथी गलियारा
ऐतिहासिक रूप से अरुणाचल के हाथी नमसाई से म्यांमार तक प्रवास करते थे और नामदाफा इस प्रवास मार्ग का मुख्य हिस्सा था। लेकिन 1996 से, विशेषकर 52वें मील क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण के कारण ये मार्ग बाधित हो गए हैं। नतीजतन, हाथी अब केवल उद्यान के उत्तरी भागों तक सीमित हो गए हैं, जिससे उनके प्राकृतिक व्यवहार में व्यवधान उत्पन्न हुआ है।
मानव-हाथी संघर्ष में वृद्धि
प्रवासन बाधित होने के कारण, उद्यान के किनारे बसे गांवों में फसल नुकसान, संपत्ति क्षति, और दहशत जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। इस कारण मानव-हाथी संघर्ष गहराता जा रहा है। इस चुनौती से निपटने के लिए वन विभाग ने स्थानीय समुदायों से सहयोग की अपील की है ताकि संयुक्त निगरानी, चेतावनी प्रणाली, और सामूहिक संरक्षण प्रयास किए जा सकें।
जैव विविधता में अद्वितीय
1983 में राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिज़र्व घोषित नामदाफा, भारत के सबसे समृद्ध जैव विविधता वाले क्षेत्रों में से एक है। यह 1,985 वर्ग किमी में फैला है और इसकी ऊँचाई 200 से 4,571 मीटर तक बदलती है। यहां तारपोल वनों, समशीतोष्ण पर्णपाती वनों, और अल्पाइन वनस्पतियों का मिश्रण है। यह उद्यान 1,000 से अधिक पौधों और 1,400 से अधिक पशु प्रजातियों का घर है, जिनमें बाघ, रेड पांडा, और क्लाउडेड लेपर्ड भी शामिल हैं।
संरक्षण उपाय और आगे की दिशा
नर हाथी की हालिया उपस्थिति ने संरक्षण अभियानों को नई ऊर्जा दी है। विशेषज्ञ हाथी गलियारों के पुनर्निर्माण, वैज्ञानिक निगरानी, और अवैध अतिक्रमण हटाने जैसे कदमों की वकालत कर रहे हैं। 2024 में नामदाफा को इको-सेंसिटिव ज़ोन घोषित किया गया है, जिससे इसकी पर्यावरणीय महत्ता और भी बढ़ गई है। भविष्य में स्थानीय समुदायों की भागीदारी और तकनीकी सहायता से दीर्घकालीन जैविक संतुलन सुनिश्चित करने पर बल दिया जा रहा है।
Static GK Snapshot
विषय | विवरण |
नवीनतम दृष्टि | 13 जनवरी 2025 को 12 वर्षों बाद नर हाथी की रिकॉर्डिंग |
स्थान | काथन क्षेत्र, नामदाफा राष्ट्रीय उद्यान, अरुणाचल प्रदेश |
उद्यान क्षेत्रफल | 1,985 वर्ग किमी |
स्थिति | वन्यजीव अभयारण्य (1972), राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिज़र्व (1983) |
पारिस्थितिकी तंत्र | उष्णकटिबंधीय सदाबहार, समशीतोष्ण वनों, अल्पाइन झाड़ियों |
ऊँचाई सीमा | 200 से 4,571 मीटर |
हाथी गलियारा बाधा | 1996 से अवैध अतिक्रमण के कारण बंद |
संघर्ष की स्थिति | फसल क्षति, हाथियों की सीमित आवाजाही |
इको-सेंसिटिव ज़ोन घोषित | 2024 |
अन्य संरक्षित क्षेत्र | पक्के WS, मौलिंग NP, कमलांग WS, ईगल नेस्ट WS |