राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से जवाबदेही की माँग
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों (UTs) को आठ सप्ताह के भीतर आत्महत्या रोकथाम और मानसिक स्वास्थ्य उपायों के कार्यान्वयन पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश देशभर में बढ़ती शैक्षणिक दबाव और मानसिक तनाव से जुड़ी छात्र आत्महत्याओं की पृष्ठभूमि में जारी किया गया है।
अदालत का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक शैक्षणिक संस्था — विद्यालय, कॉलेज और निजी कोचिंग केंद्र — एक प्रभावी, छात्र–केंद्रित मानसिक स्वास्थ्य नीति अपनाए।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य: भारत का सर्वोच्च न्यायालय 28 जनवरी 1950 को स्थापित किया गया था, जिसने फेडरल कोर्ट ऑफ इंडिया का स्थान लिया।
मानसिक स्वास्थ्य अनुपालन पर एकरूपता का निर्देश
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने केंद्र और राज्य सरकारों से अनुपालन हलफनामे (Compliance Affidavits) मांगे हैं।
सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को मामले में प्रतिवादी (Respondent) बनाया गया है, और अगली सुनवाई जनवरी 2026 में होगी।
यह निर्देश मानसिक स्वास्थ्य प्रोटोकॉल में राष्ट्रीय एकरूपता (Uniformity) लाने के उद्देश्य से दिया गया है, ताकि छात्रों के भावनात्मक कल्याण के लिए हर क्षेत्र जिम्मेदार हो।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान टिप: भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) की नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद 124 के तहत राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
राष्ट्रीय ढाँचा और संस्थागत नीति
सुप्रीम कोर्ट ने अपने 25 जुलाई 2025 के आदेश को दोहराया, जिसके तहत हर शैक्षणिक संस्था को एकसमान मानसिक स्वास्थ्य नीति (Uniform Mental Health Policy) अपनाना अनिवार्य किया गया था।
यह ढाँचा तीन राष्ट्रीय कार्यक्रमों — ‘उम्मीद’, ‘मनोदरपन’, और राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम रणनीति (National Suicide Prevention Strategy) — पर आधारित है।
इन पहलों का उद्देश्य शिक्षकों, प्रशासकों और छात्रों को प्रारंभिक पहचान, हस्तक्षेप और भावनात्मक सशक्तिकरण के संसाधनों से सुसज्जित करना है।
‘उम्मीद’ कार्यक्रम को शिक्षा मंत्रालय ने 2023 में प्रारंभ किया था। इसका उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य को छह सिद्धांतों पर आधारित करना है — Understand (समझना), Motivate (प्रेरित करना), Manage (संभालना), Empathise (सहानुभूति रखना), Empower (सशक्त बनाना) और Develop (विकास करना)।
‘मनोदरपन’ पहल COVID-19 महामारी के दौरान छात्रों के मानसिक कल्याण को समर्थन देने हेतु शुरू की गई थी।
कानूनी और संस्थागत खामियों पर टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने अपने जुलाई के फैसले में कहा था कि भारत की छात्र कल्याण प्रणाली में “कानूनी और नियामक शून्यता (Legislative and Regulatory Vacuum)” बनी हुई है।
इस कमी को दूर करने के लिए, अदालत ने एक व्यापक कानून बनने तक 15 अनिवार्य दिशानिर्देश जारी किए।
इनमें शामिल हैं —
• कोचिंग संस्थानों का अनिवार्य पंजीकरण,
• शिकायत निवारण प्रणाली (Grievance Redressal Mechanism), और
• मानसिक दबाव में छात्रों के लिए सुरक्षात्मक प्रावधान।
यह मामला आंध्र प्रदेश में 17 वर्षीय NEET अभ्यर्थी की आत्महत्या से संबंधित याचिका से उत्पन्न हुआ था, जिसने भारत की प्रतिस्पर्धी शिक्षा प्रणाली में मानसिक स्वास्थ्य संकट को उजागर किया।
सरकार की भूमिका और आगे का रास्ता
शिक्षा मंत्रालय को निर्देश दिया गया है कि वह संस्थानों की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट के माध्यम से अनुपालन की निगरानी करे और प्रत्येक संस्था अपनी मानसिक स्वास्थ्य नीति को वेबसाइट और नोटिस बोर्ड पर सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करे।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता (Mental Health Sensitisation) को विद्यालय और कॉलेज पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाना चाहिए।
2026 तक, सभी शैक्षणिक संस्थाओं को अपनी मानसिक स्वास्थ्य अवसंरचना और छात्र सहायता तंत्र में मापनीय सुधार (Measurable Improvements) प्रदर्शित करने होंगे।
यह पहल भारत की शिक्षा व्यवस्था में संस्थागत जवाबदेही और समग्र छात्र कल्याण (Holistic Student Well-being) की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
| पीठ की संरचना | न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और संदीप मेहता |
| रिपोर्ट जमा करने की समयसीमा | आदेश की तिथि से 8 सप्ताह |
| अगली सुनवाई | जनवरी 2026 |
| प्रमुख पहलें | उम्मीद, मनोदरपन, राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम रणनीति |
| ‘उम्मीद’ कार्यक्रम का आरंभ वर्ष | 2023 |
| जिम्मेदार मंत्रालय | शिक्षा मंत्रालय |
| मामले की उत्पत्ति | आंध्र प्रदेश में 17 वर्षीय NEET अभ्यर्थी की आत्महत्या |
| अंतरिम दिशानिर्देशों की संख्या | 15 |
| सुप्रीम कोर्ट निर्देश का उद्देश्य | शैक्षणिक संस्थानों में आत्महत्या रोकथाम और मानसिक स्वास्थ्य ढाँचों का कार्यान्वयन |
| प्रमुख शब्द ‘उम्मीद’ का अर्थ | Understand, Motivate, Manage, Empathise, Empower, Develop |





