अक्टूबर 19, 2025 7:30 अपराह्न

मिशन दृष्टि भारत की अंतरिक्ष बुद्धिमत्ता को मज़बूत कर रहा है

चालू घटनाएँ: GalaxEye, Mission Drishti, मल्टी-सेंसर सैटेलाइट, पृथ्वी अवलोकन, सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR), ऑप्टिकल पेलोड, निजी अंतरिक्ष क्षेत्र, सैटेलाइट समूह, एआई एकीकरण, स्पेस टेक्नोलॉजी

Mission Drishti Strengthening India’s Space Intelligence

भारत के निजी अंतरिक्ष क्षेत्र की बड़ी छलांग

भारतीय स्टार्टअप GalaxEye ने मिशन दृष्टि (Mission Drishti) की घोषणा की है — यह भारत का पहला मल्टीसेंसर पृथ्वी अवलोकन उपग्रह होगा, जिसे 2026 की शुरुआत में प्रक्षेपित किया जाएगा। यह मिशन भारत के निजी अंतरिक्ष क्षेत्र में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है, क्योंकि इसमें एक ही मंच पर सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR) और उच्चरिज़ॉल्यूशन ऑप्टिकल सेंसर को एकीकृत किया गया है।
यह नवाचार भारत को एआईआधारित सैटेलाइट विश्लेषण के नए युग में ले जाता है और उन्नत अंतरिक्ष अवलोकन प्रणालियों में इसकी वैश्विक स्थिति को मजबूत करता है।
स्थैतिक तथ्य: भारत का पहला उपग्रह आर्यभट्ट 1975 में सोवियत सहयोग से लॉन्च किया गया था, जो भारत की अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत का प्रतीक था।

मिशन का अवलोकन

मिशन दृष्टि का वजन 160 किलोग्राम है और यह 1.5 मीटर रिज़ॉल्यूशन वाली तस्वीरें प्रदान करेगा, जिससे यह भारत का सबसे बड़ा निजी रूप से निर्मित उपग्रह बन जाएगा। यह उपग्रह हर मौसम और रोशनी की स्थिति में लगातार इमेजिंग करने में सक्षम है, जिससे पारंपरिक ऑप्टिकल प्रणालियों की सीमाएँ समाप्त होती हैं।
यह सिविल और सामरिक दोनों प्रकार के अनुप्रयोगों के लिए रीयलटाइम ऑब्ज़र्वेशन डेटा उपलब्ध कराएगा।
स्थैतिक टिप: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का मुख्यालय बेंगलुरु में है और यह चंद्रयान और मंगलयान जैसी प्रमुख परियोजनाओं के लिए जाना जाता है।

मिशन दृष्टि की तकनीकी विशेषताएँ

इस मिशन की सबसे बड़ी विशेषता है कि इसमें SAR और ऑप्टिकल पेलोड को एक ही उपग्रह पर जोड़ा गया है।

  • SAR तकनीक बादलों, अंधकार और प्रतिकूल मौसम में भी इमेजिंग की अनुमति देती है।
  • ऑप्टिकल सेंसर अत्यंत विस्तृत दृश्य डेटा कैप्चर करते हैं।
    इन दोनों तकनीकों के संयोजन से बहुस्तरीय भूस्थानिक विश्लेषण (Geospatial Analysis) संभव होता है, जो अभूतपूर्व स्पष्टता और गहराई प्रदान करता है।
    यह एकीकरण एआईआधारित विश्लेषणात्मक मॉडल बनाने में मदद करता है, जो आपदा प्रबंधन, अवसंरचना विकास और पर्यावरण निगरानी में भविष्यवाणी की सटीकता बढ़ाता है।

अनुप्रयोग और लाभार्थी

उपग्रह द्वारा प्राप्त वास्तविक समय डेटा अनेक क्षेत्रों में उपयोगी होगा:
रक्षा और सीमा निगरानी: स्थिति जागरूकता में वृद्धि।
आपदा प्रबंधन: तेज़ मूल्यांकन और प्रतिक्रिया योजना।
कृषि: फसल स्वास्थ्य और उत्पादकता का आकलन।
अवसंरचना मॉनिटरिंग: संरचनात्मक बदलाव और शहरी विस्तार की पहचान।
बीमा और वित्त: सटीक इमेजरी के माध्यम से जोखिम मूल्यांकन।
इन क्षमताओं से सरकारी एजेंसियाँ, रक्षा प्रतिष्ठान, और निजी उद्योग डेटा-आधारित निर्णय लेने में सक्षम होंगे, जो राष्ट्रीय और आर्थिक सुरक्षा को मज़बूती प्रदान करेगा।

भविष्य की विस्तार योजनाएँ

GalaxEye अगले चार वर्षों में 8–10 उपग्रहों का समूह (constellation) तैनात करने की योजना बना रही है। यह नेटवर्क स्थानिक, स्पेक्ट्रल और समयगत रिज़ॉल्यूशन को बढ़ाएगा और वैश्विक निगरानी कवरेज सुनिश्चित करेगा।
ऐसी प्रणाली भारत को स्पेस इंटेलिजेंस और रिमोट सेंसिंग समाधान का वैश्विक केंद्र बनाने में मदद करेगी।
स्थैतिक तथ्य: भारत 2023 में Artemis Accords का पूर्ण सदस्य बना, जिससे अंतरिक्ष अन्वेषण में वैश्विक सहयोग को बढ़ावा मिला।

रणनीतिक महत्व

मिशन दृष्टि भारत के निजी अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र के उदय का प्रतीक है और सरकार की अंतरिक्ष उदारीकरण नीति की सफलता को दर्शाता है। एआई, रडार और ऑप्टिकल तकनीकों के संयोजन से यह बढ़ते भूराजनीतिक और पर्यावरणीय चुनौतियों के बीच अतुलनीय इमेजरी इंटेलिजेंस प्रदान करता है।
यह मिशन भारत को कम लागत वाले, उच्चप्रेसिशन स्पेस इनोवेशन में अग्रणी बनाता है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
लॉन्च एजेंसी GalaxEye (भारतीय निजी अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी स्टार्टअप)
मिशन का नाम Mission Drishti
लॉन्च वर्ष 2026 (प्रारंभिक)
उपग्रह का वजन 160 किलोग्राम
रिज़ॉल्यूशन 1.5 मीटर
प्रयुक्त तकनीक SAR और ऑप्टिकल सेंसर एकीकरण
प्रमुख अनुप्रयोग रक्षा, आपदा प्रबंधन, कृषि, वित्त, अवसंरचना निगरानी
भविष्य की योजना 4 वर्षों में 8–10 उपग्रह तैनात करना
GalaxEye मुख्यालय बेंगलुरु, भारत
वैश्विक महत्व विश्व का पहला मल्टी-सेंसर पृथ्वी अवलोकन उपग्रह प्लेटफ़ॉर्म
Mission Drishti Strengthening India’s Space Intelligence
  1. मिशन दृष्टि भारत का पहला बहु-सेंसर पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है।
  2. इसे भारतीय निजी अंतरिक्ष-तकनीक स्टार्ट-अप गैलेक्सआई द्वारा विकसित किया गया है।
  3. यह मिशन SAR और ऑप्टिकल सेंसर को एक ही प्लेटफ़ॉर्म पर एकीकृत करता है।
  4. यह भारत के निजी अंतरिक्ष क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है।
  5. उपग्रह का वज़न 160 किलोग्राम है और इसका रिज़ॉल्यूशन5 मीटर है।
  6. इसका प्रक्षेपण 2026 की शुरुआत में होना है।
  7. SAR तकनीक बादलों और अंधेरे में भी तस्वीरें खींचती है।
  8. ऑप्टिकल सेंसर विस्तृत सतह-स्तरीय तस्वीरें प्रदान करते हैं।
  9. यह मिशन AI-संचालित उपग्रह डेटा विश्लेषण को सक्षम बनाता है।
  10. रक्षा, कृषि और आपदा प्रबंधन को इसके डेटा से लाभ होगा।
  11. वास्तविक समय अवलोकन बुनियादी ढाँचे और पर्यावरण निगरानी में सहायता करता है।
  12. बीमा और वित्त क्षेत्र उपग्रह डेटा का उपयोग करके जोखिमों का आकलन कर सकते हैं।
  13. गैलेक्सआई चार वर्षों में 8-10 उपग्रहों का एक समूह बनाने की योजना बना रहा है।
  14. भारत 2023 में आर्टेमिस समझौते का पूर्ण सदस्य बन जाएगा।
  15. यह मिशन भारत की वैश्विक अंतरिक्ष खुफिया प्रतिष्ठा को बढ़ाता है।
  16. इसरो की विरासत गैलेक्सआई जैसे निजी खिलाड़ियों को प्रेरित करती है।
  17. यह मिशन एआई, रडार और ऑप्टिकल एकीकरण को बढ़ावा देता है।
  18. यह भारत के अंतरिक्ष उदारीकरण नीति लक्ष्यों के अनुरूप है।
  19. बेंगलुरु गैलेक्सआई का परिचालन मुख्यालय है।
  20. मिशन दृष्टि भारत को किफायती अंतरिक्ष इमेजिंग में अग्रणी बनाता है।

Q1. मिशन दृष्टि (Mission Drishti) किस भारतीय स्टार्टअप ने लॉन्च किया?


Q2. मिशन दृष्टि में किस प्रकार की तकनीकों को एकीकृत किया गया है?


Q3. मिशन दृष्टि उपग्रह का वजन कितना है?


Q4. गैलेक्सआई की भविष्य की उपग्रह श्रृंखला (Constellation) में कितने उपग्रह शामिल करने की योजना है?


Q5. भारत ने आर्टेमिस समझौते (Artemis Accords) में किस वर्ष शामिल हुआ?


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