राज्य खनन रेडीनेस इंडेक्स की समझ
खान मंत्रालय (Ministry of Mines) ने राज्य खनन रेडीनेस इंडेक्स (State Mining Readiness Index – SMRI) शुरू किया है ताकि यह मूल्यांकन किया जा सके कि भारत के विभिन्न राज्य राष्ट्रीय खनन पारिस्थितिकी तंत्र में कितनी प्रभावी भूमिका निभा रहे हैं।
यह इंडेक्स राज्यों में प्रतिस्पर्धा और सुधार को प्रोत्साहित करने के लिए तैयार किया गया है, जिससे उनकी तैयारी और प्रदर्शन के आधार पर रैंकिंग की जा सके।
Static GK Fact: खान मंत्रालय कोयला, प्राकृतिक गैस और पेट्रोलियम को छोड़कर सभी खनिजों के सर्वेक्षण, अन्वेषण और विकास की जिम्मेदारी निभाता है।
उद्देश्य और प्रयोजन
SMRI का मुख्य उद्देश्य यह आकलन करना है कि कोई राज्य भारत के खनन उद्योग के विकास में कितना योगदान दे रहा है।
यह इंडेक्स पारदर्शी नीतिगत ढांचे, संसाधनों के कुशल उपयोग, और सतत खनन प्रथाओं को बढ़ावा देता है।
यह न केवल नीति–निर्माताओं के लिए एक मानक उपकरण (benchmarking tool) के रूप में कार्य करता है, बल्कि निवेशकों के लिए भी यह किसी राज्य की खनिज विकास क्षमता का आकलन करने का माध्यम है।
मूल्यांकन का आधार
इस इंडेक्स का मूल्यांकन चार प्रमुख मानकों पर आधारित है —
- नीलामी प्रदर्शन (Auction Performance)
- प्रारंभिक खान संचालन (Early Mine Operationalization)
- अन्वेषण प्रोत्साहन (Exploration Thrust)
- सतत खनन प्रथाएँ (Sustainable Mining Practices) — विशेष रूप से गैर–कोयला खनिजों (Non-Coal Minerals) के लिए।
प्रत्येक पैरामीटर यह दर्शाता है कि कोई राज्य प्रभावी शासन, समय पर खान संचालन, और जिम्मेदार संसाधन निष्कर्षण में कितना सक्षम है।
Static GK Tip: भारत विश्व के शीर्ष 5 खनिज उत्पादक देशों में शामिल है, विशेष रूप से लौह अयस्क, बॉक्साइट और अभ्रक (mica) के उत्पादन में अग्रणी है।
राज्यों का वर्गीकरण
निष्पक्ष तुलना सुनिश्चित करने के लिए राज्यों को उनके खनिज भंडार और भूवैज्ञानिक क्षमता के आधार पर तीन श्रेणियों में बाँटा गया है —
- श्रेणी A: बड़े खनिज भंडार और उच्च खनन गतिविधि वाले राज्य
- श्रेणी B: मध्यम खनिज क्षमता वाले राज्य
- श्रेणी C: सीमित खनिज संसाधन वाले राज्य
यह वर्गीकरण विविध भूवैज्ञानिक लाभ वाले राज्यों का संतुलित मूल्यांकन करने के लिए बनाया गया है।
शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य
श्रेणी A में मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात शीर्ष पर रहे, जिन्होंने मजबूत शासन और खनिज संसाधन प्रबंधन का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
श्रेणी B में गोवा, उत्तर प्रदेश और असम ने नेतृत्व किया, जो अन्वेषण पहलों और परिचालन दक्षता में अग्रणी रहे।
वहीं श्रेणी C में पंजाब, उत्तराखंड और त्रिपुरा शीर्ष पर रहे, जो सीमित संसाधनों के बावजूद खनन क्षेत्र में नई गति को दर्शाते हैं।
Static GK Fact: भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (Geological Survey of India – GSI) की स्थापना 1851 में हुई थी, जो भारत में खनिज अन्वेषण के लिए प्रमुख संस्था है।
सतत और पारदर्शी खनन को बढ़ावा
SMRI भारत की सतत खनन (Sustainable Mining) के प्रति प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करता है, जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ खनिज संभावनाओं का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित हो सके।
यह इंडेक्स “ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस” पहल को भी समर्थन देता है, जिससे खनन प्रक्रियाएँ सरल हों और निजी निवेश को प्रोत्साहन मिले।
यह पहल भारत के खनन ढाँचे को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो जिम्मेदार संसाधन निष्कर्षण और खनिज–आधारित दीर्घकालिक आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
जारी करने वाला विभाग | खान मंत्रालय |
उद्देश्य | राज्यों के खनन सुधारों में योगदान का मूल्यांकन और प्रोत्साहन देना |
मूल्यांकन के पैरामीटर | नीलामी प्रदर्शन, प्रारंभिक खान संचालन, अन्वेषण प्रोत्साहन, सतत खनन |
खनिज केंद्रित क्षेत्र | गैर-कोयला खनिज |
वर्गीकरण का आधार | खनिज भंडार और भूवैज्ञानिक क्षमता |
श्रेणी A शीर्ष राज्य | मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात |
श्रेणी B शीर्ष राज्य | गोवा, उत्तर प्रदेश, असम |
श्रेणी C शीर्ष राज्य | पंजाब, उत्तराखंड, त्रिपुरा |
कार्यान्वयन एजेंसी | खान मंत्रालय, भारत सरकार |
Static GK Fact | भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) की स्थापना 1851 में की गई थी |