FAO द्वारा मान्यता
नेचर एनवायरनमेंट एंड वाइल्डलाइफ सोसाइटी (NEWS) द्वारा विकसित सस्टेनेबल एक्वाकल्चर इन मैंग्रोव इकोसिस्टम्स (SAIME) मॉडल को संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) से वैश्विक तकनीकी मान्यता (Global Technical Recognition) प्राप्त हुई है।
यह सम्मान भारत की उस बढ़ती भूमिका को रेखांकित करता है जो वह सतत और पारिस्थितिक–आधारित जलीय कृषि को बढ़ावा देने में निभा रहा है।
SAIME पहल संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्रों में रोजगार सृजन और जलवायु संरक्षण को एकीकृत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
SAIME पहल
SAIME पहल एक बहु–हितधारक साझेदारी (Multi-Stakeholder Partnership – MSP) है, जिसका उद्देश्य झींगा पालन को सतत और जलवायु–अनुकूल प्रथा में बदलना है।
सुंदरबन क्षेत्र में यह पहल ऐसा लचीला जलीय कृषि मॉडल तैयार करने का प्रयास करती है जो खारे पानी की खेती को मैंग्रोव संरक्षण के साथ जोड़ती है।
यह मॉडल विशेष रूप से ब्लैक टाइगर श्रिम्प (Black Tiger Shrimp) प्रजाति पर केंद्रित है, जो इस क्षेत्र के खारे जल के लिए अनुकूल है, जिससे पर्यावरणीय संतुलन और किसानों की आय स्थिरता सुनिश्चित होती है।
पारिस्थितिक-आधारित और जलवायु-अनुकूल दृष्टिकोण
SAIME मॉडल में मैंग्रोव पुनर्स्थापन (Mangrove Restoration) को जलीय कृषि प्रणाली में शामिल किया गया है, जिससे ब्लू कार्बन अवशोषण (Blue Carbon Sequestration) को बढ़ावा मिलता है और तटीय पारिस्थितिकी तंत्रों की रक्षा होती है।
यह मॉडल कार्बन सिंक क्षमता को भी सुदृढ़ करता है, जिससे उत्सर्जन कम करने में मदद मिलती है और जैव विविधता सुरक्षित रहती है।
यह पहल किसानों को प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के माध्यम से सशक्त बनाती है और उन्हें सतत उत्पादन, पर्यावरण प्रमाणन (eco-certification) तथा फेयर ट्रेड ब्रांडिंग की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करती है।
Static GK Fact: ब्लू कार्बन उस कार्बन को कहा जाता है जो मैंग्रोव, सीग्रास और सॉल्ट मार्श जैसे महासागरीय और तटीय पारिस्थितिकी तंत्रों द्वारा अवशोषित किया जाता है।
वित्त और कार्यान्वयन साझेदार
इस परियोजना को ग्लोबल नेचर फंड (GNF) द्वारा नैचरलैंड e.V. और मर्सिडीज–बेंज के सहयोग से समर्थित किया गया है।
यह साझेदारी पर्यावरणीय स्थिरता में सार्वजनिक–निजी भागीदारी (PPP) के महत्व को दर्शाती है।
इंटीग्रेटेड मैंग्रोव एक्वाकल्चर (IMA) को लागू करके यह पहल कम घनत्व वाले झींगा पालन (Low-Density Shrimp Farming) को प्रोत्साहित करती है, जिसमें बाहरी फ़ीड इनपुट की आवश्यकता नहीं होती, जिससे पारिस्थितिक व्यवधान न्यूनतम रहता है।
Static GK Tip: FAO (Food and Agriculture Organization) की स्थापना 1945 में हुई थी। यह संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है जिसका मुख्यालय रोम, इटली में है और जो भुखमरी उन्मूलन एवं सतत कृषि विकास को बढ़ावा देती है।
सुंदरबन के बारे में
सुंदरबन मैंग्रोव वन गंगा, ब्रह्मपुत्र और मेघना नदियों के संगम डेल्टा में, बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित है।
यह अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र भारत और बांग्लादेश दोनों में फैला हुआ है और रॉयल बंगाल टाइगर का प्राकृतिक आवास है।
भारत का सुंदरबन क्षेत्र पश्चिम बंगाल में स्थित है, जहाँ भारत का सबसे अधिक मैंग्रोव आच्छादन (42.45%) पाया जाता है, इसके बाद गुजरात (23.66%) और अंडमान एवं निकोबार द्वीप (12.39%) का स्थान आता है — ISFR 2023 के अनुसार।
Static GK Fact: सुंदरबन रिजर्व फ़ॉरेस्ट एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल (UNESCO World Heritage Site) है और विश्व के सबसे बड़े मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्रों में से एक है, जो दोनों देशों में मिलाकर लगभग 10,000 वर्ग किमी में फैला है।
व्यापक प्रभाव
SAIME पहल के माध्यम से भारत यह प्रदर्शित कर रहा है कि जलवायु लचीलापन, जैव विविधता संरक्षण और आजीविका सृजन एक साथ संभव हैं।
FAO की मान्यता इस बात का संकेत है कि प्रकृति–आधारित जलीय कृषि (Nature-Based Aquaculture) वैश्विक स्तर पर नीति और प्रथा का केंद्र बन रही है।
यह मॉडल संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) — विशेषकर SDG 13 (जलवायु कार्रवाई) और SDG 14 (जल के नीचे जीवन) — के अनुरूप है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
पहल का नाम | सस्टेनेबल एक्वाकल्चर इन मैंग्रोव इकोसिस्टम्स (SAIME) |
मान्यता प्रदान करने वाली संस्था | खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) |
कार्यान्वयन एजेंसी | नेचर एनवायरनमेंट एंड वाइल्डलाइफ सोसाइटी (NEWS) |
वित्तपोषण साझेदार | ग्लोबल नेचर फंड, नैचरलैंड e.V., मर्सिडीज-बेंज |
प्रमुख प्रजाति | ब्लैक टाइगर श्रिम्प |
मुख्य तकनीक | इंटीग्रेटेड मैंग्रोव एक्वाकल्चर (IMA) |
प्रमुख पारिस्थितिकी तंत्र | सुंदरबन मैंग्रोव वन, पश्चिम बंगाल |
भारत का कुल मैंग्रोव आच्छादन | 4,991.68 वर्ग किमी (कुल क्षेत्र का 0.15%) |
सर्वाधिक मैंग्रोव वाला राज्य | पश्चिम बंगाल (42.45%) |
अंतरराष्ट्रीय मान्यता | FAO वैश्विक तकनीकी मान्यता, 2025 |