NHAI की तकनीकी प्रगति
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने देश के 23 राज्यों में एआई-सक्षम 3D नेटवर्क सर्वे व्हीकल्स (NSVs) तैनात किए हैं, जो 20,933 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों को कवर करेंगे।
यह पहल सड़क सुरक्षा और रखरखाव के क्षेत्र में भारत के लिए एक बड़ी तकनीकी उपलब्धि है और देश की स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर विकास नीति के अनुरूप है।
स्थिर जीके तथ्य: NHAI की स्थापना 1995 में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अधिनियम के तहत की गई थी और यह सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के अधीन कार्य करता है।
नेटवर्क सर्वे वाहनों की कार्यप्रणाली
नेटवर्क सर्वे व्हीकल्स (NSVs) अत्याधुनिक तकनीक से लैस वाहन हैं, जिनमें 3D लेज़र स्कैनर और सेंसर सिस्टम लगे हैं।
ये वाहन बिना मानव हस्तक्षेप के स्वतः दरारें, गड्ढे, पैच और सड़क की सतह की खामियों का पता लगा सकते हैं।
इससे मैनुअल त्रुटियाँ कम होती हैं और डेटा संग्रह की गति बढ़ती है।
ये वाहन सभी मौसम और ट्रैफिक परिस्थितियों में काम कर सकते हैं और उच्च-रिज़ॉल्यूशन सड़क प्रोफाइल तैयार कर सटीक रखरखाव योजना में मदद करते हैं।
डेटा एकीकरण और एआई आधारित विश्लेषण
NSVs द्वारा एकत्र किया गया सारा डेटा NHAI के “डेटा लेक” प्लेटफ़ॉर्म पर अपलोड किया जाता है — यह एक एआई-सक्षम डिजिटल विश्लेषण प्रणाली है, जो बड़े पैमाने पर राजमार्ग डेटा की व्याख्या करती है।
यह प्रणाली विशेषज्ञों को सड़क की क्षति की गंभीरता और स्थान के आधार पर समय पर मरम्मत योजनाएँ तैयार करने में मदद करती है।
स्थिर जीके टिप: भारत का राजमार्ग नेटवर्क दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा है — यह 6.3 मिलियन किलोमीटर लंबा है और देश के लगभग 65% माल परिवहन को जोड़ता है।
एआई एकीकरण के माध्यम से NHAI एक डिजिटल रोड इन्वेंटरी भी बना रहा है, जिससे संपत्ति प्रबंधन और पारदर्शिता में सुधार होगा।
सड़क सुरक्षा और रखरखाव में सुधार
यह पहल निवारक रखरखाव (Preventive Maintenance) पर केंद्रित है — जिससे सड़क की खराबी को पहले से पहचानकर बड़े हादसों या मरम्मत खर्च से बचा जा सके।
एआई एल्गोरिद्म और 3D इमेजरी के संयोजन से अब NHAI रियल टाइम में सड़क की गुणवत्ता और पेवमेंट डिग्रेडेशन रेट का विश्लेषण कर सकता है।
इससे संसाधनों का कुशल उपयोग और जोखिम क्षेत्रों की प्राथमिक पहचान संभव हो पाती है।
पारदर्शिता और स्मार्ट शासन
यह एआई-आधारित प्रणाली सार्वजनिक अवसंरचना प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाती है।
मैनुअल रिपोर्टिंग पर निर्भरता घटाकर, यह प्रणाली देरी और असंगतियों को कम करती है।
यह पहल भारत की डिजिटल इंडिया दृष्टि के अनुरूप है और डेटा-आधारित सतत शासन (Smart Governance) को प्रोत्साहित करती है।
स्थिर जीके तथ्य: डेटा लेक परियोजना भारत सरकार की भारतमाला परियोजना (Bharatmala Pariyojana, 2017) का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य देश के सड़क नेटवर्क और कनेक्टिविटी को सुधारना है।
स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका
| विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
| क्रियान्वयन एजेंसी | राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) |
| प्रयुक्त तकनीक | 3D लेज़र आधारित नेटवर्क सर्वे वाहन (NSVs) |
| कवरेज | 23 राज्यों में 20,933 किमी |
| मुख्य उद्देश्य | सड़क सुरक्षा, निवारक रखरखाव, डेटा-आधारित प्रबंधन |
| एआई प्लेटफ़ॉर्म | NHAI का डेटा लेक |
| संबंधित मंत्रालय | सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) |
| लॉन्च वर्ष | 2025 |
| मुख्य लाभ | रियल-टाइम मॉनिटरिंग और सक्रिय रखरखाव प्रबंधन |
| संबंधित योजना | भारतमाला परियोजना |
| स्थिर तथ्य | भारत का राजमार्ग नेटवर्क विश्व में दूसरा सबसे बड़ा |





