अक्टूबर 21, 2025 6:25 अपराह्न

केदारनाथ रोपवे हिमालयी तीर्थयात्रा को बदल देगा

चालू घटनाएँ: अडानी समूह, केदारनाथ रोपवे, पर्वतमाला परियोजना, पीपीपी मॉडल, सोनप्रयाग, उत्तराखंड पर्यटन, त्रि-केबल गोंडोला, अवसंरचना परियोजना, तीर्थ पहुंच, चारधाम यात्रा

Kedarnath Ropeway to Transform Himalayan Pilgrimage

केदारनाथ धाम तक तेज़ पहुँच

हिंदू धर्म के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक केदारनाथ धाम अब आधुनिक परिवहन सुविधा से जुड़ने जा रहा है। अडानी समूह 12.9 किमी लंबे रोपवे का निर्माण कर रहा है, जो सोनप्रयाग से केदारनाथ तक जाएगा। यह रोपवे पारंपरिक नौ घंटे की कठिन पदयात्रा को घटाकर मात्र 36 मिनट में पूरा कर देगा।
₹4,081 करोड़ की यह परियोजना विशेष रूप से वृद्ध श्रद्धालुओं के लिए तीर्थ यात्रा को अधिक सुगम और सुरक्षित बनाएगी।
Static GK Fact: केदारनाथ मंदिर भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है और उत्तराखंड की चारधाम यात्रा का प्रमुख स्थल है।

सुरक्षित और स्मार्ट तीर्थ अनुभव

वर्तमान में यात्रियों को 16 किमी की कठिन हिमालयी चढ़ाई करनी पड़ती है, जो भूस्खलन और खराब मौसम के कारण जोखिमपूर्ण होती है। नया रोपवे यात्रियों को सुरक्षित, तेज़ और पर्यावरण अनुकूल यात्रा प्रदान करेगा।
यह प्रणाली प्रति दिशा 1,800 यात्रियों प्रति घंटा तक ले जाने में सक्षम होगी, जिससे चारधाम यात्रा के चरम सीजन में भी भीड़ प्रबंधन सुचारु रहेगा।
Static GK Tip: उत्तराखंड की चारधाम यात्रा में यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ शामिल हैं, जो हिमालय के प्रमुख धार्मिक केंद्र हैं।

उन्नत रोपवे तकनीक

केदारनाथ रोपवे में त्रिकेबल डिटेचेबल गोंडोला (3S) तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जो ऊँचाई पर तेज़ हवाओं में भी बेहतरीन स्थिरता प्रदान करती है। यह प्रणाली गोंडोला और केबल कार तकनीक के फायदों का संयोजन है, जो उत्तराखंड जैसे पर्वतीय इलाकों के लिए अत्यंत उपयुक्त है।

पर्वतमाला परियोजना के अंतर्गत सरकारी सहयोग

यह महत्वाकांक्षी अवसंरचना परियोजना राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रमपर्वतमाला परियोजना के तहत लागू की जा रही है, जिसका उद्देश्य पर्वतीय क्षेत्रों में हवाई परिवहन को बढ़ावा देना है।
परियोजना सार्वजनिकनिजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर लागू की जा रही है।
सरकार ने सितंबर 2025 में इस परियोजना का अनुबंध अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड को प्रदान किया। इसके निर्माण की समयसीमा 6 वर्ष और संचालन अवधि 29 वर्ष निर्धारित की गई है।
Static GK Fact: पर्वतमाला परियोजना को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था ताकि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पूर्वोत्तर राज्यों में आवागमन में सुधार किया जा सके।

आर्थिक और रोजगार प्रभाव

यह रोपवे क्षेत्रीय पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा।
यह परियोजना अतिथि सत्कार, परिवहन और हस्तशिल्प उद्योगों में नए अवसर खोलेगी और स्थानीय युवाओं को तकनीकी, परिचालन और सेवा क्षेत्रों में प्रशिक्षण देकर रोजगार के अवसर प्रदान करेगी।

पर्यावरणीय और सामाजिक सुरक्षा उपाय

चूँकि केदारनाथ क्षेत्र संवेदनशील हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर आता है, इसलिए पर्यावरणीय सुरक्षा उपाय अत्यावश्यक हैं।
परियोजना के लिए वन अनुमति, जैव विविधता संरक्षण, और पारंपरिक कामगारों (जैसे खच्चर संचालक और पोर्टर) के लिए वैकल्पिक आजीविका योजनाएँ सुनिश्चित की जाएँगी।
Static GK Tip: केदारनाथ मंदिर मंदाकिनी नदी के तट पर, 3,583 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और इसे 2013 की उत्तराखंड बाढ़ के बाद पुनर्स्थापित किया गया था।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय (Topic) विवरण (Detail)
परियोजना का नाम केदारनाथ रोपवे परियोजना
कार्यान्वयन कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड
दूरी 12.9 किमी (सोनप्रयाग से केदारनाथ तक)
अनुमानित लागत ₹4,081 करोड़
उपयोग की गई तकनीक 3S (त्रि-केबल डिटेचेबल गोंडोला)
क्षमता 1,800 यात्री प्रति घंटा प्रति दिशा
योजना राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम – पर्वतमाला परियोजना
मॉडल सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP)
निर्माण अवधि 6 वर्ष
संचालन अवधि 29 वर्ष (अडानी द्वारा)
क्षेत्र उत्तराखंड, भारत
समय की बचत 9 घंटे से घटकर 36 मिनट
केदारनाथ की ऊँचाई 3,583 मीटर
निकटवर्ती नदी मंदाकिनी नदी
धार्मिक महत्व भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक
Kedarnath Ropeway to Transform Himalayan Pilgrimage
  1. अदाणी समूह9 किलोमीटर लंबा केदारनाथ रोपवे बना रहा है।
  2. यह सोनप्रयाग को उत्तराखंड में केदारनाथ धाम से जोड़ता है।
  3. यह परियोजना यात्रा के समय को 9 घंटे से घटाकर 36 मिनट कर देती है।
  4. सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत इसकी लागत लगभग ₹4,081 करोड़ है।
  5. रोपवे की क्षमता प्रति घंटे प्रत्येक दिशा में 1,800 यात्रियों की है।
  6. इसमें ट्राई-केबल डिटैचेबल गोंडोला (3S) तकनीक का उपयोग किया गया है।
  7. यह पहल सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल हिमालयी यात्रा सुनिश्चित करती है।
  8. पर्वतमाला परियोजना राष्ट्रीय स्तर पर इस परियोजना का समर्थन करती है।
  9. निर्माण अवधि छह वर्ष और संचालन अवधि 29 वर्ष है।
  10. अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड इस रोपवे परियोजना का क्रियान्वयन कर रहा है।
  11. यह पर्यटन और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है।
  12. स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं।
  13. केदारनाथ मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
  14. मंदाकिनी नदी केदारनाथ के पास 3,583 मीटर की ऊँचाई पर बहती है।
  15. यह परियोजना पर्यावरण और जैव विविधता सुरक्षा उपायों का पालन करती है।
  16. इसमें पारंपरिक खच्चर सेवा प्रदाताओं को सहायता प्रदान करना शामिल है।
  17. यह पर्वतमाला योजना के अंतर्गत उत्तराखंड के बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करता है।
  18. नाज़ुक पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण के लिए वन मंज़ूरी आवश्यक है।
  19. रोपवे बुजुर्ग तीर्थयात्रियों के लिए चार धाम यात्रा की सुगमता में सुधार करता है।
  20. केदारनाथ रोपवे पवित्र हिमालयी यात्रा के आधुनिकीकरण का प्रतीक है।

Q1. केदारनाथ रोपवे परियोजना को कौन-सी कंपनी लागू कर रही है?


Q2. केदारनाथ रोपवे की कुल लंबाई कितनी है?


Q3. इस रोपवे प्रणाली में कौन-सी तकनीक का उपयोग किया गया है?


Q4. यह परियोजना किस सरकारी योजना के तहत लागू की जा रही है?


Q5. केदारनाथ रोपवे की प्रति घंटे प्रति दिशा यात्री क्षमता क्या है?


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