पहल का सार
उत्तर प्रदेश सरकार ने अक्टूबर 2025 में गोमती पुनर्जीवन मिशन शुरू किया, ताकि लखनऊ, सुल्तानपुर जैसे प्रमुख शहरों से बहने वाली गोमती नदी की पारिस्थितिक सेहत बहाल की जा सके। मिशन का लक्ष्य शहरी क्षेत्रों से नदी में गिरने वाले 95% सीवेज को इंटरसेप्ट करना और नदी के प्राकृतिक प्रवाह को पुनर्जीवित करना है।
स्थैतिक तथ्य: गोमती नदी गंगा की सहायक नदी है; इसका उद्गम उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के पास होता है और लगभग 960 किमी बहने के बाद गाज़ीपुर में गंगा से मिलती है।
प्रमुख उद्देश्य
मिशन का केंद्रीय उद्देश्य गोमती को स्वच्छ, अविरल और प्रदूषण–मुक्त बनाए रखना है। शहरी नालों से आने वाले सीवेज को रोककर जल गुणवत्ता में सुधार और नदी तटीय आवासीय पारितंत्र (हैबिटैट) की बहाली पर ज़ोर है।
स्थैतिक टिप: National Mission for Clean Ganga (NMCG), जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है और देशभर में नदी पुनर्जीवन परियोजनाओं की देखरेख करता है।
सीवेज ट्रीटमेंट अवसंरचना का विस्तार
वर्तमान में गोमती के किनारे 6 एसटीपी संचालित हैं जिनकी सम्मिलित क्षमता 605 MLD है। मिशन के अंतर्गत नए STP स्थापित करना, पुराने संयंत्रों का आधुनिकीकरण और नई ड्रेनेज नेटवर्क के जरिए असंसाधित मलजल को संयंत्रों तक मोड़ना प्रस्तावित है। यह विस्तार 95% इंटरसेप्शन लक्ष्य पाने की तकनीकी रीढ़ है।
प्रदूषण स्रोतों पर नियंत्रण
गोमती में अपशिष्ट गिराने वाले 39 प्रमुख नालों की पहचान की गई है, जिनमें से 13 नालों से अब भी असंसाधित सीवेज गिरता है—इनका प्राथमिकता के आधार पर इंटरसेप्शन और ट्रीटमेंट किया जाएगा। साथ ही अवैध अतिक्रमण हटाना, नदी तटों की रिक्लेमेशन और प्राकृतिक चौड़ाई बहाल करना शामिल है, ताकि जैविक प्रदूषण घटे, घुलित ऑक्सीजन स्तर बढ़े और हाइड्रोलॉजिकल फ्लो सुचारु रहे।
पारिस्थितिक बहाली और सौंदर्यीकरण
पारितंत्र पुनर्जीवन के लिए लखनऊ में एकाना वेटलैंड और साजन लेक जैसे नए वेटलैंड्स विकसित किए जा रहे हैं। ये जैव विविधता बढ़ाएंगे, भूजल पुनर्भरण में सहायक होंगे और कार्बन सिंक का काम करेंगे। तटों पर प्लांटेशन ड्राइव, घाट सौंदर्यीकरण और ग्रीन बेल्ट विकास से नदी का सौंदर्य बढ़ेगा और शहरी इको–टूरिज़्म को बढ़ावा मिलेगा।
शासन और निगरानी तंत्र
NMCG के अंतर्गत एक समर्पित गोमती टास्क फोर्स गठित की गई है, जिसमें विशेषज्ञ, विभागीय अधिकारी और पर्यावरणविद शामिल हैं। मासिक समीक्षा और त्रैमासिक रिपोर्ट के जरिए पारदर्शिता व जवाबदेही सुनिश्चित की जा रही है। मुख्यमंत्री कार्यालय सीधे प्रगति की निगरानी कर रहा है ताकि समयबद्ध क्रियान्वयन हो।
स्थैतिक तथ्य: इसी तरह की नमामि गंगे कार्यक्रम की शुरुआत 2014 में गंगा एवं उसकी सहायक नदियों की स्वच्छता और संरक्षण के लिए की गई थी।
वित्तपोषण और उपकरण सहायता
राज्य सरकार ने मिशन के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराए हैं। ट्रैक बोट्स, फ्लोटिंग बैरियर्स, एक्स्कावेटर्स जैसी विशेष मशीनरी कचरा व मलबा हटाने के लिए तैनात की जाएगी, ताकि निरंतर सफाई और दीर्घकालिक टिकाऊपन सुनिश्चित हो सके।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
मिशन का नाम | Gomti Rejuvenation Mission |
शुरू करने वाली संस्था | उत्तर प्रदेश सरकार |
लॉन्च तिथि | अक्टूबर 2025 |
आच्छादित नदी | गोमती नदी (पीलीभीत से गाज़ीपुर) |
सीवेज इंटरसेप्शन लक्ष्य | शहरी सीवेज का 95% |
वर्तमान STP क्षमता | 605 MLD |
कुल प्रमुख नाले | 39 (13 असंसाधित) |
निगरानी निकाय | NMCG के अंतर्गत Gomti Task Force |
प्रमुख वेटलैंड्स | एकाना वेटलैंड, साजन लेक |
पर्यवेक्षण विभाग | जल शक्ति मंत्रालय |