स्वदेशी एंटीबायोटिक — आत्मनिर्भर भारत की उपलब्धि
भारत ने नफिथ्रोमाइसिन (Nafithromycin) विकसित कर अपनी पहली पूर्ण स्वदेशी एंटीबायोटिक उपलब्धि दर्ज की है।
यह भारत की जैव प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य नवाचार (Biotechnology & Healthcare Innovation) में ऐतिहासिक प्रगति का प्रतीक है, जो विकसित भारत 2047 के तकनीकी आत्मनिर्भरता के लक्ष्य के अनुरूप है।
इस दवा की परिकल्पना, विकास और नैदानिक परीक्षण पूरी तरह भारत में ही किए गए, बिना किसी विदेशी सहयोग के।
यह उपलब्धि जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) और वॉकहार्ट (Wockhardt) के संयुक्त प्रयास से संभव हुई।
नफिथ्रोमाइसिन को विशेष रूप से प्रतिरोधक श्वसन संक्रमणों (Resistant Respiratory Infections) से निपटने के लिए तैयार किया गया है, जो कैंसर मरीजों और मधुमेह रोगियों के लिए गंभीर खतरा बनते हैं।
यह सफलता न केवल एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR) के खिलाफ भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि दवा निर्माण में आत्मनिर्भरता की दिशा में भी बड़ा कदम है।
Static GK Fact: भारत विश्व के जेनेरिक दवाओं का लगभग 20% उत्पादन करने वाला प्रमुख देश है।
हीमोफीलिया के लिए जीन थेरेपी में क्रांतिकारी सफलता
भारत ने हीमोफीलिया (Hemophilia) के लिए पहली स्वदेशी जीन थेरेपी परीक्षण को सफलतापूर्वक पूरा किया है।
यह परीक्षण क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (CMC), वेल्लोर में जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) के सहयोग से किया गया।
परिणामस्वरूप, प्रतिभागियों में 60–70% जीन सुधार (Correction Rate) और शून्य रक्तस्राव (Zero Bleeding Episodes) दर्ज किए गए।
यह अध्ययन New England Journal of Medicine में प्रकाशित हुआ, जिससे भारत की Precision Medicine क्षेत्र में वैश्विक पहचान बनी।
इस सफलता के साथ, भारत उन कुछ देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है, जो अपने सीमाओं के भीतर जीन आधारित चिकित्सा परीक्षण कर सकते हैं।
Static GK Tip: हीमोफीलिया दो प्रकार का होता है — हीमोफीलिया A (फैक्टर VIII की कमी) और हीमोफीलिया B (फैक्टर IX की कमी)।
जीनोम अनुक्रमण में नए आयाम
भारत अब तक 10,000 मानव जीनोम (Human Genomes) का अनुक्रमण कर चुका है और इसे बढ़ाकर 10 लाख (1 Million) तक ले जाने की योजना है।
यह विशाल जीनोमिक डेटा बैंक निम्नलिखित क्षेत्रों में योगदान देगा:
• निजी चिकित्सा (Personalized Medicine) का विकास
• रोग पूर्वानुमान मॉडल (Disease Prediction Models) में सुधार
• दवा खोज (Drug Discovery) और AI-आधारित स्वास्थ्य अनुसंधान को गति देना
इन डेटा-आधारित पहलों से भारत वैश्विक बायोमेडिकल और जीनोमिक अनुसंधान केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर है।
Static GK Fact: ह्यूमन जीनोम प्रोजेक्ट (Human Genome Project) वर्ष 2003 में पूरा हुआ था, जिसने पहली बार मानव आनुवंशिक कोड (Genetic Code) का पूर्ण मानचित्र तैयार किया।
अनुसंधान में क्रांति — ANRF की भूमिका
अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (Anusandhan National Research Foundation – ANRF) भारत के अनुसंधान वित्तपोषण ढांचे को पुनर्परिभाषित करने जा रहा है।
इस योजना के तहत ₹50,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जिसमें से ₹36,000 करोड़ निजी और कॉर्पोरेट स्रोतों से आएंगे।
ANRF का उद्देश्य पब्लिक–प्राइवेट पार्टनरशिप, कॉर्पोरेट निवेश और अंतरविषयी अनुसंधान (Interdisciplinary Research) को प्रोत्साहित करना है।
यह ढांचा उद्यमशील अनुसंधान (Entrepreneurial Research) को बढ़ावा देगा, सरकारी अनुदानों पर निर्भरता घटाएगा, और एक सतत नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र (Sustainable Innovation Ecosystem) का निर्माण करेगा।
Static GK Tip: ANRF विधेयक, 2023 ने विज्ञान एवं अभियांत्रिकी अनुसंधान बोर्ड (SERB) को प्रतिस्थापित किया, जिससे अनुसंधान को STEM से परे सामाजिक व नवाचार क्षेत्रों तक विस्तारित किया जा सका।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
| स्वदेशी एंटीबायोटिक | नफिथ्रोमाइसिन (Nafithromycin) — DBT और Wockhardt द्वारा विकसित |
| एंटीबायोटिक का फोकस | प्रतिरोधक श्वसन संक्रमण (Resistant Respiratory Infections) |
| जीन थेरेपी परीक्षण | CMC वेल्लोर में हीमोफीलिया हेतु |
| सुधार दर | 60–70% सुधार, शून्य रक्तस्राव |
| वैश्विक मान्यता | New England Journal of Medicine में प्रकाशन |
| जीनोम लक्ष्य | 10,000 से 10 लाख मानव जीनोम तक विस्तार |
| ANRF कुल बजट | ₹50,000 करोड़ (5 वर्ष के लिए) |
| गैर-सरकारी योगदान | ₹36,000 करोड़ |
| दृष्टिकोण | विकसित भारत 2047 |
| वैश्विक स्थिति | स्वदेशी जीन थेरेपी विकसित करने वाले देशों में भारत शामिल |





