नवम्बर 3, 2025 11:17 पूर्वाह्न

समावेशी विकास के लिए भारत के सेवा क्षेत्र में बदलाव

चालू घटनाएँ: नीति आयोग (NITI Aayog), सेवा क्षेत्र (Services Sector), रोजगार प्रवृत्तियाँ, सकल मूल्य वर्धन (GVA), राज्य-स्तरीय गतिशीलता, असंगठित श्रम, लैंगिक अंतर, डिजिटल कौशल, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSMEs), शहरी रोजगार

Transforming India’s Services Sector for Inclusive Growth

परिचय

नीति आयोग ने भारत के सेवा क्षेत्र पर दो महत्वपूर्ण रिपोर्टें जारी की हैं —

  1. Insights from GVA Trends and State-level Dynamics, और
  2. Insights from Employment Trends and State-level Dynamics

इन रिपोर्टों में सेवा क्षेत्र की भारत की आर्थिक और रोजगार संरचना में निर्णायक भूमिका को रेखांकित किया गया है, साथ ही इसमें असंगठित रोजगार, असमानता और सीमित औपचारिक नौकरी सृजन जैसी चुनौतियों को भी उजागर किया गया है।

स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य:
नीति आयोग की स्थापना 2015 में योजना आयोग (Planning Commission) के स्थान पर की गई थी, ताकि सहकारी संघवाद (Cooperative Federalism) और साक्ष्यआधारित नीति निर्माण को प्रोत्साहन मिल सके।

भारत के रोजगार परिवर्तन का केंद्र: सेवा क्षेत्र

वित्त वर्ष 2023–24 में सेवा क्षेत्र में 18.8 करोड़ (188 मिलियन) श्रमिक कार्यरत थे, जिससे यह कृषि के बाद दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता बन गया।
हालाँकि 2024–25 में सेवा क्षेत्र ने सकल मूल्य वर्धन (GVA) में लगभग 55% योगदान दिया, यह अभी भी कुल रोजगार का केवल एकतिहाई ही प्रदान करता है।
इनमें से अधिकांश नौकरियाँ असंगठित और कम वेतन वाली हैं।

स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य:
सेवा क्षेत्र में आईटी, वित्त, व्यापार, परिवहन, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा जैसे उप-क्षेत्र शामिल हैं, जो भारत की GDP वृद्धि में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।

रोजगार परिदृश्य

2017 से 2023 के बीच सेवा क्षेत्र ने लगभग 4 करोड़ नई नौकरियाँ जोड़ीं, जिससे यह निर्माण क्षेत्र के बाद दूसरा सबसे बड़ा रोजगार जनक बन गया।
यह क्षेत्र आर्थिक परिवर्तन के दौरान श्रम झटकों को अवशोषित (Labour Shock Absorber) करने में मदद करता है, परंतु रोजगार वितरण में असमानता बनी हुई है।

उच्च मूल्य सेवाएँ जैसे आईटी, वित्त और स्वास्थ्य — उत्पादकता में अग्रणी हैं लेकिन सीमित रोजगार उत्पन्न करती हैं, जबकि व्यापार और परिवहन जैसे पारंपरिक क्षेत्र लाखों लोगों को रोजगार देते हैं लेकिन अत्यधिक असंगठित (Informal) हैं।
भारत का सेवाप्रधान अर्थव्यवस्था की ओर संक्रमण (Service-led Transition) अभी भी चीन और इंडोनेशिया जैसे देशों की तुलना में धीमा है।

रोजगार प्रोफ़ाइल और असमानता

शहरी-ग्रामीण अंतर स्पष्ट है —
शहरी श्रमिकों में 60% सेवा क्षेत्र से जुड़े हैं, जबकि ग्रामीण श्रमिकों में यह हिस्सा 20% से कम है।

लैंगिक असमानता (Gender Disparity) भी गंभीर है —
ग्रामीण महिलाओं में केवल 10.5% सेवाक्षेत्र में कार्यरत हैं, जबकि शहरी महिलाओं में यह अनुपात 60% है।
वेतन अंतर सभी स्तरों पर बना हुआ है।

श्रमबल में प्राइमएज (30–49 वर्ष) श्रमिकों का वर्चस्व है, जबकि युवाओं में अस्थिरता और अल्परोजगारी (Underemployment) अधिक है।
शिक्षा प्राप्ति से रोजगार अवसर बढ़ते हैं, फिर भी सेवाक्षेत्र के 87% श्रमिक सामाजिक सुरक्षा से वंचित हैं।

ग्रामीण महिलाएँ औसतन पुरुषों की तुलना में 50% से भी कम वेतन पाती हैं, जो गहरी आर्थिक और सामाजिक असमानता को दर्शाता है।

स्थैतिक सामान्य ज्ञान टिप:
आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) के अनुसार, भारत की महिला श्रम बल भागीदारी दर 2023–24 में 37% रही — जो पिछले वर्षों की तुलना में एक क्रमिक वृद्धि है।

परिवर्तन का रोडमैप

नीति आयोग की रिपोर्टों में समावेशी परिवर्तन के लिए एक विस्तृत रोडमैप प्रस्तुत किया गया है।
मुख्य प्राथमिकताएँ हैं —

  • असंगठित, गिग (Gig) और MSME श्रमिकों के लिए औपचारिकता और सामाजिक सुरक्षा बढ़ाना,
  • डिजिटल कौशल (Digital Skilling) का विस्तार, विशेष रूप से महिलाओं और ग्रामीण युवाओं के लिए,
  • तकनीकी (Tech-based) और हरित नौकरियाँ (Green Jobs) को भविष्य की रोजगार रणनीति में प्रमुख स्थान देना।

साथ ही, टियर-2 और टियर-3 शहरों में सेवा हब (Service Hubs) विकसित करने की सिफारिश की गई है ताकि क्षेत्रीय संतुलन (Regional Balance) और राज्यस्तरीय प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा मिले।

स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य:
नीति आयोग की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की गिग और प्लेटफ़ॉर्म अर्थव्यवस्था (Gig & Platform Economy) में 2030 तक 2.3 करोड़ (23 मिलियन) लोग कार्यरत होंगे।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय (Topic) विवरण (Detail)
रिपोर्ट जारी करने वाला संगठन नीति आयोग (NITI Aayog)
रिपोर्ट शीर्षक Insights from GVA Trends and State-level Dynamics; Insights from Employment Trends and State-level Dynamics
जारी वर्ष 2025
सेवाक्षेत्र में कार्यरत श्रमिक (2023–24) 188 मिलियन (18.8 करोड़)
GVA में सेवाक्षेत्र का हिस्सा (2024–25) लगभग 55%
असंगठित श्रमिकों का अनुपात 87% सामाजिक सुरक्षा से वंचित
ग्रामीण महिलाओं की भागीदारी 10.5%
शहरी महिलाओं की भागीदारी 60%
नई नौकरियाँ (2017–2023) लगभग 4 करोड़
प्रमुख सिफारिशें औपचारिकता, डिजिटल कौशल, क्षेत्रीय सेवा हब का विकास
Transforming India’s Services Sector for Inclusive Growth
  1. नीति आयोग (NITI Aayog) ने भारत के सेवा क्षेत्र की गतिशीलता पर रिपोर्ट जारी की।
  2. शीर्षक: जीवीए रुझान और रोजगार रुझान से अंतर्दृष्टि (Insights from GVA and Employment Trends)”
  3. रिपोर्ट सेवाओं को भारत के विकास चालक (Growth Driver) के रूप में उजागर करती है।
  4. यह क्षेत्र 2024–25 में जीवीए (GVA) में 55% योगदान देता है।
  5. यह 188 मिलियन श्रमिकों को रोजगार देता है (2023–24), जो कृषि के बाद दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है।
  6. अधिकांश नौकरियाँ अनौपचारिक और कम वेतन वाली हैं।
  7. उच्चमूल्य वाली सेवाएँ कम लेकिन उच्च उत्पादकता वाली नौकरियाँ पैदा करती हैं।
  8. व्यापार और परिवहन जैसी पारंपरिक सेवाएँ अब भी श्रमप्रधान बनी हुई हैं।
  9. आर्थिक बदलावों के दौरान सेवाओं ने आघात अवशोषक (Shock Absorber) के रूप में कार्य किया।
  10. शहरी भागीदारी (60%) ग्रामीण (20%) से कहीं अधिक है।
  11. केवल 5% ग्रामीण महिलाएँ सेवा क्षेत्र में काम करती हैं।
  12. 87% सेवा कर्मचारी सामाजिक सुरक्षा से वंचित हैं।
  13. महिला कार्यबल भागीदारी 37% (PLFS 2023–24) तक पहुँच गई।
  14. रिपोर्टें औपचारिकता (Formalisation) और डिजिटल कौशल पहलें बढ़ाने का आग्रह करती हैं।
  15. सेवाओं में महिलाओं और ग्रामीण युवाओं के समावेश पर ध्यान केंद्रित करें।
  16. क्षेत्रीय संतुलन के लिए टियर-2 और टियर-3 शहर सेवा केंद्रों को प्रोत्साहित करें।
  17. भविष्य में हरित (Green) और प्रौद्योगिकीआधारित नौकरियों पर जोर दें।
  18. सेवा क्षेत्र MSME और गिग अर्थव्यवस्था (Gig Economy) के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
  19. सहकारी संघवाद (Cooperative Federalism) को बढ़ावा देने के लिए 2015 में नीति आयोग का गठन किया गया।
  20. लक्ष्य: समावेशी और सतत सेवाआधारित विकास को सुनिश्चित करना।

Q1. भारत के सेवा क्षेत्र (Services Sector) पर रिपोर्ट किस संगठन ने जारी की?


Q2. वर्ष 2024–25 में भारत के GVA में सेवा क्षेत्र का योगदान कितना है?


Q3. वर्ष 2023–24 में भारत के सेवा क्षेत्र में कितने श्रमिक कार्यरत थे?


Q4. सेवा क्षेत्र के कितने प्रतिशत श्रमिकों के पास सामाजिक सुरक्षा (Social Security) नहीं है?


Q5. नीति आयोग के अनुसार, वर्ष 2030 तक भारत की गिग इकॉनॉमी में कितने श्रमिक होने का अनुमान है?


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