विधानसभा का राज्यपाल की टिप्पणियों पर प्रस्ताव
तमिलनाडु विधान सभा ने तमिलनाडु सिद्धा मेडिकल यूनिवर्सिटी विधेयक, 2025 पर राज्यपाल की टिप्पणियों को सर्वसम्मति से अस्वीकार करने वाला प्रस्ताव पारित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल की टिप्पणियाँ संविधान और विधानसभा के प्रक्रिया नियमों का उल्लंघन करती हैं।
प्रस्ताव में स्पष्ट किया गया कि किसी विधेयक पर संशोधन सुझाव देने का अधिकार केवल विधान सभा के सदस्यों को ही है, न कि राज्यपाल को।
स्थिर जीके तथ्य: राज्यपाल राज्य का संवैधानिक प्रमुख होता है और उसे विधेयकों पर अपनी राय देने के लिए संविधान द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना होता है।
वित्त विधेयकों की संवैधानिक प्रक्रिया
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विधेयक एक वित्त विधेयक (Finance Bill) की श्रेणी में आता है, जिसके लिए संविधान के अनुच्छेद 207(3) के अंतर्गत राज्यपाल की सिफारिश आवश्यक होती है।
राज्यपाल ने इस संवैधानिक प्रक्रिया का पालन करने के बजाय विधेयक के प्रावधानों पर टिप्पणी की, जिसे विधानसभा ने असंवैधानिक माना।
स्थिर जीके तथ्य: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 207 राज्यों में मनी बिलों (Money Bills) की प्रस्तुति और राज्यपाल की सिफारिश से संबंधित है।
विधेयक का प्रारूपण और परीक्षण
यह विधेयक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग द्वारा तैयार किया गया था और इसे विधि विभाग व स्वास्थ्य मंत्री द्वारा जांचा गया।
विधेयक को बाद में राज्यपाल के अनुमोदन के लिए भेजा गया, जहाँ उन्होंने संवैधानिक प्रक्रिया के बजाय प्रक्रियात्मक आपत्तियाँ (procedural objections) उठाईं।
विश्वविद्यालय की प्रमुख विशेषताएँ
तमिलनाडु सिद्धा मेडिकल यूनिवर्सिटी का मुख्यालय चेन्नई में होगा और इसका उद्देश्य भारतीय चिकित्सा (Indian Medicine) एवं होम्योपैथी में शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करना है।
इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति (Chancellor) राज्य के मुख्यमंत्री होंगे, जबकि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री को प्रो-कुलाधिपति (Pro-Chancellor) का दर्जा दिया जाएगा।
स्थिर जीके तथ्य: चेन्नई तमिलनाडु की राजधानी है और भारत में चिकित्सा शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र माना जाता है।
कुलपति की नियुक्ति और कार्यकाल
कुलपति की नियुक्ति कुलाधिपति (मुख्यमंत्री) द्वारा की जाएगी, जिन्हें तीन नामों की सूची चयन समिति द्वारा भेजी जाएगी।
इस समिति में तीन सदस्य होंगे —
• कुलाधिपति का नामांकित सदस्य
• सरकार का नामांकित सदस्य
• सीनेट का नामांकित सदस्य
तीनों ही सदस्य प्रतिष्ठित शिक्षाविद् या प्रशासक होंगे।
कुलपति का कार्यकाल तीन वर्ष या 70 वर्ष की आयु तक, जो पहले हो, तक रहेगा।
स्थिर जीके टिप: भारतीय विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति प्रक्रिया सरकारी नियंत्रण और शैक्षणिक स्वायत्तता के संतुलन को दर्शाती है।
राज्यपाल की टिप्पणियों पर विधानसभा का मत
प्रस्ताव में स्पष्ट रूप से कहा गया कि राज्यपाल की “appropriate consideration” शब्दावली संवैधानिक रूप से गलत है, क्योंकि संविधान में केवल “consideration” शब्द का प्रयोग किया गया है।
विधानसभा ने यह दोहराया कि सभी विधेयकों, विशेषकर वित्त विधेयकों, पर विचार के दौरान संविधान और प्रक्रिया नियमों का पालन अनिवार्य है।
स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका
| विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
| विधेयक का नाम | तमिलनाडु सिद्धा मेडिकल यूनिवर्सिटी विधेयक, 2025 |
| विधानसभा कार्रवाई | राज्यपाल की टिप्पणियों को अस्वीकार करने का प्रस्ताव पारित |
| संवैधानिक आधार | अनुच्छेद 207(3) – वित्त विधेयकों के लिए राज्यपाल की सिफारिश |
| प्रारूपण विभाग | स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, विधि विभाग द्वारा परीक्षणित |
| विश्वविद्यालय का स्थान | चेन्नई |
| कुलाधिपति | तमिलनाडु के मुख्यमंत्री |
| प्रो–कुलाधिपति | स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री |
| कुलपति की नियुक्ति | समिति द्वारा अनुशंसित तीन नामों में से चयन |
| कुलपति का कार्यकाल | तीन वर्ष या 70 वर्ष की आयु तक |
| मुख्य अध्ययन क्षेत्र | भारतीय चिकित्सा और होम्योपैथी |





