तटीय संपर्क में क्रांतिकारी बदलाव
केरल सरकार ने राज्य की पहली पानी के नीचे सुरंग (Underwater Tunnel) के निर्माण की घोषणा की है, जो वायपिन और फोर्ट कोच्चि को अरब सागर के नीचे जोड़ेगी। ₹2,672 करोड़ की लागत वाला यह प्रोजेक्ट केरल कोस्टल हाईवे डेवलपमेंट प्लान का हिस्सा है और कोच्चि की कनेक्टिविटी को नई दिशा देगा।
इस परियोजना से वायपिन–फोर्ट कोच्चि की दूरी 16 किमी से घटकर केवल 3 किमी रह जाएगी, जिससे यात्रा समय, लागत और पर्यावरणीय प्रभाव में भारी कमी आएगी।
स्थिर जीके तथ्य: अरब सागर, उत्तरी हिंद महासागर का भाग है, जो भारत, ओमान, पाकिस्तान और सोमालिया से घिरा है।
समुद्र के नीचे इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना
इस ऐतिहासिक परियोजना को केरल रेल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (KRDCL) कार्यान्वित करेगा। सुरंग की कुल लंबाई 2.75 किमी होगी — जिसमें 1.75 किमी बोरिंग टनल और 1 किमी कट-एंड-कवर सेक्शन शामिल है। इसमें दो समानांतर टनलें (Twin Tubes) होंगी, प्रत्येक दिशा के यातायात के लिए एक।
प्रत्येक टनल का बाहरी व्यास 12.5 मीटर और आंतरिक चौड़ाई 11.25 मीटर होगी, जो समुद्र तल से 35 मीटर नीचे बनाई जाएगी। सुरक्षा के लिए हर 250 मीटर पर इमरजेंसी स्टॉप, हर 500 मीटर पर एस्केप रूट, तथा आधुनिक वेंटिलेशन और फायर सिस्टम लगाए जाएंगे।
स्थिर जीके तथ्य: भारत की पहली अंडरवाटर मेट्रो टनल कोलकाता (हुगली नदी के नीचे) में 2017 में KMRC द्वारा पूरी की गई थी।
यात्रा और आर्थिक प्रभाव
यह सुरंग वर्तमान 2 घंटे की यात्रा को घटाकर केवल 30 मिनट में पूरा करेगी। यात्रियों को अब फेरी सेवा या गोश्री ब्रिज के 16 किमी लंबे मार्ग की आवश्यकता नहीं होगी।
संभावित टोल शुल्क ₹50–₹100 के बीच होगा, जो वर्तमान औसत ₹300 खर्च से कहीं कम है। अधिकारियों के अनुसार, इससे प्रतिदिन यात्रा करने वाले लोग मासिक ₹1,500 तक की बचत कर सकेंगे।
स्थिर जीके टिप: कोच्चि में भारत का पहला ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल वल्लारपदम इंटरनेशनल कंटेनर ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल (ICTT) स्थित है।
पुल के बजाय सुरंग क्यों चुनी गई
पहले इस परियोजना के लिए पुल का प्रस्ताव रखा गया था, परन्तु तकनीकी और वित्तीय जटिलताओं के कारण इसे अस्वीकार कर दिया गया।
एक पुल को कार्गो जहाजों के गुजरने हेतु अत्यधिक ऊँचाई की आवश्यकता होती, जिससे लागत और भूमि अधिग्रहण बढ़ जाता।
इसके विपरीत, अंडरवाटर टनल के लाभ हैं:
• केवल 100 मीटर भूमि दोनों ओर आवश्यक
• पर्यावरणीय और शहरी अवरोध न्यूनतम
• कोच्चि पोर्ट ट्रैफिक पर कोई प्रभाव नहीं
KRDCL के प्रबंध निदेशक वी. अजीत कुमार ने बताया कि यह सुरंग तकनीकी रूप से अधिक सुरक्षित, पर्यावरण-अनुकूल और किफायती विकल्प है।
स्थिर जीके तथ्य: अटल टनल (हिमाचल प्रदेश, 9.02 किमी) दुनिया की सबसे लंबी 10,000 फीट से ऊपर स्थित हाइवे टनल है, जिसका उद्घाटन 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
केरल की अवसंरचना दृष्टि को बढ़ावा
यह परियोजना केरल को नवोन्मेषी और सतत अवसंरचना विकास का अग्रणी राज्य बनाती है। इसके पूरा होने पर यह भारत के समुद्री इंजीनियरिंग इतिहास में नया अध्याय जोड़ देगी और भविष्य के इको-फ्रेंडली परिवहन नेटवर्क का मानक बनेगी।
स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका
| विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
| परियोजना का नाम | वायपिन–फोर्ट कोच्चि अंडरवाटर टनल |
| क्रियान्वयन एजेंसी | केरल रेल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (KRDCL) |
| अनुमानित लागत | ₹2,672 करोड़ |
| कुल लंबाई | 2.75 किमी (1.75 किमी बोर + 1 किमी कट-एंड-कवर) |
| समुद्र तल से गहराई | 35 मीटर |
| टनल प्रकार | दोहरी (Twin-tube) वाहन टनल |
| यात्रा समय में कमी | 2 घंटे से घटकर 30 मिनट |
| टोल शुल्क सीमा | ₹50–₹100 |
| वैकल्पिक प्रस्ताव | ऊँचाई और लागत के कारण पुल प्रस्ताव रद्द |
| तुलना | कोलकाता की हुगली नदी के नीचे बनी मेट्रो टनल के समान |





