परिचय
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने ऑपरेशन चक्र V (Operation Chakra V) के तहत संगठित साइबर धोखाधड़ी नेटवर्कों को ध्वस्त करने के लिए एक व्यापक कार्रवाई शुरू की है।
इस अभियान का उद्देश्य डिजिटल ढाँचे का दुरुपयोग करने वाले अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय अपराधियों को पकड़ना और नागरिकों को डिजिटल ठगी (Digital Exploitation) से बचाना है।
अब तक कई राज्यों में हुए छापों ने जटिल वित्तीय और तकनीकी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है।
Static GK Fact: सीबीआई (CBI) की स्थापना 1963 में हुई थी और यह भारत की प्रमुख केंद्रीय जांच एजेंसी है।
प्रमुख कार्रवाइयाँ और निष्कर्ष
सीबीआई ने आठ राज्यों — असम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु — में 42 स्थानों पर समन्वित छापे मारे।
इन छापों में अनधिकृत सिम कार्डों, पॉइंट–ऑफ–सेल एजेंटों और म्यूल बैंक खातों (Mule Accounts) के विशाल नेटवर्क का खुलासा हुआ।
एक चरण में जांच में पाया गया कि लगभग 8.5 लाख म्यूल अकाउंट्स देशभर में 700 से अधिक बैंक शाखाओं के माध्यम से खोले गए थे।
इनका उपयोग निवेश ठगी (Investment Fraud), UPI दुरुपयोग और सरकारी अधिकारी बनकर ठगी जैसे अपराधों के लिए किया जा रहा था।
महाराष्ट्र के कल्याण से एक व्यक्ति को प्री–एक्टिवेटेड सिम कार्ड्स और म्यूल अकाउंट्स उपलब्ध कराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
लक्षित धोखाधड़ी और कार्यप्रणाली
जांच में यह सामने आया कि साइबर ठग सिंडिकेट्स ने तीन-स्तरीय संरचना बनाई थी —
• टेलीकॉम नेटवर्क: पहले से सक्रिय (Pre-Activated) सिम कार्ड्स और अनधिकृत PoS एजेंट।
• वित्तीय नेटवर्क: म्यूल अकाउंट्स के माध्यम से धनशोधन (Money Laundering) और अंतरराष्ट्रीय ट्रांजेक्शन।
• मानव संसाधन नेटवर्क: घरेलू या विदेशी कॉल सेंटर जो खुद को टेक–सपोर्ट एजेंट, निवेश सलाहकार, या सरकारी अधिकारी बताकर लोगों से ठगी करते थे।
एक प्रमुख मामले में फर्जी मोबाइल ऐप्स और व्हाट्सएप ग्रुप्स के जरिए लोगों को शेयर बाजार में डिस्काउंटेड स्टॉक्स का लालच दिया गया, और पैसा ट्रांसफर करवाकर हड़प लिया गया।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग और आयाम
यह अभियान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समन्वित है। उदाहरण के लिए, टेक–सपोर्ट ठगी में जापानी नागरिकों को निशाना बनाया गया था।
सीबीआई ने दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में छापेमारी कर छह ऑपरेटिव्स को गिरफ्तार किया।
इस अभियान में विदेशी एजेंसियों — FBI (USA), National Crime Agency (UK) और Japan National Police Agency — के साथ सूचना साझेदारी (Intelligence Sharing) की जा रही है।
Static GK Tip: भारत 2020 में संयुक्त राष्ट्र की ग्लोबल साइबर क्राइम कोएलिशन का सदस्य बना था, जिससे अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूती मिली।
प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रासंगिकता
ऑपरेशन चक्र V भारत की साइबर अपराध नियंत्रण रणनीति को समझने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
यह अभियान दर्शाता है कि कैसे KYC अनुपालन, बैंकिंग निगरानी और टेलीकॉम पर्यवेक्षण आधुनिक साइबर अपराध से निपटने में आवश्यक हैं।
मुख्य अवधारणाएँ जो परीक्षाओं में पूछी जा सकती हैं:
- म्यूल अकाउंट्स (Mule Accounts)
- ZLD और CETP मॉडल
- अंतरराष्ट्रीय जांच सहयोग (Interpol, FBI आदि)
- ट्रांसनेशनल साइबर फ्रॉड नेटवर्क
Static GK Fact: भारत के राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (Cybercrime.gov.in) पर 2024 में 1 लाख से अधिक साइबर धोखाधड़ी शिकायतें दर्ज की गईं।
आगे की राह
सीबीआई ने कहा है कि जांच जारी है और इसके लिए KYC नियमों का कड़ाई से पालन, बैंकिंग सतर्कता (Bank Vigilance) और टेलीकॉम ट्रैकिंग को और मजबूत किया जाएगा।
साइबर अपराध ढांचे को ध्वस्त करने के लिए प्रौद्योगिकीय निगरानी, विनियामक सुधार और जन–जागरूकता अभियानों का संयोजन आवश्यक है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
| अभियान का नाम | ऑपरेशन चक्र V (Operation Chakra V) |
| प्रमुख एजेंसी | केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) |
| मुख्य लक्ष्य | अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी सिंडिकेट्स, अनधिकृत सिम, म्यूल बैंक अकाउंट्स |
| छापेमारी के स्थान | 8 राज्यों में लगभग 42 स्थान |
| म्यूल अकाउंट्स की संख्या | लगभग 8.5 लाख (700+ बैंक शाखाएँ) |
| प्रमुख गिरफ्तारियाँ | 6 ऑपरेटिव्स (जापान टेक-सपोर्ट ठगी), कई PoS एजेंट |
| अंतरराष्ट्रीय सहयोग | FBI (USA), NCA (UK), Japan NPA, Microsoft Digital Crimes Unit |
| रणनीतिक महत्व | साइबर अपराध जांच सुदृढ़ीकरण, बैंकिंग व टेलीकॉम क्षेत्र में सतर्कता बढ़ाना |





