अक्टूबर 20, 2025 5:37 अपराह्न

भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में सातवाँ कार्यकाल हासिल किया

चालू घटनाएँ: भारत का UNHRC में निर्वाचन, संयुक्त राष्ट्र महासभा, पी. हरीश, जेनेवा, मानवाधिकार, एशिया-प्रशांत समूह, यूनिवर्सल पीरियॉडिक रिव्यू (UPR), दक्षिण-दक्षिण सहयोग, समावेशी बहुपक्षवाद, मौलिक स्वतंत्रताएँ

India Secures Seventh Term at UN Human Rights Council

भारत का निर्विरोध निर्वाचन

भारत को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के लिए 2026–2028 कार्यकाल हेतु निर्विरोध रूप से चुना गया, जिससे यह परिषद में भारत का सातवाँ कार्यकाल बन गया। यह चुनाव संयुक्त राष्ट्र महासभा में हुआ, जिसने मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रताओं की रक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के विश्वास को पुनः स्थापित किया।
भारत के संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने सभी सदस्य देशों को उनके अपार समर्थन के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि भारत संवाद, समावेशन और सहयोग के माध्यम से वैश्विक मानवाधिकार चुनौतियों का समाधान करने के अपने प्रयास जारी रखेगा।
स्थैतिक तथ्य: भारत पहली बार 2006 में UNHRC का सदस्य चुना गया था — उसी वर्ष परिषद की स्थापना हुई थी।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के बारे में

UNHRC संयुक्त राष्ट्र प्रणाली का मुख्य अंतरसरकारी निकाय है, जो विश्वभर में मानवाधिकारों की रक्षा और संवर्धन के लिए कार्य करता है। इसमें 47 सदस्य राष्ट्र होते हैं, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा गोपनीय मतदान (Secret Ballot) के माध्यम से चुना जाता है। प्रत्येक देश का कार्यकाल 3 वर्ष का होता है और कोई भी सदस्य लगातार दो कार्यकालों से अधिक नहीं रह सकता।
यह परिषद 2006 में स्थापित की गई थी, जिसने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (1946–2006) का स्थान लिया।
इसकी प्रमुख जिम्मेदारियों में शामिल हैं:

  • सभी सदस्य देशों के मानवाधिकार रिकॉर्ड का मूल्यांकन करने के लिए Universal Periodic Review (UPR)
  • मानवाधिकार उल्लंघनों की जाँच
  • नीति सुझाव और सिफारिशें तैयार करना
    स्थैतिक टिप: UNHRC का मुख्यालय जेनेवा (स्विट्ज़रलैंड) में स्थित है।

UNHRC में भारत की भूमिका और योगदान

भारत परिषद में हमेशा एक सक्रिय और रचनात्मक आवाज़ रहा है। यह समावेशी बहुपक्षवाद (Inclusive Multilateralism) और वैश्विक दक्षिणदक्षिण सहयोग (South–South Cooperation) पर विशेष ध्यान देता है।
भारत ने हमेशा मानवाधिकार मुद्दों के राजनीतिकरण से बचने और राष्ट्रीय संप्रभुता सार्वभौमिक मानवाधिकार मूल्यों के बीच संतुलन पर ज़ोर दिया है।
पिछले कार्यकालों में भारत ने विशेष रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य, डिजिटल संसाधनों की पहुँच, लैंगिक समानता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, और कमज़ोर वर्गों की सुरक्षा जैसे विषयों पर पहल की है।
भारत का पुनः निर्वाचन इस राजनयिक विरासत (Diplomatic Legacy) को जारी रखेगा और वैश्विक मानवाधिकार शासन में भारत की भूमिका को और मज़बूत करेगा।
स्थैतिक तथ्य: भारत अब तक एशियाप्रशांत समूह का प्रतिनिधित्व करते हुए UNHRC में सात कार्यकाल पूरा कर चुका है।

कूटनीतिक महत्व

भारत का निर्विरोध निर्वाचन यह दर्शाता है कि उसे संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों का व्यापक समर्थन प्राप्त है। यह भारत की उस संतुलित विदेश नीति को भी प्रतिबिंबित करता है जो विकास प्राथमिकताओं और मानवीय मूल्यों के बीच सामंजस्य स्थापित करती है।
2026–2028 के कार्यकाल में भारत जलवायु न्याय, डिजिटल अधिकार, और प्रवासन संबंधी चुनौतियों जैसे वैश्विक मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय विमर्श को आकार देने में योगदान देगा।
यह उपलब्धि भारत की वैश्विक प्रभावशाली स्थिति और लोकतंत्र, शांति मानव गरिमा के संवर्धन में नेतृत्व की भूमिका को और सुदृढ़ करती है।

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विषय विवरण
संगठन संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC)
मुख्यालय जेनेवा, स्विट्ज़रलैंड
स्थापना वर्ष 2006 (संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा)
कुल सदस्य देश 47
कार्यकाल अवधि 3 वर्ष
भारत का निर्वाचित कार्यकाल 2026–2028
भारत के कुल कार्यकाल 7
निर्वाचन प्रकार एशिया–प्रशांत समूह से निर्विरोध
भारत के UN प्रतिनिधि पी. हरीश
प्रमुख प्रक्रिया Universal Periodic Review (UPR)
India Secures Seventh Term at UN Human Rights Council
  1. भारत 2026-2028 के कार्यकाल के लिए UNHRC के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुआ।
  2. न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में चुनाव हुआ।
  3. भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने सदस्य देशों का आभार व्यक्त किया।
  4. यह UNHRC में भारत का सातवाँ कार्यकाल है।
  5. जिनेवा में मुख्यालय वाला UNHRC वैश्विक मानवाधिकार मुद्दों पर विचार करता है।
  6. परिषद में 47 सदस्य हैं, जिनमें से प्रत्येक तीन-वर्षीय कार्यकाल पूरा करता है।
  7. सार्वभौमिक आवधिक समीक्षा (UPR) UNHRC का एक प्रमुख तंत्र है।
  8. भारत परिषद में समावेशी बहुपक्षवाद और दक्षिण-दक्षिण सहयोग पर ज़ोर देता है।
  9. भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार बहसों का गैर-राजनीतिकरण करने की वकालत करता है।
  10. भारत वैश्विक स्तर पर शिक्षा और डिजिटल समावेशन तक पहुँच का समर्थन करता है।
  11. पुनर्निर्वाचन संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के बीच व्यापक राजनयिक समर्थन को दर्शाता है।
  12. भारत लैंगिक समानता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की प्राथमिकताओं पर ज़ोर देता है।
  13. भारत जलवायु न्याय और डिजिटल अधिकारों पर चर्चा में शामिल होगा।
  14. भारत का पहला UNHRC चुनाव 2006 में हुआ था (परिषद की शुरुआत)।
  15. नियमानुसार भारत लगातार दो कार्यकाल से ज़्यादा इस पद पर नहीं रह सकता।
  16. भारत की भूमिका वैश्विक मानवाधिकार शासन में उसकी आवाज़ को मज़बूत करती है।
  17. भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार मुद्दों के विकासोन्मुखी ढाँचे को बढ़ावा देता है।
  18. UNHRC के अधिदेश में जाँच और नीतिगत सिफ़ारिश की शक्तियाँ शामिल हैं।
  19. भारत की उपस्थिति से बहुपक्षीय कूटनीति और सहयोग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
  20. यह कार्यकाल भारत को कमज़ोरियों के व्यावहारिक समाधान पेश करने में मदद करेगा।

Q1. भारत पहली बार संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) का सदस्य किस वर्ष चुना गया था?


Q2. भारत के पुनः चुने जाने के बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व किसने किया?


Q3. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) का मुख्यालय कहाँ स्थित है?


Q4. UNHRC में कुल कितने सदस्य देश शामिल हैं?


Q5. भारत का 2026–2028 के लिए पुनः चुनाव किस कार्यकाल का प्रतिनिधित्व करता है?


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