पहला IUCN ग्रीन स्टेटस मूल्यांकन
अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) ने बाघ (Panthera tigris) के लिए पहला ग्रीन स्टेटस मूल्यांकन (Green Status Assessment) जारी किया है।
इस रिपोर्ट में बाघ को “गंभीर रूप से घटित (Critically Depleted)” श्रेणी में रखा गया है, जो जनसंख्या में भारी गिरावट और लगातार बने हुए खतरों को दर्शाता है।
ग्रीन स्टेटस, IUCN रेड लिस्ट का पूरक है — यह केवल विलुप्ति के जोखिम को नहीं, बल्कि किसी प्रजाति की पुनर्प्राप्ति (Recovery) की प्रगति को भी मापता है।
इसका उद्देश्य संरक्षण की सफलताओं को पहचानना और वे क्षेत्र चिन्हित करना है जहाँ तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।
ग्रीन स्टेटस फ्रेमवर्क को समझना
ग्रीन स्टेटस फ्रेमवर्क को 2012 में लॉन्च किया गया था और 2020 में आधिकारिक रूप से IUCN रेड लिस्ट में एकीकृत किया गया।
यह किसी प्रजाति की पुनर्प्राप्ति प्रगति (Recovery Progress) को मापता है — जैसे कि वह अपने ऐतिहासिक क्षेत्र (Historical Range) का कितना हिस्सा अभी भी घेरती है और क्या वह अपने पारिस्थितिकीय कार्यों (Ecological Roles) को निभा रही है या नहीं।
इस पुनर्प्राप्ति को “ग्रीन स्कोर (Green Score)” के माध्यम से मापा जाता है, जो 0% से 100% तक होता है — जहाँ 100% पूर्ण पुनर्प्राप्ति (Full Recovery) को दर्शाता है।
इस ढाँचे में कई श्रेणियाँ होती हैं — जैसे Largely Depleted, Moderately Depleted, Slightly Depleted, और Fully Recovered।
स्थैतिक जीके तथ्य: IUCN रेड लिस्ट का पहला संस्करण 1964 में प्रकाशित हुआ था। यह विश्वभर की जैविक प्रजातियों की संरक्षण स्थिति का सबसे व्यापक वैश्विक डेटाबेस है।
बाघ मूल्यांकन के प्रमुख निष्कर्ष
वर्तमान में परिपक्व (mature) बाघों की अनुमानित संख्या 2,608–3,905 के बीच है, और यह संख्या लगातार घट रही है।
24 आंकी गई क्षेत्रों में से 9 में बाघ अब विलुप्त (Regionally Extinct) हो चुके हैं, जो क्षेत्रीय स्तर पर व्यापक हानि को दर्शाता है।
फिर भी, रिपोर्ट में उच्च संरक्षण विरासत (High Conservation Legacy) और मध्यम पुनर्प्राप्ति क्षमता (Medium Recovery Potential) बताई गई है — यह संकेत है कि भारत और नेपाल जैसे देशों में संरक्षण प्रयासों से मापनीय सफलता मिली है।
स्थैतिक जीके टिप: भारत का प्रोजेक्ट टाइगर (Project Tiger), 1973 में शुरू किया गया था, और यह विश्व के सबसे सफल वन्यजीव संरक्षण अभियानों में से एक माना जाता है।
बाघों के लिए प्रमुख खतरे
मुख्य खतरे हैं —
- आवास हानि (Habitat Loss)
- शिकार और अवैध वन्यजीव व्यापार (Poaching & Illegal Trade)
- शिकार प्रजातियों की कमी (Prey Depletion)
- वनों का विखंडन (Habitat Fragmentation)
मानव बस्तियों के विस्तार और सीमाओं के भीतर पर्यावरणीय गलियारों की अनुपस्थिति ने कई क्षेत्रों में स्थानीय विलुप्ति (Regional Extinction) को जन्म दिया है।
हालाँकि, बढ़ी हुई निगरानी (Surveillance) और आवास पुनर्स्थापन (Habitat Restoration) से कुछ क्षेत्रों में धीरे-धीरे सुधार हुआ है।
वैश्विक बाघ संरक्षण में भारत की भूमिका
भारत के पास विश्व के लगभग 75% जंगली बाघों की आबादी है — जिससे यह वैश्विक बाघ संरक्षण प्रयासों का केंद्र (Epicenter) बन गया है।
प्रमुख बाघ आवासों में जिम कॉर्बेट, सुंदरबन, रणथंभौर, बांधवगढ़ और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान शामिल हैं।
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 (Wildlife Protection Act, 1972) के तहत बाघ को अनुसूची–I (Schedule I) में रखा गया है, जिससे इसे सर्वोच्च कानूनी सुरक्षा प्राप्त है।
इसके अलावा, CITES के परिशिष्ट–I (Appendix I) के अंतर्गत बाघों के अंगों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर पूर्ण प्रतिबंध है।
स्थैतिक जीके तथ्य: ग्लोबल टाइगर फोरम (GTF) की स्थापना 1994 में की गई थी — यह दुनिया की एकमात्र अंतर-सरकारी संस्था है जो जंगली बाघों के संरक्षण के लिए समर्पित है।
आगे की राह
ग्रीन स्कोर में सुधार के लिए देशों को चाहिए कि वे —
- आवास कनेक्टिविटी (Habitat Connectivity) को मजबूत करें,
- शिकार-रोधी निगरानी (Anti-Poaching Surveillance) बढ़ाएँ,
- और सीमापार सहयोगी संरक्षण पहलों (Transboundary Conservation Initiatives) को सशक्त करें।
केवल साझा वैश्विक प्रयास (Collaborative Global Action) से ही बाघ को “Critically Depleted” से “Recovering Species” की दिशा में आगे बढ़ाया जा सकता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
IUCN द्वारा बाघ की ग्रीन स्थिति | “गंभीर रूप से घटित (Critically Depleted)” घोषित |
वर्तमान अनुमानित जनसंख्या | 2,608–3,905 परिपक्व बाघ |
जनसंख्या प्रवृत्ति (Trend) | घटती हुई (Decreasing) |
IUCN रेड लिस्ट श्रेणी | संकटग्रस्त (Endangered) |
ग्रीन स्टेटस की शुरुआत का वर्ष | 2012 (2020 में एकीकृत) |
पुनर्प्राप्ति क्षमता (Recovery Potential) | मध्यम (Medium) |
संरक्षण विरासत (Conservation Legacy) | उच्च (High) |
विलुप्त क्षेत्रीय क्षेत्र | 24 में से 9 क्षेत्र |
भारत का वैश्विक बाघ योगदान | लगभग 75% जंगली बाघ भारत में |
कानूनी सुरक्षा | अनुसूची-I (वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972), CITES परिशिष्ट-I |