भारत–ब्रिटेन वैज्ञानिक संबंधों में ऐतिहासिक कदम
भारत और यूनाइटेड किंगडम ने रामानुजन जूनियर रिसर्चर्स प्रोग्राम की शुरुआत की है — यह एक दूरदर्शी पहल है जिसका उद्देश्य भारत के सबसे प्रतिभाशाली युवा वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करना है। भारत के आत्मशिक्षित गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के नाम पर आधारित यह फेलोशिप कार्यक्रम सैद्धांतिक भौतिकी और गणित के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग को गहरा करने का प्रयास है।
यह पहल ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की 2025 की भारत यात्रा के दौरान घोषित की गई थी और यह 1913 में रामानुजन और जी.एच. हार्डी के बीच हुए ऐतिहासिक वैज्ञानिक संबंध का आधुनिक पुनर्जागरण प्रतीक है।
स्थिर जीके तथ्य: श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 1887 में ईरोड (तमिलनाडु) में हुआ था। औपचारिक प्रशिक्षण के अभाव के बावजूद उन्होंने संख्या सिद्धांत, सतत भिन्न (continued fractions) और अनंत श्रेणियों (infinite series) में अद्वितीय योगदान दिया।
रामानुजन की विरासत को समर्पित
भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) द्वारा समर्थित यह कार्यक्रम भारतीय पीएचडी शोधार्थियों को लंदन इंस्टिट्यूट फॉर मैथमेटिकल साइंसेज (LIMS) में उन्नत शोध करने का अवसर प्रदान करता है। यह पहल उन्हें वही शैक्षणिक वातावरण देती है जिसने कभी रामानुजन की प्रतिभा को केंब्रिज में पोषित किया था।
भारत के उच्चायुक्त विक्रम दोराइस्वामी ने कहा कि “यह कार्यक्रम युवा वैज्ञानिकों को वही अवसर प्रदान करेगा जो रामानुजन को मिला था — अपनी सोच को विश्व के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक मंचों पर परखने का।”
डॉ. थॉमस फिंक, निदेशक (LIMS), ने इसे “दो वैज्ञानिक महाशक्तियों के बीच सेतु” बताया।
स्थिर जीके टिप: विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) की स्थापना 1971 में भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए की गई थी।
फेलोशिप की संरचना
यह फेलोशिप दो चरणों में संचालित होगी — अल्पकालिक शोध यात्राओं से लेकर दीर्घकालिक शैक्षणिक सहयोग तक।
चरण 1 – जेएनसीएएसआर के जूनियर विज़िटर्स
पहले चरण में जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च (JNCASR) के पीएचडी विद्यार्थियों को रामानुजन जूनियर विज़िटर्स के रूप में नामांकित किया जाएगा। लगभग छह छात्र लंदन के मेफेयर स्थित LIMS में कई महीनों तक कार्य करेंगे, वरिष्ठ शोधकर्ताओं से संवाद करेंगे, व्याख्यानों में भाग लेंगे और सैद्धांतिक शोध परियोजनाओं में योगदान देंगे।
स्थिर जीके तथ्य: JNCASR (बेंगलुरु) एक स्वायत्त बहु-विषयक अनुसंधान संस्थान है, जिसे DST द्वारा स्थापित किया गया है।
चरण 2 – रामानुजन जूनियर फेलोशिप्स
दूसरे चरण में यह पहल पूरे भारत के युवा वैज्ञानिकों तक विस्तारित की जाएगी। रामानुजन जूनियर फेलोशिप्स के अंतर्गत तीन-वर्षीय कार्यावधि प्रदान की जाएगी, जिसमें चयनित फेलो ब्रिटिश वैज्ञानिकों के साथ सैद्धांतिक शोध कार्य करेंगे और स्वतंत्र परियोजनाएँ विकसित करेंगे।
यह ढाँचा दीर्घकालिक अकादमिक आदान-प्रदान को सुनिश्चित करता है और शुद्ध विज्ञान के अग्रणी क्षेत्रों में सहयोग के नए द्वार खोलता है।
वैश्विक वैज्ञानिक नेटवर्क को सशक्त करना
रामानुजन कार्यक्रम से भारत की वैश्विक शोध उपस्थिति को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। यह युवा वैज्ञानिकों को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अनुभव प्राप्त करने और सहयोगात्मक शोध नेटवर्क में भाग लेने का अवसर देगा। यह भारत को एक उभरती हुई वैज्ञानिक शक्ति के रूप में स्थापित करते हुए भारत–यूके नवाचार और उच्च शिक्षा सहयोग को भी मजबूत करेगा।
स्थिर जीके टिप: इंडिया–यूके साइंस एंड इनोवेशन काउंसिल द्विपक्षीय वैज्ञानिक पहलों की निगरानी करती है और जलवायु, स्वास्थ्य तथा उन्नत प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान को प्रोत्साहित करती है।
स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका
| विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
| कार्यक्रम का नाम | रामानुजन जूनियर रिसर्चर्स प्रोग्राम |
| प्रारंभ करने वाले देश | भारत और यूनाइटेड किंगडम |
| घोषणा का अवसर | यूके प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की भारत यात्रा (2025) |
| नामित व्यक्ति | भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन |
| सहयोगी संस्थान | लंदन इंस्टिट्यूट फॉर मैथमेटिकल साइंसेज (LIMS) |
| सहायक विभाग | विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST), भारत |
| भारतीय भागीदार संस्थान | जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च (JNCASR), बेंगलुरु |
| चरण 1 | पीएचडी छात्रों के लिए जूनियर विज़िटर्स प्रोग्राम |
| चरण 2 | तीन-वर्षीय रामानुजन जूनियर फेलोशिप्स |
| उद्देश्य | सैद्धांतिक भौतिकी और गणित में भारत–यूके सहयोग को प्रोत्साहित करना |





