वर्ल्ड फूड प्राइज फाउंडेशन द्वारा मान्यता
भारत के प्रसिद्ध शेफ और पद्मश्री पुरस्कार विजेता संजीव कपूर को वर्ल्ड फूड प्राइज फाउंडेशन (WFPF) द्वारा वर्ष 2025 के शीर्ष एग्री–फूड पायनियर्स में शामिल किया गया है।
यह सम्मान उनके द्वारा खाद्य नवाचार (Culinary Innovation), सतत कृषि (Sustainable Agriculture), पोषण संवर्धन (Nutrition Advocacy) और सामाजिक कल्याण (Social Welfare) को जोड़ने के लिए किए गए उत्कृष्ट कार्यों की सराहना है।
फाउंडेशन ने उनके “लोग–केंद्रित दृष्टिकोण (People-Centric Approach)” को रेखांकित किया, जिसके माध्यम से उन्होंने भारत की खाद्य प्रणाली को अधिक पोषक और सतत बनाने में योगदान दिया है।
रसोई से परे पाक नेतृत्व
संजीव कपूर की यात्रा केवल एक सेलिब्रिटी शेफ तक सीमित नहीं है। उन्होंने बच्चों और ग्रामीण समुदायों के लिए पोषक आहार (Nutrition-Rich Meals) को बढ़ावा देने वाली कई परियोजनाओं का नेतृत्व किया है।
उनकी पहल ‘न्यूट्री पाठशाला (Nutri Pathshala)’ स्कूलों, किसानों और पोषण कार्यक्रमों को जोड़ती है — जिससे खाद्य शिक्षा और कृषि स्थिरता (Food Knowledge & Agricultural Sustainability) के बीच सेतु बनाया गया है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य: पद्मश्री, भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान, कला, शिक्षा, विज्ञान और सामाजिक सेवा जैसे विविध क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है।
पोषण और सतत स्रोतों पर केंद्रित दृष्टिकोण
संजीव कपूर का अभियान भारत के पोषण सुधार (Nutritional Landscape) को सुदृढ़ करने पर केंद्रित है।
उन्होंने विभिन्न साझेदारियों के माध्यम से 25 लाख से अधिक पोषक भोजन (2.5 Million Meals) स्कूल के बच्चों तक पहुँचाए हैं।
उन्होंने लौह–समृद्ध बाजरा (Iron-rich Pearl Millet) और जिंक–समृद्ध गेहूं (Zinc-rich Wheat) जैसी जैव–संवर्धित फसलों (Bio-fortified Crops) को प्रोत्साहित किया है, जिससे कृषि नवाचार और पाक परंपरा के बीच एक नया संबंध स्थापित हुआ है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान टिप: बायो–फोर्टिफिकेशन (Bio-fortification) फसलों की वृद्धि अवस्था में ही उनके पोषण मूल्य को बढ़ाने की प्रक्रिया है, जिससे वे स्वाभाविक रूप से विटामिन और खनिजों से भरपूर बनती हैं।
भारत के एग्री-फूड इकोसिस्टम पर प्रभाव
संजीव कपूर की यह वैश्विक मान्यता दर्शाती है कि शेफ केवल भोजन विशेषज्ञ नहीं, बल्कि खाद्य प्रणाली परिवर्तन (Food System Transformation) के सशक्त वाहक भी हैं।
उन्होंने स्थानीय सामग्री (Local Sourcing) और भारतीय पारंपरिक खाद्य पदार्थों (Traditional Indian Ingredients) को बढ़ावा देकर किसानों और उपभोक्ताओं के बीच प्रत्यक्ष संबंध मजबूत किए हैं।
उनके अभियानों ने खाद्य व्यवसायों को स्थिरता (Sustainability) और सामुदायिक स्वास्थ्य (Community Health) को प्राथमिकता देने के लिए प्रेरित किया है।
यह सम्मान न केवल भारत की वैश्विक खाद्य नवाचार (Food Innovation) की छवि को ऊंचा करता है, बल्कि संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) जैसे शून्य भूख (Zero Hunger) और अच्छे स्वास्थ्य (Good Health & Well-being) के प्रति भी योगदान को दर्शाता है।
वर्ल्ड फूड प्राइज फाउंडेशन के बारे में
वर्ल्ड फूड प्राइज फाउंडेशन (World Food Prize Foundation) की स्थापना 1986 में डॉ. नॉर्मन बोरलॉग (Dr. Norman Borlaug) ने की थी — जो हरित क्रांति (Green Revolution) के जनक और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता थे।
इसका मुख्यालय डेस मोइन्स (Des Moines), आयोवा (Iowa, USA) में है।
फाउंडेशन का उद्देश्य खाद्य सुरक्षा (Food Security), सतत कृषि (Sustainable Agriculture) और पोषण नवाचार (Nutrition Innovation) में योगदान देने वाले व्यक्तियों और संस्थानों को सम्मानित करना है।
इसकी प्रमुख पहलें हैं:
- वर्ल्ड फूड प्राइज (World Food Prize)
- टॉप एग्री–फूड पायनियर्स (TAP) सूची
- बोरलॉग डायलॉग (Borlaug Dialogue) — कृषि नीति और नवाचार पर वैश्विक मंच।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य:
वर्ल्ड फूड प्राइज को “खाद्य और कृषि का नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize for Food and Agriculture)” कहा जाता है, जिसमें $250,000 का पुरस्कार दिया जाता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
| पुरस्कार प्राप्तकर्ता | संजीव कपूर |
| सम्मान | 2025 शीर्ष एग्री-फूड पायनियर – वर्ल्ड फूड प्राइज फाउंडेशन |
| फाउंडेशन के संस्थापक | डॉ. नॉर्मन बोरलॉग |
| स्थापना वर्ष | 1986 |
| मुख्यालय | डेस मोइन्स, आयोवा, अमेरिका |
| प्रमुख पहल | न्यूट्री पाठशाला – स्कूलों, किसानों और पोषण कार्यक्रमों को जोड़ना |
| प्रमुख योगदान | 25 लाख पोषक आहार वितरित |
| प्रोत्साहित फसलें | लौह-समृद्ध बाजरा, जिंक-समृद्ध गेहूं |
| मान्यता प्रकार | पोषण और स्थिरता के लिए वैश्विक सम्मान |
| स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य | वर्ल्ड फूड प्राइज को “खाद्य और कृषि का नोबेल पुरस्कार” कहा जाता है |





