भारत की संसदीय कूटनीति को नई ऊँचाइयाँ
भारत की संसदीय कूटनीति ने ब्रिजटाउन, बारबाडोस में आयोजित 68वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन (2025) के दौरान एक नई ऊँचाई हासिल की।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया और बारबाडोस, ऑस्ट्रेलिया, जमैका और जाम्बिया के नेताओं के साथ बातचीत की।
उनकी भागीदारी ने राष्ट्रमंडल देशों के बीच लोकतांत्रिक सहयोग और समावेशी शासन को बढ़ावा देने में भारत की बढ़ती भूमिका को उजागर किया।
स्थैतिक जीके तथ्य: कॉमनवेल्थ पार्लियामेंटरी एसोसिएशन (CPA) की स्थापना 1911 में हुई थी और वर्तमान में इसके 180 शाखाएँ विश्वभर में कार्यरत हैं।
भारत-बारबाडोस संबंधों को सशक्त बनाना
ओम बिरला की बारबाडोस की नेशनल असेंबली की यात्रा भारत-बारबाडोस संबंधों में ऐतिहासिक क्षण साबित हुई।
उन्हें हाउस ऑफ असेंबली के स्पीकर आर्थर होल्डर ने स्वागत किया।
इस मुलाकात का प्रमुख आकर्षण था वह स्पीकर की चेयर, जो भारत ने 1966 में उपहार में दी थी — यह कुर्सी भारतीय सागौन की लकड़ी से बनी है और दोनों देशों की मित्रता का प्रतीक मानी जाती है।
बैठक में लोकतांत्रिक आदान-प्रदान, संसदीय सहयोग और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा हुई।
स्थैतिक जीके टिप: बारबाडोस ने 1966 में यूनाइटेड किंगडम से स्वतंत्रता प्राप्त की, उसी वर्ष भारत ने स्पीकर की कुर्सी भेंट की थी।
विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार
दोनों देशों ने शिक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा, संस्कृति और संसदीय प्रशिक्षण जैसे क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाएँ पहचानीं।
ओम बिरला ने बारबाडोस में भारतीय प्रवासी समुदाय से भारतीय भाषाओं को संरक्षित करने और दीवाली, होली जैसे त्योहारों को मनाने का आग्रह किया, ताकि सांस्कृतिक पहचान जीवित रहे।
स्थैतिक जीके तथ्य: बारबाडोस में लगभग 4,000 भारतीय मूल के लोग रहते हैं, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था और संस्कृति का सक्रिय हिस्सा हैं।
भारत का वैश्विक नवाचार और नेतृत्व
सम्मेलन के दौरान, ओम बिरला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की तकनीकी और नवाचार क्षमता को रेखांकित किया।
उन्होंने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और डिजिटल नवाचार पर भारत की प्रगति पर चर्चा की।
उन्होंने क्रिकेट को भारत और बारबाडोस के बीच सांस्कृतिक एकता का सेतु बताया, जो दोनों देशों के लोगों को खेल भावना और भाईचारे के माध्यम से जोड़ता है।
स्थैतिक जीके टिप: बारबाडोस में “केनसिंग्टन ओवल” नामक क्रिकेट मैदान स्थित है, जो कैरेबियन के सबसे पुराने मैदानों में से एक (1882 में स्थापित) है।
द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहभागिता
ओम बिरला ने ऑस्ट्रेलिया की सू लाइन्स, जमैका की जूलियट होलनेस, और जाम्बिया की नेली मुट्टी के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं।
बैठकों में रक्षा सहयोग, व्यापार, नवीकरणीय ऊर्जा और प्रौद्योगिकी एकीकरण जैसे विषयों पर चर्चा हुई।
उन्होंने नेताओं को जनवरी 2026 में नई दिल्ली में होने वाले 28वें कॉन्फ्रेंस ऑफ स्पीकर्स एंड प्रेज़ाइडिंग ऑफिसर्स ऑफ द कॉमनवेल्थ (CSPOC) में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया।
आर्थर होल्डर के साथ वार्ता के दौरान दोनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र (UN), G-77, और CARICOM जैसे बहुपक्षीय मंचों में सहयोग को मज़बूत करने पर सहमति व्यक्त की, ताकि एआई-आधारित शासन और नागरिक-केंद्रित डिजिटल सुधारों को बढ़ावा दिया जा सके।
स्थैतिक जीके तथ्य: G-77 (ग्रुप ऑफ 77) की स्थापना 1964 में विकासशील देशों के साझा आर्थिक हितों को बढ़ावा देने के लिए की गई थी।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
कार्यक्रम | 68वां राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन, ब्रिजटाउन, बारबाडोस (2025) |
भारतीय प्रतिनिधि | ओम बिरला, लोकसभा अध्यक्ष |
मेज़बान देश का स्पीकर | आर्थर होल्डर, हाउस ऑफ असेंबली स्पीकर, बारबाडोस |
भारत का बारबाडोस को उपहार वर्ष | 1966 – भारतीय सागौन की लकड़ी से बनी स्पीकर की कुर्सी |
सहयोग के प्रमुख क्षेत्र | शिक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा, संस्कृति, प्रौद्योगिकी |
बहुपक्षीय मंच | संयुक्त राष्ट्र (UN), G-77, CARICOM |
आगामी सम्मेलन | 28वां CSPOC, नई दिल्ली, जनवरी 2026 |
क्रिकेट संबंध | भारत और बारबाडोस के बीच साझा सांस्कृतिक प्रतीक |
भारतीय प्रवासी समुदाय की भूमिका | सांस्कृतिक और भाषाई विरासत को सुदृढ़ करना |
भारत का वैश्विक फोकस | एआई, डिजिटल नवाचार, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी |