अक्टूबर 27, 2025 10:26 अपराह्न

पूम्पुहार तट पर पानी के नीचे सर्वेक्षण का पहला चरण

चालू घटनाएँ: पूम्पुहार, कावेरीपूमपट्टिनम, तमिलनाडु राज्य पुरातत्व विभाग, पानी के भीतर सर्वेक्षण, थिरुमुल्लाइवासल, नीथावासल, एस. आर. राव, समुद्र की स्थिति, प्राचीन बंदरगाह शहर, पुरातात्विक अनुसंधान

First Phase of Underwater Survey Off Poompuhar Coast

सर्वेक्षण का अवलोकन

तमिलनाडु राज्य पुरातत्व विभाग (TNSDA) ने पूमपुहार तट पर 12-दिवसीय पानी के नीचे सर्वेक्षण किया।
इसका उद्देश्य संगम कालीन कावेरीपूमपट्टिनम नामक प्राचीन बंदरगाह नगर के अवशेषों की खोज करना था, जो उस समय का एक प्रमुख समुद्री व्यापार केंद्र था।
स्थिर जीके तथ्य: पूमपुहार का उल्लेख संगम साहित्य में मिलता है; यह चोल राजवंश का एक प्रसिद्ध बंदरगाह था जो दक्षिण-पूर्व एशिया और रोमन साम्राज्य के साथ व्यापार करता था।

सर्वेक्षण क्षेत्र

यह सर्वेक्षण थिरुमुल्लैवासल से नेइथावासल तक के तटीय क्षेत्र में किया गया।
यह वही क्षेत्र है जिसे समुद्री पुरातत्वविद् एस. आर. राव ने सबसे पहले दर्ज किया था।
इस चरण का मुख्य उद्देश्य डूबे हुए संरचनाओं और कलाकृतियों (artifacts) की पहचान करना था।
स्थिर जीके टिप: एस. आर. राव भारतीय समुद्री पुरातत्व के अग्रणी वैज्ञानिक थे जिन्होंने द्वारका और पूमपुहार के समुद्र-तल स्थलों की खोज की।

कार्यप्रणाली

टीम ने सोनार स्कैनिंग, पुरातात्त्विक मानचित्रण (mapping), और नमूना संग्रह (sample collection) जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया।
बार-बार किए गए छोटे गोताखोर अभियानों से समुद्री तल की मिट्टी को नुकसान पहुँचाए बिना अधिकतम डेटा एकत्र किया गया।

प्रारंभिक निष्कर्ष

प्रारंभिक अवलोकनों में प्राचीन बंदरगाह संरचनाओं और व्यापारिक गतिविधियों के प्रमाण मिले हैं।
संग्रहित आंकड़ों का अब विस्तृत विश्लेषण किया जा रहा है ताकि अवशेषों की प्रकृति और विस्तार की पुष्टि की जा सके।
स्थिर जीके तथ्य: संगम काल (ईसा पूर्व 3री सदी से ईस्वी 3री सदी तक) के दौरान तमिल राजवंश समुद्री व्यापार में अग्रणी थे और पूमपुहार एक प्रमुख केंद्र था।

आगामी योजना

समुद्री परिस्थितियाँ अनुकूल होने पर, सर्वेक्षण का दूसरा चरण शुरू किया जाएगा।
इस चरण में सर्वेक्षण क्षेत्र का विस्तार किया जाएगा और संभवतः और भी संरचनात्मक साक्ष्य मिल सकते हैं।
स्थिर जीके टिप: तमिलनाडु तटरेखा पर कई समुद्री पुरातात्त्विक परियोजनाएँ चलाई जा रही हैं ताकि बंगाल की खाड़ी के नीचे छिपी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित किया जा सके।

ऐतिहासिक महत्व

यह सर्वेक्षण तमिलनाडु की प्राचीन समुद्री संरचनाओं और व्यापार नेटवर्क को समझने में मदद करेगा।
साथ ही यह राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और समुद्री इतिहास के संरक्षण को भी सशक्त करेगा।
स्थिर जीके तथ्य: कावेरीपूमपट्टिनम का उल्लेख शिलप्पदिकारम और मणिमेकलई जैसे तमिल क्लासिक ग्रंथों में किया गया है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय (Topic) विवरण (Detail)
सर्वेक्षण अवधि 12 दिन
आयोजक संस्था तमिलनाडु राज्य पुरातत्व विभाग (TNSDA)
मुख्य क्षेत्र पूमपुहार तट, कावेरीपूमपट्टिनम
सर्वेक्षण क्षेत्र थिरुमुल्लैवासल से नेइथावासल
मुख्य पुरातत्वविद् एस. आर. राव
मुख्य उद्देश्य डूबे हुए बंदरगाह संरचनाओं और कलाकृतियों की पहचान
कार्यप्रणाली सोनार स्कैनिंग, पुरातात्त्विक मानचित्रण, नमूना संग्रह
डेटा की स्थिति विश्लेषणाधीन
भविष्य की योजना समुद्री परिस्थितियाँ अनुकूल होने पर दूसरा चरण
ऐतिहासिक काल संगम युग (ई.पू. 3री सदी – ई. 3री सदी)
First Phase of Underwater Survey Off Poompuhar Coast
  1. तमिलनाडु राज्य पुरातत्व विभाग (TNSDA) ने 12-दिवसीय पानी के नीचे सर्वेक्षण का नेतृत्व किया।
  2. केंद्रबिंदु: प्राचीन बंदरगाह शहर कावेरीपूमपट्टिनम (पूम्पुहार) की खोज।
  3. बंगाल की खाड़ी के किनारे तमिलनाडु तट पर स्थित।
  4. संगम साहित्य में पूम्पुहार एक प्रमुख चोल बंदरगाह था।
  5. सर्वेक्षण में तिरुमुल्लाईवासल से नीथावासल तटीय क्षेत्र को शामिल किया गया।
  6. समुद्री पुरातत्वविद् एस. आर. राव के निष्कर्षों पर आधारित।
  7. प्रयुक्त तकनीकें: सोनार स्कैनिंग, मानचित्रण और कलाकृतियों का नमूनाकरण।
  8. जलमग्न बंदरगाह संरचनाओं के निशान खोजे गए।
  9. प्राचीन अवशेषों की सीमा की पुष्टि के लिए डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है।
  10. समुद्री तलछट में न्यूनतम गड़बड़ी के साथ आयोजित किया गया।
  11. संगम काल (तीसरी ईसा पूर्व-तीसरी ईस्वी) जीवंत समुद्री व्यापार के लिए जाना जाता है।
  12. पूम्पुहार ने दक्षिण-पूर्व एशिया और रोमन साम्राज्य के साथ व्यापार किया।
  13. समुद्र की स्थिति में सुधार होने पर दूसरे सर्वेक्षण चरण की योजना बनाई गई।
  14. निष्कर्षों से तमिलनाडु के समुद्री विरासत अनुसंधान को बल मिला।
  15. एस. आर. राव ने पहले द्वारका और पूम्पुहार के पानी के नीचे के स्थलों का अन्वेषण किया था।
  16. विरासत संरक्षण और समुद्री पुरातत्व का समर्थन करता है।
  17. प्राचीन तमिल व्यापार नेटवर्क के ज्ञान को मजबूत करता है।
  18. शिलप्पादिकारम और मणिमेकलाई में उल्लेख इसके सांस्कृतिक मूल्य की पुष्टि करते हैं।
  19. भारत की समृद्ध पानी के नीचे की पुरातात्विक क्षमता पर प्रकाश डालता है।
  20. जलमग्न सभ्यताओं के दस्तावेजीकरण में तमिलनाडु के प्रयास को दर्शाता है।

Q1. पूम्पुहार तट के पास पानी के नीचे सर्वेक्षण (Underwater Survey) किस संगठन द्वारा किया गया?


Q2. इस सर्वेक्षण में किस प्राचीन नगर की खोज की जा रही है?


Q3. इस स्थल की प्रारंभिक खोज किस पुरातत्वविद् ने की थी?


Q4. संगम काल (Sangam Period) लगभग किन शताब्दियों के बीच फैला हुआ था?


Q5. पानी के नीचे की संरचनाओं का मानचित्रण (Mapping) करने के लिए कौन-सा आधुनिक उपकरण प्रयोग किया गया?


Your Score: 0

Current Affairs PDF October 27

Descriptive CA PDF

One-Liner CA PDF

MCQ CA PDF​

CA PDF Tamil

Descriptive CA PDF Tamil

One-Liner CA PDF Tamil

MCQ CA PDF Tamil

CA PDF Hindi

Descriptive CA PDF Hindi

One-Liner CA PDF Hindi

MCQ CA PDF Hindi

News of the Day

Premium

National Tribal Health Conclave 2025: Advancing Inclusive Healthcare for Tribal India
New Client Special Offer

20% Off

Aenean leo ligulaconsequat vitae, eleifend acer neque sed ipsum. Nam quam nunc, blandit vel, tempus.