अक्टूबर 24, 2025 3:07 अपराह्न

ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय समान अवसर नीति हेतु सर्वोच्च न्यायालय समिति

चालू घटनाएँ: सुप्रीम कोर्ट, ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 2019, समान अवसर नीति, नालसा निर्णय 2014, राष्ट्रीय ट्रांसजेंडर परिषद, जेन कौशिक बनाम भारत संघ, स्माइल योजना, गरिमा गृह, कल्याण उपाय, सामाजिक समावेशन

Supreme Court Committee for National Equal Opportunity Policy for Transgender Persons

सुप्रीम कोर्ट का हालिया हस्तक्षेप

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय समान अवसर नीति (National Equal Opportunity Policy) तैयार करने हेतु एक समिति का गठन किया है।
यह निर्णय जेन कौशिक बनाम भारत संघ एवं अन्य मामले की सुनवाई के दौरान लिया गया, जिसमें ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 के क्रियान्वयन में भेदभाव और प्रशासनिक कमियों की ओर ध्यान आकर्षित किया गया था।
अदालत ने कहा कि समानता और गरिमा (Equality and Dignity) संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 21 के अंतर्गत मौलिक अधिकार हैं, जिन्हें ट्रांसजेंडर समुदाय तक पूर्ण रूप से लागू किया जाना चाहिए।

ट्रांसजेंडर समुदाय द्वारा झेली जा रही प्रमुख समस्याएँ

सुप्रीम कोर्ट ने कई स्थायी चुनौतियों की पहचान की:

  • लाभों तक पहुँच: कल्याण योजनाओं को 2019 अधिनियम के तहत पहचान पत्र से जोड़ने के कारण कई पात्र लोग लाभ से वंचित रह जाते हैं।
  • उचित व्यवस्था का अभाव: शिक्षा, गरिमा गृह जैसे आश्रय गृहों और सार्वजनिक संस्थानों में प्रवेश हेतु बाधाएँ बनी हुई हैं।
  • प्रशासनिक अक्षमता: कई राज्यों ने अब तक ट्रांसजेंडर प्रोटेक्शन सेल स्थापित नहीं किए हैं।
  • सामाजिक कलंक: गहरी जड़ें जमा चुकी पूर्वाग्रह और जागरूकता की कमी समाज में बहिष्कार को बढ़ाती हैं।
  • कानूनी पहचान की समस्या: अधिनियम के तहत लिंग पहचान प्रमाणपत्र जिलाधिकारी द्वारा जारी किया जाना आवश्यक है, जो स्वपहचान (Right to Self-Identify) के अधिकार से टकराता है।
    Static GK Fact: संविधान का अनुच्छेद 15 लिंग के आधार पर भेदभाव को प्रतिबंधित करता है — इसमें लिंग पहचान (Gender Identity) भी शामिल है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2014 के नालसा निर्णय में स्पष्ट किया था।

ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 2019 की प्रमुख प्रावधान

यह अधिनियम ट्रांसजेंडर व्यक्ति को ऐसे व्यक्ति के रूप में परिभाषित करता है, जिसकी लिंग पहचान जन्म के समय दिए गए लिंग से मेल नहीं खाती
यह व्यक्ति को स्वपहचानी गई लिंग पहचान के अधिकार की गारंटी देता है, जिसके लिए जिलाधिकारी द्वारा पहचान प्रमाणपत्र (Certificate of Identity) जारी किया जाता है।
अधिनियम शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और आवास में भेदभाव को निषिद्ध करता है और केंद्र एवं राज्य सरकारों को कल्याण योजनाएँ बनाने और सामाजिक भागीदारी सुनिश्चित करने का निर्देश देता है।
Static GK Tip: राष्ट्रीय ट्रांसजेंडर परिषद (National Council for Transgender Persons) की स्थापना 2020 में की गई थी ताकि नीतियों पर सलाह दी जा सके और शिकायत निवारण की निगरानी की जा सके।

ट्रांसजेंडर कल्याण हेतु सरकारी पहलें

कानूनी ढाँचे के साथ कई महत्वपूर्ण योजनाएँ और पहलें भी लागू की गई हैं —

  • नालसा निर्णय (2014): सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को तीसरे लिंग (Third Gender) के रूप में मान्यता दी और उनके मौलिक अधिकारों की पुष्टि की।
  • राष्ट्रीय ट्रांसजेंडर पोर्टल: ऑनलाइन पहचान प्रमाणपत्र के लिए पारदर्शी और सुलभ प्रणाली प्रदान करता है।
  • स्माइल योजना (SMILE Scheme): सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा शुरू की गई यह योजना जीविकोपार्जन, पुनर्वास और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के सशक्तिकरण के लिए है।
    इन प्रयासों से प्रगति हुई है, लेकिन जागरूकता, समावेशन और प्रवर्तन में अंतराल अब भी बना हुआ है।

आगे की दिशा

सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति का उद्देश्य राष्ट्रीय समान अवसर नीति तैयार करना है, जिससे शिक्षा, रोजगार और सार्वजनिक सेवाओं में समानता सुनिश्चित की जा सके।
यह नीति आरक्षण, समावेशी कार्यस्थल, और शिकायत निवारण तंत्र (Grievance Redressal Mechanisms) जैसे दिशानिर्देश तय करेगी, जिससे वास्तविक सशक्तिकरण (Genuine Empowerment) सुनिश्चित हो सके।
Static GK Fact: भारत दक्षिण एशिया का पहला देश है जिसने 2014 के नालसा निर्णय के बाद तीसरे लिंग को कानूनी मान्यता दी।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय (Topic) विवरण (Detail)
मामला जेन कौशिक बनाम भारत संघ एवं अन्य
नालसा निर्णय का वर्ष 2014
प्रमुख कानून ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019
संवैधानिक अनुच्छेद अनुच्छेद 14, 15 और 21
राष्ट्रीय पोर्टल लॉन्च करने वाला मंत्रालय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
समिति गठित करने वाला निकाय भारत का सुप्रीम कोर्ट
प्रमुख योजना स्माइल योजना (SMILE Scheme)
राष्ट्रीय ट्रांसजेंडर परिषद की स्थापना 2020
समिति का उद्देश्य राष्ट्रीय समान अवसर नीति का प्रारूप तैयार करना
आश्रय गृह योजना गरिमा गृह (Garima Greh)
Supreme Court Committee for National Equal Opportunity Policy for Transgender Persons
  1. सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय समान अवसर नीति हेतु एक समिति का गठन किया।
  2. यह कदम जेन कौशिक बनाम भारत संघ मामले के दौरान उठाया गया।
  3. यह ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कल्याण और उनके अधिकारों पर केंद्रित है।
  4. यह नीति शिक्षा और रोजगार तक समान पहुँच सुनिश्चित करेगी।
  5. न्यायालय ने समानता और सम्मान के लिए अनुच्छेद 14, 15 और 21 का आह्वान किया।
  6. ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 कल्याण का मार्गदर्शन करता है।
  7. यह अधिनियम स्व-अनुभूत लैंगिक पहचान और सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
  8. कई राज्य ट्रांसजेंडर संरक्षण प्रकोष्ठ स्थापित करने में विफल रहे।
  9. प्रशासनिक अक्षमता और कलंक अभी भी समावेशन के प्रयासों में बाधा डालते हैं।
  10. जिला मजिस्ट्रेट द्वारा पहचान प्रमाणन स्व-पहचान की स्वतंत्रता को सीमित करता है।
  11. नालसा निर्णय (2014) ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को तीसरे लिंग के रूप में मान्यता दी।
  12. अनुच्छेद 15 लिंग और लैंगिक पहचान के आधार पर भेदभाव को प्रतिबंधित करता है।
  13. राष्ट्रीय ट्रांसजेंडर व्यक्ति परिषद का गठन 2020 में किया गया।
  14. स्माइल योजना आजीविका और पुनर्वास सहायता प्रदान करती है।
  15. गरिमा गृह ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए सुरक्षित आश्रय प्रदान करते हैं।
  16. ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय पोर्टल ऑनलाइन पहचान पत्र पंजीकरण की सुविधा प्रदान करता है।
  17. समिति का उद्देश्य सकारात्मक कार्रवाई और शिकायत निवारण है।
  18. भारत तीसरे लिंग को मान्यता देने वाले पहले दक्षिण एशियाई देशों में से एक है।
  19. यह अधिनियम नौकरियों, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में भेदभाव को प्रतिबंधित करता है।
  20. यह नीति समावेशी शासन के माध्यम से वास्तविक सशक्तिकरण का प्रयास करती है।

Q1. किस मामले के कारण ट्रांसजेंडर अधिकारों पर सुप्रीम कोर्ट समिति का गठन किया गया?


Q2. किस ऐतिहासिक निर्णय ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को तीसरे लिंग के रूप में मान्यता दी?


Q3. ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय परिषद की स्थापना कब की गई थी?


Q4. ट्रांसजेंडर कल्याण के लिए SMILE योजना किस मंत्रालय द्वारा शुरू की गई?


Q5. कौन-से संवैधानिक अनुच्छेद ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए समानता और गरिमा की गारंटी देते हैं?


Your Score: 0

Current Affairs PDF October 22

Descriptive CA PDF

One-Liner CA PDF

MCQ CA PDF​

CA PDF Tamil

Descriptive CA PDF Tamil

One-Liner CA PDF Tamil

MCQ CA PDF Tamil

CA PDF Hindi

Descriptive CA PDF Hindi

One-Liner CA PDF Hindi

MCQ CA PDF Hindi

News of the Day

Premium

National Tribal Health Conclave 2025: Advancing Inclusive Healthcare for Tribal India
New Client Special Offer

20% Off

Aenean leo ligulaconsequat vitae, eleifend acer neque sed ipsum. Nam quam nunc, blandit vel, tempus.