राजभवन में शपथग्रहण
भारत के पूर्व क्रिकेट कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने आधिकारिक रूप से तेलंगाना मंत्रिमंडल में मंत्री पद की शपथ ली।
शपथग्रहण समारोह राजभवन, हैदराबाद में हुआ, जहाँ राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और वरिष्ठ कांग्रेस नेता उपस्थित रहे।
इस नियुक्ति के साथ मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के मंत्रिपरिषद की कुल संख्या 16 हो गई है, जो संवैधानिक सीमा 18 मंत्रियों से दो कम है।
स्थिर जीके तथ्य: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164(1A) के अनुसार, किसी भी राज्य में मंत्रियों की अधिकतम संख्या विधानसभा की कुल सदस्य संख्या के 15% से अधिक नहीं हो सकती।
राजनीतिक महत्व
अजहरुद्दीन की कैबिनेट में एंट्री जुबली हिल्स उपचुनाव से ठीक पहले हुई है।
यह सीट बीआरएस (BRS) विधायक मगंती गोपीनाथ के निधन के बाद खाली हुई थी।
चूँकि इस क्षेत्र में एक लाख से अधिक मुस्लिम मतदाता हैं, कांग्रेस को उम्मीद है कि अजहरुद्दीन की लोकप्रियता अल्पसंख्यक वोट बैंक को मज़बूत करेगी और हैदराबाद व आसपास के क्षेत्रों में पार्टी की पकड़ बढ़ाएगी।
यह नियुक्ति कांग्रेस की अल्पसंख्यक पहुँच नीति (Minority Outreach Strategy) का हिस्सा है, विशेषकर जब पार्टी बिहार और अन्य राज्यों के आगामी चुनावों की तैयारी में है।
स्थिर जीके टिप: भारत राष्ट्र समिति (BRS) पहले तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के नाम से जानी जाती थी, जिसकी स्थापना के. चंद्रशेखर राव (KCR) ने 2001 में की थी।
क्रिकेट मैदान से मंत्रिमंडल तक
अपने नरम और कलाईदार शॉट्स के लिए प्रसिद्ध, मोहम्मद अजहरुद्दीन 1990 के दशक में भारत के सबसे सफल क्रिकेट कप्तानों में से एक रहे।
उन्होंने 1992, 1996 और 1999 के तीन लगातार विश्व कप में भारतीय टीम का नेतृत्व किया।
उनके नाम टेस्ट क्रिकेट में 6,000 से अधिक रन और वनडे में 9,000 से अधिक रन दर्ज हैं।
सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से राजनीति में प्रवेश किया और 2009 में मुरादाबाद लोकसभा सीट से सांसद चुने गए।
अब तेलंगाना मंत्री के रूप में उनका उत्थान खेल और शासन – दोनों क्षेत्रों में उनकी बहुआयामी सार्वजनिक यात्रा को दर्शाता है।
स्थिर जीके तथ्य: भारत ने अपना पहला टेस्ट मैच 1932 में इंग्लैंड के लॉर्ड्स मैदान पर खेला था, जिससे देश ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आधिकारिक प्रवेश किया।
कांग्रेस ने बढ़ाया अल्पसंख्यक प्रतिनिधित्व
कांग्रेस नेतृत्व द्वारा अजहरुद्दीन को मंत्रिमंडल में शामिल करने का निर्णय अल्पसंख्यक प्रतिनिधित्व बढ़ाने की लंबे समय से चली आ रही मांगों के अनुरूप है।
अगस्त 2025 में उन्हें राज्यपाल कोटे से विधान परिषद (MLC) के लिए नामित किया गया था, हालांकि औपचारिक स्वीकृति अभी लंबित है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उनकी एंट्री से कांग्रेस की समावेशी छवि (Inclusive Image) मजबूत होगी और शहरी मतदाताओं में पहुँच बढ़ेगी।
प्रतीकात्मकता और भविष्य की दिशा
अजहरुद्दीन का यह उत्थान खेल भावना और नेतृत्व क्षमता का मेल है।
उनकी मौजूदगी से न केवल युवा मतदाताओं में ऊर्जा बढ़ेगी बल्कि हैदराबाद में कांग्रेस का जनाधार भी सुदृढ़ होगा।
यह तेलंगाना के लिए समावेशी शासन (Inclusive Governance) की दिशा में एक प्रगतिशील कदम है, जो अनुशासन, नेतृत्व और बहु-क्षेत्रीय उपलब्धियों का प्रतीक है।
स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका
| विषय | विवरण |
| मंत्री का नाम | मोहम्मद अजहरुद्दीन |
| राज्य मंत्रिमंडल | तेलंगाना |
| मुख्यमंत्री | रेवंत रेड्डी |
| राज्यपाल | जिष्णु देव वर्मा |
| शपथग्रहण स्थल | राजभवन, हैदराबाद |
| नियुक्ति वर्ष | 2025 |
| राजनीतिक दल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
| उपचुनाव फोकस | जुबली हिल्स विधानसभा क्षेत्र |
| पिछली राजनीतिक भूमिका | मुरादाबाद से सांसद (2009–2014) |
| क्रिकेट उपलब्धि | 1992, 1996, 1999 विश्व कपों में कप्तान |
| कुल टेस्ट रन | 6,000 से अधिक |
| कुल वनडे रन | 9,000 से अधिक |
| शपथ के बाद मंत्रियों की संख्या | 16 |
| संवैधानिक सीमा (तेलंगाना) | अधिकतम 18 मंत्री |
| नियुक्ति का उद्देश्य | अल्पसंख्यक प्रतिनिधित्व को सशक्त करना |
| राज्यपाल कोटे से एमएलसी स्थिति | स्वीकृति लंबित |
| बीआरएस की स्थापना वर्ष | 2001 |
| बीआरएस संस्थापक | के. चंद्रशेखर राव |
| राजनीतिक महत्व | कांग्रेस की अल्पसंख्यक पहुँच को सशक्त बनाना |
| व्यापक प्रभाव | समावेशी और संतुलित शासन को प्रोत्साहन |





