IIT धारवाड़ में बायोनेस्ट इन्क्यूबेशन सेंटर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने IIT धारवाड़ में बायोनेस्ट इन्क्यूबेशन सेंटर (BIC) का उद्घाटन किया, जो भारत के सतत नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह केंद्र रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी इन्क्यूबेटर “धर्ति” (dhaRti) के सहयोग से स्थापित किया गया है, जिसका उद्देश्य जैव–प्रौद्योगिकी आधारित स्टार्टअप्स और पर्यावरण–अनुकूल औद्योगिक समाधान को प्रोत्साहित करना है।
बायोनेस्ट पहल शुरुआती चरण के उद्यमियों को ग्रीन टेक्नोलॉजी, नवीकरणीय ऊर्जा और जैव–आधारित समाधानों के क्षेत्र में मार्गदर्शन, अवसंरचना और वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जिससे भारत के जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
स्थैतिक तथ्य: BioNEST का पूर्ण रूप है — Bio-incubators Nurturing Entrepreneurship for Scaling Technologies। यह कार्यक्रम BIRAC (Biotechnology Industry Research Assistance Council) द्वारा जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT), भारत सरकार के अंतर्गत संचालित है।
भारत का 2047 तक शून्य उत्सर्जन लक्ष्य
भारत ने 2047 तक नेट–ज़ीरो उत्सर्जन प्राप्त करने का रोडमैप तैयार किया है, जो देश की स्वतंत्रता के 100वें वर्ष के साथ मेल खाता है। यह कदम पेरिस समझौते के तहत वैश्विक जलवायु लक्ष्यों के अनुरूप है।
जहाँ कई देशों में कोयले पर निर्भरता बढ़ी है, वहीं भारत ने सौर और पवन ऊर्जा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है।
सरकार ग्रीन हाइड्रोजन, जैव ईंधन (Biofuels) और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी जैसे क्षेत्रों में निवेश कर रही है ताकि स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण को तेज़ किया जा सके।
स्थैतिक टिप: भारत का 2030 तक का नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य 500 GW गैर-जीवाश्म स्रोतों से स्थापित क्षमता प्राप्त करना है।
भारी उद्योगों की चुनौतियाँ
इस्पात (Steel) और सीमेंट (Cement) उद्योग सबसे बड़े उत्सर्जन क्षेत्रों में हैं, क्योंकि इनकी ऊर्जा खपत बहुत अधिक होती है।
लो–कार्बन तकनीक अपनाना महंगा है, इसलिए सरकार ग्रीन बॉन्ड्स, CSR फंड्स, और पब्लिक–प्राइवेट पार्टनरशिप्स के माध्यम से स्थायी परियोजनाओं को वित्तीय समर्थन दे रही है।
वित्त मंत्री ने नवाचार–आधारित वित्तीय तंत्र (Innovation-led Financing Mechanisms) की आवश्यकता पर बल दिया ताकि औद्योगिक स्थिरता को विकास से समझौता किए बिना हासिल किया जा सके।
नवीकरणीय ऊर्जा और फिन-टेक को प्रोत्साहन
सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी और नीति समर्थन का विस्तार किया है।
साथ ही, वित्तीय प्रौद्योगिकी (Fin-Tech) ने हरित विकास में एक मुख्य सक्षम घटक के रूप में भूमिका निभाई है।
ग्रीन फाइनेंसिंग, डिजिटल लेनदेन और समावेशी आर्थिक मॉडलों को प्रोत्साहित करने वाले प्लेटफ़ॉर्म भारत के सतत विकास परिदृश्य को नया रूप दे रहे हैं।
स्थैतिक तथ्य: Ernst & Young RECAI Index 2024 के अनुसार, भारत नवीकरणीय ऊर्जा निवेश आकर्षण में विश्व के शीर्ष तीन देशों में शामिल है।
उद्योग–शिक्षा सहयोग को मज़बूत करना
वित्त मंत्री ने अकादमिक अनुसंधान और औद्योगिक अनुप्रयोग के बीच सेतु निर्माण की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
IIT धारवाड़ जैसे संस्थानों से अपेक्षा की गई है कि वे अपने पाठ्यक्रमों में व्यावहारिक प्रशिक्षण, इंटर्नशिप और वास्तविक पर्यावरणीय समस्याओं पर आधारित परियोजनाएँ शामिल करें।
ऐसा सहयोग भारत की ग्रीन अर्थव्यवस्था और डिजिटल ट्रांसफ़ॉर्मेशन लक्ष्यों को सशक्त बनाने वाली नई पीढ़ी के पेशेवर तैयार करेगा।
कौशल विकास के माध्यम से युवाओं को सशक्त बनाना
कौशल उन्नयन (Skill Enhancement) भारत के सतत विकास एजेंडा का केंद्रीय हिस्सा है।
छात्रों को अब पर्यावरण, डिजिटल और वित्तीय साक्षरता को एकीकृत रूप में सीखने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
यह दृष्टिकोण एक फ्यूचर–रेडी वर्कफ़ोर्स बनाने में मदद करेगा जो स्वच्छ तकनीकों में नवाचार को गति दे सके।
स्थैतिक टिप: स्किल इंडिया मिशन, जो 2015 में शुरू हुआ था, का लक्ष्य 2025 तक 40 करोड़ व्यक्तियों को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षित करना है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
आयोजन | IIT धारवाड़ में BioNEST इन्क्यूबेशन सेंटर का उद्घाटन |
उद्घाटनकर्ता | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण |
मुख्य पहल | जैव प्रौद्योगिकी और हरित तकनीक स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना |
भागीदार संगठन | रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी इन्क्यूबेटर धर्ति (dhaRti) |
प्रमुख लक्ष्य | सतत विकास और नवाचार को समर्थन |
राष्ट्रीय लक्ष्य | 2047 तक नेट-ज़ीरो उत्सर्जन |
वित्तीय तंत्र | ग्रीन बॉन्ड, CSR फंडिंग, और नवीकरणीय ऊर्जा सब्सिडी |
प्रमुख क्षेत्र | नवीकरणीय ऊर्जा, जैव प्रौद्योगिकी, फिन-टेक |
शैक्षणिक सुधार | उद्योग-संबंधित पाठ्यक्रम और व्यावहारिक प्रशिक्षण |
कौशल मिशन | स्किल इंडिया मिशन के तहत हरित नवाचार हेतु युवाओं को सशक्त बनाना |