एआई प्रगति के लिए रणनीतिक गठबंधन
रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड (Reliance Industries Limited) और मेटा प्लेटफॉर्म्स (Meta Platforms) ने मिलकर रिलायंस एंटरप्राइज इंटेलिजेंस लिमिटेड (REIL) नामक संयुक्त कंपनी बनाई है, जो भारत के एआई-संचालित डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इस साझेदारी के तहत —
- रिलायंस के पास 70% हिस्सेदारी होगी,
- जबकि मेटा की सहायक कंपनी फेसबुक ओवरसीज़ इंक. (Facebook Overseas Inc.) के पास 30% हिस्सेदारी होगी।
यह सहयोग रिलायंस के विस्तृत व्यवसायिक नेटवर्क और मेटा की उन्नत एआई अनुसंधान क्षमता को एक साथ लाता है।
स्थैतिक जीके तथ्य: रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड की स्थापना धीरूभाई अंबानी ने 1966 में की थी; यह भारत के सबसे बड़े औद्योगिक समूहों में से एक है।
₹855 करोड़ का निवेश — भारत का सबसे बड़ा एआई सहयोग
नई कंपनी REIL में कुल ₹855 करोड़ का निवेश किया गया है, जो वर्ष 2025 के सबसे बड़े टेक्नोलॉजी सहयोगों में से एक है।
रिलायंस इंटेलिजेंस लिमिटेड ने ₹2 करोड़ मूल्य के 2 करोड़ इक्विटी शेयर लिए हैं।
यह संयुक्त उपक्रम किसी भी सरकारी या नियामक मंजूरी (Regulatory Approval) की आवश्यकता नहीं रखता और इसे related-party transaction नहीं माना गया है।
इससे रिलायंस के डिजिटल नेटवर्क में एआई एकीकरण को और मजबूती मिलेगी, जिससे भारत में एआई-आधारित व्यावसायिक समाधान को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलेगी।
स्थैतिक जीके टिप: Meta Platforms ने अक्टूबर 2021 में Facebook Inc. से रीब्रांड होकर Metaverse और AI तकनीकों पर अपना ध्यान केंद्रित किया।
एंटरप्राइज एआई इकोसिस्टम का निर्माण
REIL का मुख्य उद्देश्य होगा — “Enterprise AI-as-a-Service” प्रदान करना, ताकि कंपनियाँ अपने जेनरेटिव एआई मॉडल्स को डिज़ाइन, ट्रेन और डिप्लॉय कर सकें।
सेवाओं का उपयोग मुख्यतः इन क्षेत्रों में होगा:
- मार्केटिंग और विज्ञापन
- आईटी ऑपरेशंस
- वित्तीय विश्लेषण
- ग्राहक सेवा (Customer Service)
मेटा अपने Llama ओपन-सोर्स एआई मॉडल्स प्रदान करेगा, जबकि रिलायंस अपने व्यापक भारतीय औद्योगिक नेटवर्क के माध्यम से इन समाधानों का विस्तार करेगा।
यह सेवाएँ क्लाउड, ऑन-प्रिमाइसेस और हाइब्रिड वातावरण में उपलब्ध होंगी, जिससे सभी प्रकार के संगठनों को लचीलापन मिलेगा।
स्थैतिक जीके तथ्य: LinkedIn की 2024 रिपोर्ट के अनुसार, भारत एआई कौशल पैठ (AI Skill Penetration) के मामले में विश्व के शीर्ष पाँच देशों में शामिल था।
भारत की एआई दृष्टि को सशक्त बनाना
REIL की स्थापना भारत को वैश्विक एआई नवाचार केंद्र (AI Innovation Hub) बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।
यह पहल डिजिटल इंडिया (Digital India) और मेक इन इंडिया (Make in India) मिशनों को पूरक बनाते हुए स्थानीय एआई समाधान (Indigenous AI Solutions) के विकास को बढ़ावा देगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस साझेदारी से भारतीय कंपनियों को सुलभ एआई टूल्स मिलेंगे, जिससे टेक्नोलॉजिकल आत्मनिर्भरता (Technological Self-Reliance) को बढ़ावा मिलेगा।
स्थैतिक जीके टिप: राष्ट्रीय कृत्रिम बुद्धिमत्ता रणनीति (National Strategy for Artificial Intelligence – NSAI) को नीति आयोग (NITI Aayog) ने 2018 में शुरू किया था, जिसका ध्यान स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा और स्मार्ट सिटी जैसे क्षेत्रों पर है।
स्थैतिक उस्तादियन करंट अफेयर्स तालिका
| विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
| संयुक्त उपक्रम का नाम | रिलायंस एंटरप्राइज इंटेलिजेंस लिमिटेड (REIL) |
| साझेदार कंपनियाँ | रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड (70%) और मेटा प्लेटफॉर्म्स (30%) |
| कुल निवेश राशि | ₹855 करोड़ |
| रिलायंस की इक्विटी सदस्यता | ₹2 करोड़ के लिए 2 करोड़ शेयर |
| मेटा का योगदान | Llama ओपन-सोर्स एआई मॉडल |
| प्रमुख सेवा | Enterprise AI-as-a-Service (Generative AI प्लेटफॉर्म) |
| नियामक स्वीकृति | आवश्यक नहीं |
| लॉन्च वर्ष | 2025 |
| मुख्य उद्देश्य | भारतीय एंटरप्राइज सेक्टर में एआई तैनाती को तेज़ करना |
| संदर्भ (Static GK) | नीति आयोग ने 2018 में राष्ट्रीय एआई रणनीति (NSAI) शुरू की |





