अक्टूबर 26, 2025 3:54 पूर्वाह्न

एनएचएआई ने 20,000 किलोमीटर राजमार्गों के लिए एआई-संचालित नेटवर्क सर्वेक्षण शुरू किया

चालू घटनाएँ: एनएचएआई, नेटवर्क सर्वे वाहन (NSVs), एआई डेटा लेक, सड़क अवसंरचना, पेवमेंट मॉनिटरिंग, 3डी लेजर मैपिंग, डीजीपीएस, अवसंरचना योजना, राजमार्ग सुरक्षा, संपत्ति प्रबंधन

NHAI Launches AI-Driven Network Survey for 20,000 km Highways

सड़क स्थितियों की उन्नत निगरानी

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने 23 राज्यों में नेटवर्क सर्वे वाहन (NSVs) की बड़े पैमाने पर तैनाती शुरू की है, जो लगभग 20,933 किलोमीटर लंबाई वाले राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क को कवर करेगी। इस पहल का उद्देश्य भारत के विशाल राजमार्ग नेटवर्क पर यात्रा को अधिक सुगम, सुरक्षित और कुशल बनाना है।
ये वाहन सड़कों की स्थिति और संरचनात्मक गुणवत्ता से संबंधित सटीक डेटा एकत्र करेंगे, जिससे समय पर मरम्मत और जनसुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
NSVs गड्ढों, दरारों और असमान सतहों का स्वतः पता लगाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जिससे डेटा-आधारित निर्णय संभव हो सकें। मैन्युअल निरीक्षण के स्थान पर तकनीकी निगरानी की यह प्रणाली सड़क अवसंरचना प्रबंधन में एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण की ओर बड़ा कदम है।
स्थिर जीके तथ्य: राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की स्थापना 1988 में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अधिनियम के तहत की गई थी। यह सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के अधीन कार्य करता है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के साथ एकीकरण

इस पहल का मुख्य भाग NHAI के एआई-सक्षम “डेटा लेक” प्लेटफॉर्म के साथ NSV डेटा का एकीकरण है। यह डिजिटल संग्रहण प्लेटफॉर्म विशेषज्ञों को वास्तविक समय के डेटा का विश्लेषण करने और नीतिगत निर्णयों के लिए उपयोगी अंतर्दृष्टियाँ उत्पन्न करने की सुविधा देता है।
यह प्रणाली भविष्यवाणी विश्लेषण (Predictive Analytics) को भी सक्षम बनाती है, जिससे अधिकारी बड़ी क्षति से पहले ही रखरखाव की योजना बना सकें। इससे बजट का सर्वोत्तम उपयोग और दीर्घकालिक रखरखाव लागत में कमी होगी।
स्थिर जीके टिप: डिजिटल इंडिया पहल के तहत अवसंरचना प्रबंधन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग को साक्ष्य-आधारित योजना और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए मान्यता दी गई थी।

3डी लेजर और सटीक मैपिंग तकनीक

प्रत्येक NSV में अत्याधुनिक उपकरण लगे हैं —
3डी लेजर तकनीक, 360-डिग्री हाई-रेजोल्यूशन कैमरे, डिफरेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (DGPS), इनर्शियल मेजरमेंट यूनिट (IMU), और डिस्टेंस मेजरिंग इंडिकेटर (DMI)
ये सभी उपकरण एक साथ मिलकर सटीक माप प्रदान करते हैं, जिससे 2, 4, 6 और 8-लेन राजमार्ग परियोजनाओं का उच्च-सटीकता वाला मानचित्र तैयार किया जा सकता है।
यह सर्वेक्षण हर छह महीने में किया जाएगा ताकि सड़क की स्थिति का निरंतर मूल्यांकन सुनिश्चित हो सके। इससे कमजोर हिस्सों की समय रहते पहचान कर उनकी रोकथामात्मक मरम्मत की योजना बनाई जा सकेगी।
स्थिर जीके तथ्य: DGPS लगभग 10 सेंटीमीटर की सटीकता प्रदान करता है और यह इंजीनियरिंग, मैपिंग तथा राजमार्ग निर्माण परियोजनाओं में अत्यंत उपयोगी है।

भविष्य के लिए तैयार रोड एसेट मैनेजमेंट

NSVs का व्यवस्थित उपयोग भारत में सड़क संपत्ति प्रबंधन (Road Asset Management) के दृष्टिकोण में बड़ा बदलाव लाता है। एआई विश्लेषण और वास्तविक फील्ड डेटा के संयोजन से NHAI एक पारदर्शी, उत्तरदायी और कुशल तंत्र स्थापित कर रहा है।
यह पहल न केवल सड़क सुरक्षा और रखरखाव बजट को अनुकूल बनाएगी, बल्कि भविष्य के लिए तैयार, टिकाऊ राजमार्ग अवसंरचना के निर्माण में भी सहायक सिद्ध होगी।
स्थिर जीके टिप: भारत का राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क 1.45 लाख किलोमीटर से अधिक लंबा है, जो देश के कुल सड़क नेटवर्क का मात्र 2% होते हुए भी लगभग 40% सड़क यातायात वहन करता है।

स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका

विषय (Topic) विवरण (Detail)
क्रियान्वयन एजेंसी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI)
परियोजना कवरेज 23 राज्यों में 20,933 किमी
मुख्य तकनीक नेटवर्क सर्वे वाहन (NSVs)
डेटा एकीकरण प्लेटफॉर्म एआई-सक्षम डेटा लेक
उपकरण 3डी लेजर, डीजीपीएस, IMU, DMI, 360° कैमरे
सर्वेक्षण की आवृत्ति हर छह महीने में एक बार
उद्देश्य सड़क स्थिति की निगरानी और रखरखाव का अनुकूलन
मंत्रालय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH)
भारत में NSV परिचय का वर्ष 2021
NHAI द्वारा प्रबंधित कुल राजमार्ग लंबाई 1.45 लाख किमी से अधिक
NHAI Launches AI-Driven Network Survey for 20,000 km Highways
  1. एनएचएआई ने 23 राज्यों में नेटवर्क सर्वेक्षण वाहन (एनएसवी) तैनात किए।
  2. सर्वेक्षण में 20,933 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल हैं।
  3. उद्देश्य: सुरक्षित और सुगम राजमार्ग यात्रा सुनिश्चित करना।
  4. एनएसवी एआई का उपयोग करके गड्ढों, दरारों और असमान सतहों का पता लगाते हैं।
  5. एनएचएआई की स्थापना 1988 में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय अधिनियम के तहत हुई थी।
  6. एआई-सक्षम डेटा लेक प्लेटफ़ॉर्म में डेटा एकीकृत किया गया।
  7. पूर्वानुमानित रखरखाव और बजट अनुकूलन को सक्षम बनाता है।
  8. 3डी लेज़र मैपिंग और 360° उच्च-रिज़ॉल्यूशन कैमरों का उपयोग करता है।
  9. सटीक मानचित्रण के लिए डीजीपीएस, आईएमयू और डीएमआई का उपयोग करता है।
  10. नियमित निगरानी के लिए हर छह महीने में सर्वेक्षण किए जाते हैं।
  11. डीजीपीएस 10 सेमी के भीतर सटीकता प्रदान करता है।
  12. यह पहल डिजिटल इंडिया के प्रौद्योगिकी प्रशासन लक्ष्यों का समर्थन करती है।
  13. एआई-संचालित डेटा पारदर्शिता और दक्षता में सुधार करता है।
  14. निवारक रखरखाव और सुरक्षा वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करता है।
  15. भारत का राजमार्ग नेटवर्क45 लाख किलोमीटर से अधिक लंबा है।
  16. राजमार्ग कुल यातायात का 40% वहन करते हैं, लेकिन सड़क की लंबाई का केवल 2% ही कवर करते हैं।
  17. एआई एकीकरण साक्ष्य-आधारित बुनियादी ढाँचा नियोजन की ओर बदलाव का प्रतीक है।
  18. एनएसवी संरचनात्मक कमज़ोरियों की शीघ्र पहचान करने में मदद करते हैं।
  19. यह पहल भविष्य के लिए तैयार सड़क परिसंपत्ति प्रबंधन को बढ़ावा देती है।
  20. यह राजमार्ग निगरानी और सुरक्षा में भारत के आधुनिकीकरण को दर्शाता है।

Q1. एआई आधारित राजमार्ग सर्वेक्षण परियोजना किस एजेंसी द्वारा शुरू की गई?


Q2. नए NSV सर्वेक्षण के तहत कितने किलोमीटर क्षेत्र को कवर किया जा रहा है?


Q3. निम्नलिखित में से कौन-सी तकनीक NSV प्रणाली का हिस्सा नहीं है?


Q4. NHAI किस मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है?


Q5. राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की स्थापना कब हुई थी?


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