वैश्विक सहयोग के माध्यम से अनुसंधान को सशक्त बनाना
तमिलनाडु सरकार ने ‘Tamil Talents Plan’ की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य विदेशों में कार्यरत तमिल मूल के शोधकर्ताओं को एक साथ लाना है।
इस पहल का लक्ष्य उनके वैज्ञानिक और शैक्षणिक अनुभव का उपयोग करके राज्य में अनुसंधान और नवाचार को सशक्त बनाना है।
यह योजना ज्ञान–आधारित उद्योगों (Knowledge-driven industries) का वैश्विक केंद्र बनने की तमिलनाडु की दृष्टि के अनुरूप है।
प्रवासी तमिल शोधकर्ताओं के लिए प्रोत्साहन
इस योजना के अंतर्गत विदेशी तमिल शोधकर्ताओं को प्रतिस्पर्धी वेतन, अनुसंधान अनुदान (Research Grants), स्थानांतरण सहायता (Relocation Assistance) और तेज़ वीज़ा प्रक्रिया (Visa Facilitation) जैसी सुविधाएँ प्रदान की जाएँगी।
इससे तमिलनाडु पहला भारतीय राज्य बन गया है जिसने विदेशी तमिल शोधकर्ताओं को वापस आकर्षित करने के लिए व्यापक प्रोत्साहन पैकेज तैयार किया है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य:
यह पहल “Brain Gain” नीति से प्रेरित है — एक रणनीति जिसे चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देशों ने अपनाया है ताकि विदेशों में कार्यरत कुशल पेशेवरों को अपने देश लौटने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
TANSCHE की भूमिका और क्रियान्वयन
तमिलनाडु राज्य उच्च शिक्षा परिषद (TANSCHE) इस योजना के कार्यान्वयन की प्रमुख एजेंसी है।
यह संस्था विदेशों में कार्यरत तमिल शोधकर्ताओं का एक डेटाबेस (Registry) तैयार करेगी, जिसमें विज्ञान, अभियांत्रिकी, कला और सामाजिक विज्ञान के विशेषज्ञ शामिल होंगे।
इससे स्थानीय और वैश्विक संस्थानों के बीच सहयोग (Collaboration) के लिए एक संरचित प्रणाली स्थापित की जाएगी।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान टिप:
TANSCHE की स्थापना 1992 में तमिलनाडु में उच्च शिक्षा के समन्वित विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से की गई थी।
अनुसंधान अवसंरचना और वित्तीय सहायता
तमिलनाडु सरकार ने ₹100 करोड़ का बजट आवंटित किया है ताकि चेन्नई और कोयंबटूर में नए अनुसंधान केंद्र (Research Centres) स्थापित किए जा सकें।
ये केंद्र मूल विज्ञान (Basic Sciences) और गणित (Mathematics) के लिए समर्पित होंगे और स्थानीय एवं विदेशी शोधकर्ताओं के संयुक्त अनुसंधान (Joint Research Projects) का मंच बनेंगे।
मुख्य अनुसंधान क्षेत्र होंगे —
जलवायु अध्ययन (Climate Studies), कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), जैव प्रौद्योगिकी (Biotechnology) और सतत विकास (Sustainable Development) — जो Vision 2030 के अनुरूप हैं।
अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान साझेदारी
यह योजना अमेरिका (US), यूनाइटेड किंगडम (UK) और ऑस्ट्रेलिया (Australia) जैसे देशों में कार्यरत तमिल शोधकर्ताओं को लक्षित करती है, जिन्हें लघु और दीर्घकालिक सहयोग कार्यक्रमों में शामिल किया जाएगा।
इन साझेदारियों से तमिलनाडु के विश्वविद्यालयों की वैश्विक साख (Global Reputation) बढ़ेगी और राज्य में नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र (Innovation Ecosystem) मजबूत होगा।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य:
तमिलनाडु उच्च शिक्षा में भारत के अग्रणी राज्यों में से एक है — IIT मद्रास, अन्ना विश्वविद्यालय और भारथियार विश्वविद्यालय जैसे संस्थान राष्ट्रीय स्तर पर अनुसंधान उत्पादन में अग्रणी हैं।
तमिलनाडु की ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना
प्रवासी तमिल समुदाय (Tamil Diaspora) की शैक्षणिक और अनुसंधान क्षमता को एकीकृत कर, यह योजना तमिलनाडु को अनुसंधान और नवाचार का केंद्र बनाने का लक्ष्य रखती है।
यह पहल प्रौद्योगिकी, उच्च शिक्षा और स्टार्टअप विकास से जुड़ी राज्य की अन्य योजनाओं को भी पूरक करती है।
यह दृष्टिकोण वैश्विक विशेषज्ञता (Global Expertise) को स्थानीय क्षमता (Local Potential) के साथ जोड़ता है, जिससे विज्ञान, नवाचार और सामाजिक विकास में सतत वृद्धि सुनिश्चित की जा सके।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
| योजना का नाम | Tamil Talents Plan |
| प्रारंभ करने वाली संस्था | तमिलनाडु सरकार |
| उद्देश्य | प्रवासी तमिल शोधकर्ताओं को सहयोग हेतु आकर्षित करना |
| क्रियान्वयन एजेंसी | तमिलनाडु राज्य उच्च शिक्षा परिषद (TANSCHE) |
| वित्तीय आवंटन | ₹100 करोड़ |
| प्रमुख फोकस क्षेत्र | मूल विज्ञान, गणित, नवाचार, एआई, जैव प्रौद्योगिकी |
| लक्षित देश | अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देश |
| प्रोत्साहन | प्रतिस्पर्धी वेतन, अनुसंधान अनुदान, वीज़ा सुविधा, पुनर्वास सहायता |
| अनुसंधान केंद्र | चेन्नई और कोयंबटूर में स्थापित किए जाएंगे |
| दीर्घकालिक दृष्टि | तमिलनाडु को वैश्विक अनुसंधान और ज्ञान केंद्र बनाना |





