अक्टूबर 26, 2025 4:33 अपराह्न

कोल इंडिया, आईआईटी मद्रास हरित ऊर्जा सहयोग

चालू घटनाएँ: कोल इंडिया, आईआईटी मद्रास, सेंटर फॉर सस्टेनेबल एनर्जी, लोकार्बन टेक्नोलॉजी, माइन रीपर्पोज़िंग, हरित नवाचार, स्वच्छ ईंधन, उत्सर्जन में कमी, राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDCs), ऊर्जा संक्रमण

Coal India IIT Madras Green Energy Collaboration

स्वच्छ ऊर्जा नवाचार के लिए ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (MoU)

कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) और आईआईटी मद्रास ने सतत ऊर्जा केंद्र (Centre for Sustainable Energy) की स्थापना के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस साझेदारी का उद्देश्य भारत की स्वच्छ ऊर्जा यात्रा को गति देना और कम-कार्बन प्रौद्योगिकियों (Low-Carbon Technologies) तथा हरित नवाचार (Green Innovation) को प्रोत्साहित करना है।
यह उद्योग और अकादमिक जगत के बीच एक रणनीतिक सहयोग का उदाहरण है जो स्वदेशी स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान को मजबूत करेगा।
स्थिर जीके तथ्य: कोल इंडिया लिमिटेड विश्व की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी है, जिसका मुख्यालय कोलकाता में है और यह कोयला मंत्रालय (Ministry of Coal) के अधीन कार्य करती है।

केंद्र के प्रमुख उद्देश्य

नया केंद्र सस्टेनेबिलिटी-आधारित अनुसंधान एवं विकास (R&D) का केंद्र बिंदु होगा। इसके मुख्य उद्देश्य हैं —
स्वदेशी लो-कार्बन तकनीक का विकास
त्यक्त कोयला खदानों (Abandoned Mines) का नवीकरणीय ऊर्जा उपयोग के लिए पुनः उपयोग (Repurposing)
ऊर्जा विविधीकरण (Energy Diversification) को बढ़ावा देना
इस पहल का लक्ष्य कोल इंडिया के परिचालन कार्बन पदचिह्न (Carbon Footprint) को घटाना और नवाचार के माध्यम से भारत की ऊर्जा सुरक्षा (Energy Security) को मजबूत करना है।
स्थिर जीके टिप: भारत ने COP26 सम्मेलन (ग्लासगो, 2021) में 2070 तक नेट-ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने का लक्ष्य घोषित किया था।

कोल इंडिया की ऊर्जा दृष्टि में परिवर्तन

फॉसिल फ्यूल्स से जुड़ी अपनी पारंपरिक पहचान को बदलते हुए, कोल इंडिया अब हरित ऊर्जा उद्देश्यों को अपने कॉर्पोरेट रणनीति में शामिल कर रही है।
यह कदम भारत की पेरिस समझौते (Paris Agreement) के तहत की गई जलवायु प्रतिबद्धताओं के अनुरूप है।
CIL अध्यक्ष पी. एम. प्रसाद ने कहा कि आईआईटी मद्रास के साथ यह सहयोग स्वदेशी स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान को प्रोत्साहित करेगा और औद्योगिक विकास पारिस्थितिक स्थिरता के बीच संतुलन सुनिश्चित करेगा।

आईआईटी मद्रास की शैक्षणिक भूमिका

प्रोफेसर वी. कामकोटी के नेतृत्व में आईआईटी मद्रास इस केंद्र की अकादमिक और अनुसंधान रूपरेखा तैयार करेगा।
संस्थान अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करेगा —
• खनन क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण (Renewable Integration)
स्वच्छ ईंधन और ऊर्जा भंडारण तकनीक (Clean Fuels & Storage)
ग्रीन हाइड्रोजन विकास (Green Hydrogen Development)
उत्सर्जन में कमी और कार्बन कैप्चर फ्रेमवर्क (Emission Reduction & Carbon Capture Frameworks)
स्थिर जीके तथ्य: आईआईटी मद्रास की स्थापना 1959 में हुई थी और यह राष्ट्रीय महत्त्व के संस्थानों (Institutes of National Importance) में से एक है, जो लगातार NIRF रैंकिंग्स में शीर्ष पर रहता है।

मानव संसाधन और अनुसंधान विकास

यह केंद्र विशेषीकृत शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से क्षमता निर्माण (Capacity Building) पर भी ध्यान देगा।
इसमें Ph.D., पोस्ट-डॉक्टोरल फेलोशिप्स, और इंजीनियरिंग छात्रों के लिए प्रशिक्षण अवसर शामिल होंगे।
इससे सतत ऊर्जा समाधान (Sustainable Energy Solutions) और जलवायु अनुसंधान (Climate Research) में निपुण नई पीढ़ी के पेशेवर तैयार किए जाएंगे।
यह उद्योग–अकादमिक साझेदारी भारत को ऊर्जा संक्रमण (Energy Transition) की दिशा में अग्रसर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
स्थिर जीके टिप: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) ने अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए उद्योग–अकादमिक सहयोग को प्रमुख तत्व के रूप में मान्यता दी है।

स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका

विषय (Topic) विवरण (Detail)
एमओयू सहभागी कोल इंडिया लिमिटेड और आईआईटी मद्रास
उद्देश्य सतत ऊर्जा केंद्र की स्थापना
मुख्य फोकस क्षेत्र लो-कार्बन तकनीक, माइन रीपर्पोज़िंग, ग्रीन हाइड्रोजन, उत्सर्जन में कमी
कोल इंडिया मुख्यालय कोलकाता, पश्चिम बंगाल
आईआईटी मद्रास निदेशक प्रो. वी. कामकोटी
वैश्विक प्रतिबद्धता संदर्भ पेरिस समझौता और भारत के NDC लक्ष्य
नेटज़ीरो लक्ष्य वर्ष 2070
निगरानी मंत्रालय कोयला मंत्रालय (Ministry of Coal)
संबंधित शिक्षा नीति राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020
रणनीतिक परिणाम सतत ऊर्जा अनुसंधान के लिए उद्योग और अकादमिक एकीकरण
Coal India IIT Madras Green Energy Collaboration
  1. कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) और आईआईटी मद्रास ने सतत ऊर्जा केंद्र स्थापित करने हेतु एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
  2. इस सहयोग का उद्देश्य नवाचार के माध्यम से भारत के स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन में तेजी लाना है।
  3. यह केंद्र कम कार्बन प्रौद्योगिकियों और नवीकरणीय ऊर्जा के लिए खदानों के पुन: उपयोग पर ध्यान केंद्रित करेगा।
  4. कोलकाता में मुख्यालय वाली कोल इंडिया, दुनिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी है।
  5. यह पहल 2070 तक भारत के शुद्ध शून्य कार्बन लक्ष्य के अनुरूप है।
  6. यह समझौता ज्ञापन सतत ऊर्जा अनुसंधान के लिए शिक्षा-उद्योग एकीकरण को बढ़ावा देता है।
  7. यह हरित हाइड्रोजन, स्वच्छ ईंधन और उत्सर्जन में कमी के ढाँचों पर ध्यान केंद्रित करेगा।
  8. यह परियोजना पेरिस समझौते के तहत भारत के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) का समर्थन करती है।
  9. आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. वी. कामकोटि शैक्षणिक प्रयासों का नेतृत्व करेंगे।
  10. केंद्र स्वच्छ ऊर्जा में आत्मनिर्भरता के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकास पर ज़ोर देता है।
  11. इसमें कार्बन कैप्चर और खनन में नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण पर शोध शामिल है।
  12. सीआईएल के अध्यक्ष पी. एम. प्रसाद ने सतत औद्योगिक विकास की ओर बदलाव पर प्रकाश डाला।
  13. केंद्र ऊर्जा नवाचार में पीएचडी और पोस्टडॉक्टरल शोधकर्ताओं को प्रशिक्षित करेगा।
  14. इसका उद्देश्य भारत के ऊर्जा परिवर्तन के लिए मानव पूंजी का निर्माण करना है।
  15. 1959 में स्थापित आईआईटी मद्रास, भारत के शीर्ष एनआईआरएफ संस्थानों में से एक है।
  16. यह पहल भारत के नवाचार-संचालित ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करती है।
  17. खदानों के पुनर्प्रयोजन से परित्यक्त कोयला क्षेत्रों को सौर और पवन ऊर्जा स्थलों में परिवर्तित किया जाएगा।
  18. यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्योग-अनुसंधान सहयोग पर केंद्रित दृष्टिकोण का समर्थन करता है।
  19. यह परियोजना विकास और स्थिरता के प्रति भारत के संतुलित दृष्टिकोण का उदाहरण है।
  20. यह हरित प्रौद्योगिकी विकास के लिए एक ऐतिहासिक शिक्षा-उद्योग साझेदारी का प्रतिनिधित्व करती है।

Q1. कोल इंडिया और आईआईटी मद्रास के बीच हुए समझौता ज्ञापन (MoU) का मुख्य उद्देश्य क्या है?


Q2. कोल इंडिया लिमिटेड का मुख्यालय कहाँ स्थित है?


Q3. इस सहयोग का नेतृत्व करने वाले आईआईटी मद्रास के निदेशक कौन हैं?


Q4. भारत का नेट-ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य वर्ष कौन-सा है?


Q5. कौन-सी राष्ट्रीय नीति नवीकरणीय ऊर्जा अनुसंधान में शैक्षणिक और औद्योगिक सहयोग को प्रोत्साहित करती है?


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