जिम्मेदार और समावेशी एआई पर ध्यान
17 अक्टूबर 2025 को देहरादून (उत्तराखंड) में आयोजित एआई इम्पैक्ट समिट 2025 ने भारत को नैतिक (Ethical) और समावेशी (Inclusive) कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को बढ़ावा देने में अग्रणी देश के रूप में स्थापित किया।
यह आयोजन उत्तराखंड सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग और इंडिया एआई मिशन (IndiaAI Mission) द्वारा, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के सहयोग से किया गया।
यह सम्मेलन आगामी इंडिया–AI इम्पैक्ट समिट 2026 की तैयारी के रूप में एक प्रमुख आयोजन था।
सम्मेलन ने सार्वजनिक हित में एआई के उपयोग पर बल दिया — विशेषकर शासन, शिक्षा, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन और ग्रामीण सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में।
यह विचार व्यक्त किया गया कि भारत की तकनीकी प्रगति का केंद्र सामाजिक समानता और पहुँच (Social Equity and Accessibility) होना चाहिए, ताकि एआई विभाजन घटाए, बढ़ाए नहीं।
Static GK Fact: MeitY (इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) राष्ट्रीय डिजिटल पहलों की देखरेख करता है, जिसमें IndiaAI मिशन शामिल है — जो भारत में एआई अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया था।
शासन और विकास में एआई की भूमिका
शासन में एआई के परिवर्तनकारी प्रभाव (Transformative Impact) पर विशेष चर्चा हुई।
सम्मेलन में बताया गया कि एआई उपकरण कुंभ मेले जैसे बड़े आयोजनों के प्रबंधन, रीयल–टाइम निर्णय–निर्माण और सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार ला सकते हैं।
शिक्षा क्षेत्र में एआई आधारित प्लेटफ़ॉर्म व्यक्तिगत शिक्षण अनुभव प्रदान कर सकते हैं, जिससे ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के छात्रों को समान अवसर मिलेंगे।
स्वास्थ्य सेवा और आपदा प्रबंधन में एआई-आधारित पूर्वानुमान प्रणालियाँ (Predictive Systems) त्वरित प्रतिक्रिया को सक्षम बना सकती हैं।
Static GK Tip: कुंभ मेला को यूनेस्को द्वारा अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (Intangible Cultural Heritage) के रूप में मान्यता प्राप्त है — यह दुनिया का सबसे बड़ा मानव समागम है।
प्रमुख हस्तियाँ और भागीदारी
इस आयोजन में कई प्रमुख अधिकारी और विशेषज्ञ शामिल हुए —
श्री नितेश कुमार झा (सचिव, आईटी विभाग, उत्तराखंड),
श्री मोहम्मद वाई. सफ़ीरुल्ला (निदेशक, इंडिया एआई मिशन),
डॉ. दुर्गेश पंत (महानिदेशक, यूकॉस्ट),
प्रो. राम शर्मा (कुलपति, यूपीईएस देहरादून), और
श्रीमती शर्मिष्ठा दास (प्रमुख, एआई डिवीजन, एनआईसी मुख्यालय)।
चर्चाओं ने भारत की बहु–हितधारक (Multi-Stakeholder) एआई शासन पद्धति को रेखांकित किया, जो सरकार, शिक्षा संस्थानों, स्टार्टअप्स और नागरिक समाज के बीच सहयोग को दर्शाती है।
इस सामूहिक प्रयास का उद्देश्य भारत को जिम्मेदार एआई नवाचार में वैश्विक अग्रणी बनाना है।
Static GK Fact: यूकॉस्ट (UCOST – Uttarakhand State Council for Science and Technology) की स्थापना 2003 में राज्य में विज्ञान और प्रौद्योगिकी अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए की गई थी।
इंडिया–AI इम्पैक्ट समिट 2026 की दिशा में
एआई इम्पैक्ट समिट 2025 ने आगामी इंडिया–AI इम्पैक्ट समिट 2026 की नींव रखी, जो 19–20 फरवरी 2026 को भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित की जाएगी।
यह राष्ट्रीय आयोजन वैश्विक एआई नेताओं की मेजबानी करेगा और भारत के एआई पारिस्थितिकी तंत्र (AI Ecosystem) को प्रदर्शित करेगा।
सम्मेलन का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय साझेदारी, नैतिक एआई उपयोग, और उत्तरदायी नवाचार (Responsible Innovation) को प्रोत्साहित करना है।
उत्तराखंड के नेतृत्व में भारत की एआई यात्रा अब “AI for All” के दृष्टिकोण से जुड़ गई है — जहाँ तकनीक सशक्तिकरण और सतत विकास का साधन बन रही है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
आयोजन | एआई इम्पैक्ट समिट 2025 |
स्थान | देहरादून, उत्तराखंड |
तिथि | 17 अक्टूबर 2025 |
आयोजक | सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, उत्तराखंड सरकार एवं इंडिया एआई मिशन (MeitY के तहत) |
मुख्य फोकस | जिम्मेदार और समावेशी एआई |
प्रमुख अधिकारी | नितेश कुमार झा, मोहम्मद वाई. सफ़ीरुल्ला, दुर्गेश पंत, राम शर्मा, शर्मिष्ठा दास |
अगला प्रमुख आयोजन | इंडिया–AI इम्पैक्ट समिट 2026 |
2026 कार्यक्रम स्थल | भारत मंडपम, नई दिल्ली |
अवधि | 19–20 फरवरी 2026 |
Static GK Tip | MeitY भारत के एआई और डिजिटल शासन मिशनों की देखरेख करता है |