परिचय
विधि और न्याय मंत्रालय ने सरकारी मुकदमों में दक्षता और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए लीगल इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट एंड ब्रीफिंग सिस्टम (LIMBS) के अंतर्गत “लाइव केसेस” डैशबोर्ड शुरू किया है। यह प्रणाली न्यायालयों में लंबित मामलों की रियल–टाइम विज़ुअल ट्रैकिंग उपलब्ध कराती है, जिससे विभिन्न मंत्रालय कानूनी कार्यवाही की निगरानी सक्रिय रूप से कर सकते हैं।
LIMBS क्या है
LIMBS एक वेब–आधारित मुकदमा निगरानी प्लेटफ़ॉर्म है, जिसे केंद्र सरकार के दृष्टिकोण से विकसित किया गया है। यह एक 24×7 ऑनलाइन टूल है जो विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से संबंधित न्यायालय मामलों के पूरे जीवनचक्र को ट्रैक करने में मदद करता है।
इस प्रणाली के माध्यम से समय पर समीक्षा, समन्वय और निर्णय संभव होता है, जिससे कानूनी मामलों के निपटारे में देरी की संभावना घटती है।
स्थैतिक तथ्य: LIMBS की अवधारणा प्रारंभ में विधिक कार्य विभाग (Department of Legal Affairs) द्वारा विधि और न्याय मंत्रालय के अंतर्गत तैयार की गई थी ताकि केंद्र सरकार से जुड़े लंबित मुकदमों की बढ़ती संख्या से निपटा जा सके।
लाइव केसेस डैशबोर्ड की विशेषताएँ
नया लाइव केसेस डैशबोर्ड विभिन्न न्यायालयों और न्यायाधिकरणों में चल रहे मुकदमों की रियल–टाइम डेटा विज़ुअलाइज़ेशन प्रदान करता है। यह केस की स्थिति, अगली सुनवाई की तारीख और मुकदमे के चरण जैसी जानकारियाँ एकीकृत करता है। इससे त्वरित मूल्यांकन और बेहतर समन्वय संभव होता है।
यह डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म डेटा–आधारित कानूनी प्रबंधन को प्रोत्साहित करता है, जिससे मैनुअल अपडेट और कागज़ी कार्य पर निर्भरता घटती है। यह प्रणाली डिजिटल इंडिया पहल के अनुरूप है, जो शासन में तकनीकी पारदर्शिता को बढ़ावा देती है।
स्थैतिक टिप: डिजिटल इंडिया कार्यक्रम 2015 में शुरू किया गया था ताकि भारत को डिजिटली सशक्त समाज और ज्ञान–आधारित अर्थव्यवस्था में परिवर्तित किया जा सके।
लाभ और महत्व
LIMBS और लाइव केसेस डैशबोर्ड का कार्यान्वयन न्यायपालिका में ई–गवर्नेंस ढाँचे को सुदृढ़ करता है। यह केस डुप्लीकेशन को रोकता है, मंत्रालयों के बीच संचार को बेहतर बनाता है और कानूनी व्यय की निगरानी में मदद करता है।
केंद्रीकृत डेटा पहुँच से निर्णयकर्ता विभागीय प्रदर्शन का मूल्यांकन कर सकते हैं और जवाबदेही सुनिश्चित कर सकते हैं। यह प्रणाली उन नीतिगत कमियों की पहचान में भी सहायक है जो बार-बार मुकदमों का कारण बनती हैं।
स्थैतिक तथ्य: भारत विश्व की सबसे बड़ी न्यायिक प्रणालियों में से एक है, जहाँ 4 करोड़ से अधिक लंबित मामले हैं। इसलिए LIMBS जैसे निगरानी तंत्र प्रभावी केस प्रबंधन के लिए आवश्यक हैं।
व्यापक प्रभाव
कानूनी प्रशासन में तकनीकी एकीकरण सरकार की पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। LIMBS मुकदमेबाज़ी का बोझ घटाने, मंत्रालयों के बीच समन्वय बढ़ाने और राष्ट्रीय मुकदमा डेटाबेस विकसित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
यह नवाचार भारत के स्मार्ट गवर्नेंस और डिजिटल विधिक ढाँचे के दृष्टिकोण से मेल खाता है और तेज़, उत्तरदायी न्याय वितरण प्रणाली की ओर अग्रसर करता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
LIMBS का पूर्ण रूप | Legal Information Management and Briefing System |
विकसित करने वाला विभाग | विधि और न्याय मंत्रालय, भारत सरकार |
नवीन पहल | Live Cases Dashboard |
उद्देश्य | न्यायालय मामलों की रियल-टाइम निगरानी और दृश्यांकन |
एक्सेस प्रकार | वेब-आधारित 24×7 ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म |
प्रमुख लाभ | मंत्रालयों के बीच बेहतर समन्वय और निर्णय प्रक्रिया |
संबद्ध पहल | Digital India Programme |
कार्यान्वयन विभाग | Department of Legal Affairs |
मुख्य उद्देश्य | मुकदमों में विलंब कम करना और पारदर्शिता बढ़ाना |
डिजिटल इंडिया की शुरुआत का वर्ष | 2015 |