भारत की रणनीतिक प्रगति
भारत को संयुक्त राष्ट्र वैश्विक भू–स्थानिक सूचना प्रबंधन एशिया और प्रशांत (UN-GGIM-AP) का सह–अध्यक्ष (Co-Chair) चुना गया है।
यह पद तीन वर्ष की अवधि (2025–2028) तक रहेगा।
यह उपलब्धि भारत की वैश्विक भू–स्थानिक शासन में बढ़ती भूमिका को दर्शाती है और यह बताती है कि भारत अब क्षेत्रीय डेटा नीतियों और प्रौद्योगिकी ढांचे को आकार देने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
Static GK Fact: यूएन–जीजीआईएम (UN-GGIM) की स्थापना 2011 में संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) के तहत वैश्विक भू–स्थानिक सूचना सहयोग के लिए की गई थी।
UN-GGIM Asia-Pacific क्या है
UN-GGIM Asia-Pacific संयुक्त राष्ट्र समिति के तहत कार्यरत पाँच क्षेत्रीय समितियों (Regional Committees) में से एक है।
इसमें 56 सदस्य देश शामिल हैं जो भू–स्थानिक डेटा–आधारित निर्णय–निर्माण को बढ़ावा देने के लिए मिलकर कार्य करते हैं।
यह संगठन 1995 में गठित हुआ था और 2012 में पुनः नामित (Rebranded) किया गया।
इसका उद्देश्य है —
• नीति और योजना में भू-स्थानिक जानकारी का एकीकरण।
• क्षेत्रीय डेटा साझा करना और समन्वय को सुदृढ़ करना।
• विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में क्षमता-निर्माण को प्रोत्साहन देना।
Static GK Tip: UN-GGIM सचिवालय का मुख्यालय न्यूयॉर्क, अमेरिका में स्थित है।
भारत के चुनाव का महत्व
भारत का सह-अध्यक्ष चुना जाना इसकी प्रौद्योगिकी और नीति नेतृत्व क्षमता की वैश्विक मान्यता है।
इस भूमिका में भारत —
• क्षेत्रीय डेटा मानक (Data Standards) और अंतर–संचालन ढाँचे (Interoperability Frameworks) तैयार करेगा।
• जलवायु और आपदा प्रबंधन में सीमा-पार सहयोग को बढ़ाएगा।
• मानचित्रण और भू–स्थानिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का नेतृत्व करेगा।
इससे भारत को डिजिटल मानचित्रण, स्थानिक विश्लेषण (Spatial Analytics) और डेटा एकीकरण (Data Integration) के भविष्य को आकार देने का अवसर मिलेगा।
भारत के घरेलू भू-स्थानिक सुधारों से जुड़ाव
भारत का यह अंतरराष्ट्रीय नेतृत्व उसकी घरेलू भू–स्थानिक नीति सुधारों से मेल खाता है।
2021 की भू–स्थानिक डेटा नीति (Geospatial Data Policy) ने मानचित्र निर्माण पर लगी सीमाओं को हटाकर निजी क्षेत्र के लिए मार्ग खोला, जिससे उपग्रह चित्रण, GIS और कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित मानचित्रण को बढ़ावा मिला।
यह नीति भारत की प्रमुख योजनाओं से जुड़ी है —
• डिजिटल इंडिया (Digital India)
• स्मार्ट सिटी मिशन (Smart Cities Mission)
• प्रधानमंत्री गति शक्ति अवसंरचना योजना (PM Gati Shakti Plan)
इन पहलों का उद्देश्य भू–स्थानिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से बेहतर शहरी नियोजन, लॉजिस्टिक्स सुधार, और संसाधन अनुकूलन करना है।
Static GK Fact: भारत की राष्ट्रीय भू–स्थानिक एजेंसी (National Geospatial Agency) — सर्वे ऑफ इंडिया (Survey of India) — की स्थापना 1767 में हुई थी, जो विश्व की सबसे पुरानी वैज्ञानिक संस्थाओं में से एक है।
कूटनीतिक और क्षेत्रीय प्रभाव
यह विकास भारत की इंडो–पैसिफिक कूटनीति (Indo-Pacific Diplomacy) को सशक्त करता है।
भारत अब क्षेत्रीय साझेदारी के माध्यम से —
• जलवायु लचीलापन (Climate Resilience),
• आपदा प्रबंधन (Disaster Management), और
• पारदर्शी शासन (Transparent Governance) को बढ़ावा देगा।
इस भूमिका से भारत का वैश्विक डेटा हब और तकनीक–प्रधान अर्थव्यवस्था बनने का दृष्टिकोण और मजबूत होता है, जिससे सतत विकास (Sustainable Development) को भू-स्थानिक बुद्धिमत्ता के माध्यम से गति मिलेगी।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
संगठन | संयुक्त राष्ट्र वैश्विक भू-स्थानिक सूचना प्रबंधन एशिया-प्रशांत (UN-GGIM-AP) |
भारत की भूमिका | सह-अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित (कार्यकाल 2025–2028) |
कुल सदस्य देश | 56 देश |
स्थापना वर्ष | 1995 (2012 में पुनः नामित) |
मूल निकाय | संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञ समिति (UN Committee of Experts on GGIM) |
प्रमुख फोकस | भू-स्थानिक डेटा और शासन में क्षेत्रीय सहयोग |
भारत की घरेलू नीति | भू-स्थानिक डेटा उदारीकरण नीति 2021 |
सहायक मिशन | डिजिटल इंडिया, स्मार्ट सिटी मिशन, गति शक्ति |
मुख्यालय | न्यूयॉर्क, संयुक्त राज्य अमेरिका |
भारत की राष्ट्रीय एजेंसी | सर्वे ऑफ इंडिया (स्थापना वर्ष 1767) |