विस्तारित रेंज और रणनीतिक महत्व
भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने Astra Mark 2 मिसाइल की रेंज को 200 किलोमीटर से अधिक तक बढ़ाकर अपनी वायु युद्ध क्षमता को नई ऊँचाई पर पहुँचा दिया है।
यह उन्नत मिसाइल प्रणाली भारत को लंबी दूरी की बीवीआर (Beyond Visual Range) मिसाइल तकनीक रखने वाले चंद देशों के समूह में शामिल करती है।
इससे भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान अब दूरस्थ लक्ष्यों को सटीकता से भेद सकते हैं, जिससे पायलट सुरक्षा और ऑपरेशनल बढ़त दोनों में सुधार हुआ है।
स्थैतिक तथ्य: Astra श्रृंखला भारत की पहली स्वदेशी वायु–से–वायु मिसाइल परियोजना है, जो इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (IGMDP) के तहत शुरू की गई थी।
स्वदेशी विकास और सहयोग
Astra Mark 2 मिसाइल को Astra Mark 1 की सफलता पर आधारित कर विकसित किया गया है, जिसकी रेंज 100 किलोमीटर से अधिक थी।
इस परियोजना में 50 से अधिक भारतीय संगठनों — जिनमें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और कई निजी रक्षा निर्माता शामिल हैं — ने DRDO के साथ सहयोग किया है।
यह प्रयास ‘आत्मनिर्भर भारत मिशन’ के अनुरूप है, जो भारत की रक्षा स्वावलंबन नीति को मज़बूती देता है और विदेशी हथियार प्रणालियों पर निर्भरता को घटाता है।
स्थैतिक टिप: DRDO की स्थापना 1958 में रक्षा मंत्रालय के अधीन की गई थी, और यह भारत की मिसाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और एवियोनिक्स शोध का प्रमुख केंद्र है।
ऑपरेशनल अनुभव और सबक
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने अपनी हवाई हमलावर क्षमता का प्रभावी प्रदर्शन किया।
भारतीय वायुसेना के विमानों ने स्टैंड–ऑफ स्ट्राइक टैक्टिक्स अपनाते हुए शत्रु लक्ष्यों पर सटीक प्रहार किया।
F-16 और चीनी मूल के लड़ाकू विमानों को निष्क्रिय कर दिया गया, जबकि पाकिस्तानी PL-15 मिसाइलें कोई क्षति नहीं पहुँचा सकीं।
इन अनुभवों ने लंबी दूरी की सटीक मिसाइल प्रणालियों की आवश्यकता को रेखांकित किया — जिसे अब Astra Mark 2 पूरी तरह पूरा करती है।
स्थैतिक तथ्य: भारतीय वायुसेना के पास 30 से अधिक कॉम्बैट स्क्वाड्रन हैं, जिनमें सुखोई Su-30 MKI, राफेल, और तेजस (LCA) जैसे उन्नत जेट शामिल हैं।
लड़ाकू बेड़े में एकीकरण
रक्षा मंत्रालय ने सुखोई और एलसीए (LCA) बेड़ों में लगभग 700 Astra Mark 2 मिसाइलों को शामिल करने की योजना बनाई है।
यह प्रणाली बियॉन्ड विजुअल रेंज (BVR) इंटरसेप्शन में भारतीय वायुसेना को अत्यधिक शक्ति प्रदान करेगी।
अस्ट्रा मार्क-2 की एडवांस्ड रडार गाइडेंस और प्रिसिजन टार्गेटिंग क्षमता इसे आक्रामक और रक्षात्मक दोनों मिशनों में प्रभावी बनाती है।
स्थैतिक टिप: सुखोई Su-30 MKI भारत का फ्रंटलाइन मल्टीरोल फाइटर जेट है, जिसे रूस की सुखोई कंपनी और HAL ने संयुक्त रूप से विकसित किया है।
क्षेत्रीय और रणनीतिक प्रभाव
Astra Mark 2 की विस्तारित रेंज भारत की दक्षिण एशिया में वायु श्रेष्ठता और रणनीतिक प्रतिरोध (Strategic Deterrence) को और सुदृढ़ बनाती है।
यह पड़ोसी देशों की आधुनिकीकरण योजनाओं और क्षेत्रीय तनावों के बीच भारत के सुरक्षा हितों को मज़बूत करता है।
यह विकास भारत की प्रौद्योगिकीय आत्मनिर्भरता, राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा, और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।
स्थैतिक तथ्य: भारत उन कुछ देशों में शामिल है जिनके पास स्वदेशी न्यूक्लियर ट्रायड क्षमता है, जो उसकी संपूर्ण रक्षा स्थिति को सुदृढ़ करती है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
डेवलपर | रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) |
मिसाइल प्रकार | बियॉन्ड विजुअल रेंज (BVR) एयर-टू-एयर मिसाइल |
विस्तारित रेंज | 200 किलोमीटर से अधिक |
पिछला संस्करण | Astra Mark 1 (रेंज: 100+ किमी) |
शामिल करने की योजना | सुखोई और एलसीए बेड़ों के लिए लगभग 700 मिसाइलें |
प्रमुख सहयोगी | हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और निजी उद्योग |
प्रमुख अभियान संदर्भ | ऑपरेशन सिंदूर |
संबंधित कार्यक्रम | इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (IGMDP) |
रणनीतिक मिशन | रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत |
क्षेत्रीय फोकस | दक्षिण एशिया में भारत की वायु श्रेष्ठता को सुदृढ़ करना |