नवम्बर 3, 2025 7:59 पूर्वाह्न

भारतीय सेना ने स्वदेशी सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो के साथ संचार को आगे बढ़ाया

चालू घटनाएँ: भारतीय सेना, सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो (SDR), IRSA मानक, DRDO, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL), रक्षा संचार, नेटवर्क-केंद्रित युद्ध, स्वदेशी तकनीक, आत्मनिर्भर भारत, सुरक्षित संचार

Indian Army Advances Communication with Indigenous Software Defined Radios

सैन्य संचार में स्वदेशी मील का पत्थर

भारतीय सेना ने अपनी पहली स्वदेशी रूप से विकसित सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो (SDR) प्रणाली की खरीद के लिए एक ऐतिहासिक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।
यह कदम भारत की रक्षा संचार सुरक्षा में एक नए युग की शुरुआत करता है।

यह SDR प्रणाली रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) द्वारा निर्मित की गई है।
यह पहल रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) की दृष्टि के अनुरूप है।

ये SDR प्रणाली भारतीय सशस्त्र बलों को उन्नत, लचीली और एन्क्रिप्टेड संचार क्षमताएँ प्रदान करती है, जो नेटवर्ककेंद्रित युद्ध प्रणाली (Network-Centric Warfare) के लिए अत्यावश्यक हैं।

स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य:
DRDO की स्थापना 1958 में रक्षा मंत्रालय के अधीन स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से की गई थी।

सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो (SDR) क्या हैं

सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो (SDR) पारंपरिक हार्डवेयर-आधारित मॉड्यूलेटर्स और फ़िल्टर्स को सॉफ़्टवेयर संचालित प्रणालियों से प्रतिस्थापित करते हैं।
यह नवाचार उन्हें अपडेट करने में आसान, इंटरऑपरेबल और मैदानी परिस्थितियों के अनुरूप (Field Adaptable) बनाता है।

भारतीय सेना द्वारा अपनाए जा रहे ये SDR उच्च डेटा दर (High Data Rate) और मोबाइल एड हॉक नेटवर्क (MANET) क्षमताओं से युक्त हैं, जिससे सैनिक मोबाइल या बाधित क्षेत्रों में भी मजबूत संचार बनाए रख सकते हैं।

स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य:
SDR की अवधारणा पहली बार 1990 के दशक में अमेरिकी रक्षा संगठनों द्वारा लोकप्रिय हुई थी ताकि सैन्य प्लेटफार्मों के बीच संचार की लचीलापन बढ़ाई जा सके।

IRSA मानक और उसकी भूमिका

इंडियन रेडियो सॉफ्टवेयर आर्किटेक्चर (IRSA) संस्करण 1.0 भारत का पहला राष्ट्रीय SDR मानक है, जिसे DRDO और इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (IDS) ने संयुक्त रूप से विकसित किया है।
यह मानक इंटरफेस, API और वेवफॉर्म पोर्टेबिलिटी प्रोटोकॉल्स को परिभाषित करता है।

IRSA फ्रेमवर्क सुनिश्चित करता है कि कोई भी संगत SDR विभिन्न रक्षा प्लेटफार्मों पर संचालित हो सके।
यह इंटरऑपरेबिलिटी, प्रमाणीकरण (Certification) और अपग्रेड में आसानी (Ease of Upgradation) सुनिश्चित करता है।
साथ ही, यह वेवफॉर्म पोर्टेबिलिटी की सुविधा देता है — यानी एक SDR के लिए विकसित वेवफॉर्म को दूसरे SDR पर भी उपयोग किया जा सकता है।

स्थैतिक सामान्य ज्ञान टिप:
इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (IDS) की स्थापना 2001 में भारत की तीनों सेनाओं के बीच संयुक्तता (Jointness) को बढ़ाने के लिए की गई थी।

रणनीतिक और औद्योगिक महत्व

रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र के लिए IRSA-आधारित SDRs अत्यंत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये सुरक्षित संचार को मजबूत करते हैं, नेटवर्ककेंद्रित युद्ध क्षमता को बढ़ाते हैं और विदेशी इलेक्ट्रॉनिक्स पर निर्भरता घटाते हैं।
यह भारत की तकनीकी स्वायत्तता (Technological Sovereignty) की दिशा में एक बड़ा कदम है।

औद्योगिक दृष्टि से, यह परियोजना BEL की विनिर्माण क्षमता को प्रदर्शित करती है और भारत के घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को बढ़ावा देती है।
इस परियोजना में DRDO, BEL, निजी कंपनियों और शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग से एक मजबूत तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण हुआ है जो नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देता है।

भविष्य में, IRSA-संगत SDRs का निर्यात भारत की रक्षा कूटनीति (Defence Diplomacy) को भी सशक्त कर सकता है — विशेष रूप से उन मित्र देशों के लिए जो सुरक्षित और किफायती संचार प्रणालियाँ खोज रहे हैं।

स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य:
BEL की स्थापना 1954 में की गई थी और इसका मुख्यालय बेंगलुरु, कर्नाटक में स्थित है।

आत्मनिर्भर डिजिटल युद्धक्षेत्र की ओर

स्वदेशी SDRs का समावेश भारतीय सेना के लिए एक डिजिटल रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर सैन्य संचार प्रणाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
IRSA मानकीकरण यह सुनिश्चित करता है कि भारत की रक्षा संचार प्रणाली सुरक्षित, भविष्य के लिए तैयार (Future-Ready) और इंटरऑपरेबल बनी रहे।
यह भारत की रणनीतिक स्वायत्तता (Strategic Autonomy) को मजबूत करता है और रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों पर आत्मनिर्भरता को साकार करता है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय (Topic) विवरण (Detail)
अनुबंध हस्ताक्षर की तिथि अक्टूबर 2025
डेवलपर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO)
निर्माता भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL)
सॉफ्टवेयर मानक इंडियन रेडियो सॉफ्टवेयर आर्किटेक्चर (IRSA) संस्करण 1.0
प्रमुख विशेषताएँ उच्च डेटा दर, MANET क्षमता
रणनीतिक उद्देश्य सुरक्षित, इंटरऑपरेबल, नेटवर्क-केंद्रित संचार
नीति संबंध आत्मनिर्भर भारत पहल
पर्यवेक्षण निकाय इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (IDS)
BEL मुख्यालय बेंगलुरु, कर्नाटक
DRDO की स्थापना 1958, रक्षा मंत्रालय के अधीन
Indian Army Advances Communication with Indigenous Software Defined Radios
  1. भारतीय सेना ने स्वदेशी सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो (SDR) खरीदने के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।
  2. डीआरडीओ (DRDO) द्वारा विकसित और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) द्वारा निर्मित
  3. यह पहल रक्षा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भर भारत के साथ संरेखित है।
  4. SDR लचीला, एन्क्रिप्टेड और अपग्रेड करने योग्य संचार प्रदान करते हैं।
  5. नेटवर्ककेंद्रित युद्ध (Network-Centric Warfare) और सुरक्षित सामरिक संपर्क को सक्षम बनाता है।
  6. रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत डीआरडीओ की स्थापना 1958 में हुई थी।
  7. SDR हार्डवेयरआधारित रेडियो भागों को सॉफ्टवेयरसंचालित प्रणालियों से प्रतिस्थापित करते हैं।
  8. इस प्रणाली में उच्च डेटा दर और MANET (Mobile Ad-hoc Network) क्षमता है।
  9. मोबाइल और बाधित वातावरण में संचार की अनुमति देता है।
  10. IRSA संस्करण0 SDR के लिए भारत का पहला राष्ट्रीय मानक है।
  11. IRSA इंटरफेस, API और वेवफॉर्म पोर्टेबिलिटी प्रोटोकॉल को परिभाषित करता है।
  12. रक्षा प्लेटफार्मों पर SDR के बीच अंतरसंचालनीयता सुनिश्चित करता है।
  13. सुरक्षित और स्वदेशी संचार अवसंरचना को मज़बूत करता है।
  14. BEL के माध्यम से भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देता है।
  15. DRDO, BEL, निजी फर्मों और शिक्षाविदों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करता है।
  16. BEL, एक रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (DPSU) है, जिसकी स्थापना 1954 में हुई थी और इसका मुख्यालय बेंगलुरु में है।
  17. IRSA-अनुपालक SDR का निर्यात भारत की रक्षा कूटनीति को बढ़ाता है।
  18. एक आत्मनिर्भर डिजिटल युद्धक्षेत्र और सुरक्षित संचालन का समर्थन करता है।
  19. एकीकृत रक्षा स्टाफ (IDS) मानकीकरण प्रक्रिया की निगरानी करता है।
  20. यह अनुबंध तकनीकी संप्रभुता (Technological Sovereignty) की ओर भारत के कदम को दर्शाता है।

Q1. भारतीय सेना के लिए सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो (SDR) किस संगठन द्वारा विकसित किए गए हैं?


Q2. SDRs के संदर्भ में IRSA का पूर्ण रूप क्या है?


Q3. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की स्थापना किस वर्ष की गई थी?


Q4. SDRs को गतिशील (Mobile) वातावरण में भी संचार बनाए रखने की कौन-सी विशेषता सक्षम बनाती है?


Q5. भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) का मुख्यालय कहाँ स्थित है?


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