वैश्विक यात्रा स्वतंत्रता का नया परिदृश्य
हेनली पासपोर्ट इंडेक्स 2025 के अनुसार सिंगापुर दुनिया का सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट बना हुआ है, जो 193 देशों में वीज़ा-फ्री यात्रा की अनुमति देता है। यह रैंकिंग वैश्विक गतिशीलता, कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के रुझानों को दर्शाती है। यह सूचकांक हेनली एंड पार्टनर्स (Henley & Partners) द्वारा तैयार किया जाता है और इसमें अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (IATA) के डेटा का उपयोग किया जाता है ताकि यह आंका जा सके कि नागरिक कितनी स्वतंत्रता से यात्रा कर सकते हैं।
स्थैतिक तथ्य: हेनली पासपोर्ट इंडेक्स पहली बार 2006 में लॉन्च किया गया था और इसे तिमाही आधार पर अपडेट किया जाता है।
सिंगापुर ने फिर से शीर्ष स्थान हासिल किया
सिंगापुर ने 2025 में जापान और दक्षिण कोरिया को पीछे छोड़ते हुए अपनी शीर्ष स्थिति पुनः प्राप्त की। इसके मजबूत राजनयिक संबंधों और रणनीतिक वीज़ा समझौतों ने इसे सबसे यात्रा-अनुकूल देश बना दिया है। दक्षिण कोरिया 190 और जापान 189 वीज़ा-फ्री गंतव्यों के साथ क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं, जो एशिया की वैश्विक यात्रा स्वतंत्रता में बढ़ती ताकत को दर्शाते हैं।
स्थैतिक टिप: सिंगापुर का चांगी एयरपोर्ट कई बार दुनिया के सर्वश्रेष्ठ हवाई अड्डों में शामिल रहा है, जिससे उसकी अंतरराष्ट्रीय गतिशीलता की प्रतिष्ठा और मजबूत हुई है।
पश्चिमी शक्तियों की गिरावट
संयुक्त राज्य अमेरिका पहली बार शीर्ष 10 से बाहर होकर 12वें स्थान पर आ गया, जबकि यूनाइटेड किंगडम 8वें स्थान पर खिसक गया, जो अब तक की उसकी सबसे निम्न स्थिति है। विश्लेषकों के अनुसार, यह गिरावट कड़े आव्रजन नियंत्रण, कम वैश्विक पारस्परिकता, और परिवर्तित कूटनीतिक नीतियों के कारण हुई है।
इसके विपरीत, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) 8वें स्थान पर पहुंच गया, जो मध्य पूर्व की बढ़ती कूटनीतिक ताकत और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का प्रतीक है।
स्थैतिक तथ्य: अमेरिकी पासपोर्ट 2014 में विश्व में नंबर 1 स्थान पर था, जो दर्शाता है कि एक दशक में वैश्विक गतिशीलता के रुझान कितनी तेजी से बदल सकते हैं।
भारत की स्थिति और क्षेत्रीय तुलना
भारत का पासपोर्ट 2025 में 5 स्थान गिरकर 85वें स्थान पर पहुंच गया है, जो 59 देशों में वीज़ा-फ्री पहुंच प्रदान करता है। यह गिरावट सुरक्षा चिंताओं और सीमित वीज़ा पारस्परिकता समझौतों से जुड़ी है। भारत की अब तक की सबसे अच्छी रैंकिंग 2006 में 71वीं थी।
पड़ोसी देशों की स्थिति भी समान रही — चीन (64वां), भूटान (89वां), श्रीलंका (96वां), नेपाल (98वां), और पाकिस्तान (106वां)। यह तुलना क्षेत्रीय कूटनीतिक पहुंच और गतिशीलता की ताकत में अंतर को दर्शाती है।
स्थैतिक टिप: भारतीय पासपोर्ट विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है और पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम (2010) के तहत प्रबंधित होता है।
व्यापक वैश्विक प्रवृत्तियाँ
2025 के इंडेक्स से पता चलता है कि एशिया वैश्विक पासपोर्ट शक्ति पर हावी है। UAE की प्रगति और चीन की स्थिर सुधार प्रवृत्ति यह दर्शाती है कि आर्थिक कूटनीति अब वैश्विक गतिशीलता का प्रमुख आधार बन चुकी है।
वहीं, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे पश्चिमी देशों की गिरती रैंकिंग यह संकेत देती है कि दुनिया क्षेत्रीय सहयोग और चयनात्मक सीमा नीतियों की ओर बढ़ रही है, जिन पर महामारी के बाद के भू–राजनीतिक बदलावों का प्रभाव पड़ा है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
जारी करने वाला संस्थान | हेनली एंड पार्टनर्स (Henley & Partners) |
डेटा स्रोत | अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (IATA) |
2025 में शीर्ष स्थान | सिंगापुर – 193 वीज़ा-फ्री गंतव्य |
भारत की रैंक 2025 | 85 |
भारत की रैंक 2024 | 80 |
भारत की सर्वश्रेष्ठ रैंक | 71 (2006) |
भारत की न्यूनतम रैंक | 90 (2021) |
अमेरिका की रैंक 2025 | 12 |
ब्रिटेन की रैंक 2025 | 8 |
चीन की रैंक 2025 | 64 |
भारत के वीज़ा-फ्री देशों की संख्या | 59 |
हेनली पासपोर्ट इंडेक्स का पहला संस्करण | 2006 |
भारतीय पासपोर्ट प्रबंधित करने वाला मंत्रालय | विदेश मंत्रालय |
वैश्विक प्रवृत्ति | एशिया की कूटनीतिक और गतिशीलता में बढ़ती प्रभुत्व |