अक्टूबर 17, 2025 3:11 पूर्वाह्न

सिद्दी जनजातीय समुदाय ने 72 प्रतिशत साक्षरता दर हासिल की

वर्तमान घटनाएँ: सिद्दी जनजाति, PVTG, साक्षरता दर, भारत के राष्ट्रपति, जनजातीय उत्थान, गुजरात, कर्नाटक, अनुसूचित जनजाति, जूनागढ़, धमाल नृत्य

Siddi Tribal Community Marks 72 Percent Literacy Milestone

सिद्दियों में बढ़ती साक्षरता

सिद्दी जनजाति समुदाय, जो एक विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTG) है, ने 72% साक्षरता दर हासिल की है — यह उपलब्धि हाल ही में भारत के राष्ट्रपति द्वारा सराही गई।
यह मील का पत्थर जनजातीय शिक्षा और सामाजिक समावेशन के नए अध्याय का प्रतीक है, जो दर्शाता है कि नीतिगत हस्तक्षेप और स्थानीय प्रयास कैसे हाशिये पर बसे समुदायों के जीवन को बदल सकते हैं।

उत्पत्ति और पहचान

सिद्दी समुदाय की जड़ें पूर्वी अफ्रीका के बंटू लोगों (Bantu people) से जुड़ी हैं, जो भारत में दो ऐतिहासिक तरंगों के माध्यम से आए —
पहली बार 7वीं शताब्दी में अरब व्यापारियों के साथ, और दूसरी बार 16वीं शताब्दी में पुर्तगाली ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के दौरान।
समय के साथ, उन्होंने भारतीय समाज में एकीकृत होते हुए अपनी विशिष्ट अफ्रीकी सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित रखा।
स्थैतिक जीके तथ्य:Siddi” शब्द अरबी उपाधि “Sayyid” से निकला माना जाता है, जो ऐतिहासिक रूप से अफ्रीकी नाविकों और सैनिकों के लिए प्रयुक्त होता था।

वितरण और जनसांख्यिकी

वर्तमान में सिद्दी जनजाति मुख्यतः गुजरात (जूनागढ़ गिर क्षेत्र), कर्नाटक (उत्तर कन्नड़ जिला), महाराष्ट्र, और तेलंगाना में निवास करती है।
इनकी जनसंख्या सीमित है और अधिकांश वन क्षेत्रों या दूरदराज़ के इलाकों में केंद्रित है।
स्थैतिक जीके तथ्य: भारत में 18 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश में कुल 75 PVTGs आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त हैं।

मान्यता और कानूनी संरक्षण

भारत सरकार ने 2003 में सिद्दियों को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिया।
बाद में इन्हें PVTG सूची में शामिल किया गया, जिससे इन्हें शिक्षा, आजीविका और स्वास्थ्य पर केंद्रित केंद्रीय योजनाओं का लाभ मिला।
यह मान्यता सामाजिक-आर्थिक असमानताओं को पाटने की दिशा में निर्णायक कदम है।

सांस्कृतिक समृद्धि

सिद्दी समुदाय ने अफ्रीकी और भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं का अद्वितीय मिश्रण संजोया है।
इनकी लोक-कलाओं में विशेष रूप से धमाल नृत्य और रसदा प्रमुख हैं।
इन कलाओं की विशेषता लयबद्ध गतियों, ढोलक की ताल और सामुदायिक ऊर्जा में झलकती है।
स्थैतिक जीके टिप: धमाल नृत्य मुख्यतः गुजरात के सामुदायिक उत्सवों में किया जाता है।

भाषा और आजीविका

सिद्दी लोग अपने क्षेत्र के अनुसार कोंकणी, उर्दू और मराठी भाषाएँ बोलते हैं।
उनकी पारंपरिक आजीविका कृषि, श्रम कार्य और वन-आधारित संसाधनों पर निर्भर रही है।
हाल के वर्षों में सरकारी कौशल विकास कार्यक्रमों ने कई सिद्दियों को औपचारिक शिक्षा और रोज़गार से जोड़ने में मदद की है।

साक्षरता उपलब्धि का महत्व

72% साक्षरता दर प्राप्त करना एक ऐतिहासिक परिवर्तन है, जो इस समुदाय की मुख्यधारा शिक्षा में भागीदारी को रेखांकित करता है।
यह प्रगति दर्शाती है—
• सिद्दी बच्चों में स्कूल नामांकन में वृद्धि
समावेशी शिक्षा योजनाओं की सफलता
स्थानीय शासन रोजगार में बढ़ती भागीदारी
यह उपलब्धि सिद्दियों की सामाजिक गतिशीलता, आर्थिक स्थिरता, और राष्ट्रीय विकास में एकीकरण को मजबूत करती है।
स्थैतिक जीके तथ्य: जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत PVTGs विकास योजना (Development of PVTGs Scheme) आवास, शिक्षा और स्वास्थ्य पर केंद्रित है।

स्थैतिक “Usthadian” वर्तमान घटनाओं की सारणी

विषय विवरण
समुदाय का नाम सिद्दी
उत्पत्ति पूर्वी अफ्रीका के बंटू लोग
भारत में आगमन 7वीं सदी (अरब व्यापारी), 16वीं सदी (पुर्तगाली/ब्रिटिश काल)
जनजातीय स्थिति अनुसूचित जनजाति (2003), PVTG (जनजातीय कार्य मंत्रालय के अंतर्गत)
प्रमुख राज्य गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना
भाषाएँ कोंकणी, उर्दू, मराठी
प्रमुख सांस्कृतिक तत्व धमाल नृत्य, रसदा लोक परंपरा
साक्षरता दर 72% (2025)
केंद्रीय योजना Development of PVTGs Scheme
मान्यता साक्षरता उपलब्धि पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा सराहना
Siddi Tribal Community Marks 72 Percent Literacy Milestone
  1. सिद्दी जनजाति, एक निजी जनजाति समूह, 2025 में 72% साक्षरता दर प्राप्त करेगी।
  2. भारत के राष्ट्रपति द्वारा मान्यता प्राप्त और प्रशंसित।
  3. सिद्दी पूर्वी अफ्रीका के बंटू लोगों के वंशज हैं।
  4. 7वीं शताब्दी (अरब व्यापारियों) और 16वीं शताब्दी (औपनिवेशिक युग) में भारत आए।
  5. मुख्यतः गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना में निवास करते हैं।
  6. 2003 में आधिकारिक तौर पर अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता प्राप्त।
  7. जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा निजी जनजाति समूह सूची में शामिल।
  8. धमाल और रसड़ा नृत्यों के माध्यम से सांस्कृतिक पहचान बनाए रखते हैं।
  9. धमाल नृत्य अफ्रीकी मूल की लय और सामुदायिक भावना का प्रतिनिधित्व करता है।
  10. क्षेत्र के आधार पर कोंकणी, उर्दू और मराठी बोलते हैं।
  11. पारंपरिक रूप से कृषि और वन-आधारित आजीविका पर निर्भर हैं।
  12. सरकारी पहलों ने शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा दिया।
  13. साक्षरता का यह पड़ाव स्कूल नामांकन और सामाजिक समावेशन में सुधार दर्शाता है।
  14. पीवीटीजी विकास योजना की सफलता को दर्शाता है।
  15. आर्थिक स्थिरता और स्थानीय शासन की भागीदारी को बढ़ाता है।
  16. भारत में 18 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश में 75 पीवीटीजी की पहचान की गई है।
  17. मान्यता से स्वास्थ्य सेवा और आवास लाभों तक पहुँच में सुधार होता है।
  18. सिद्दी अफ्रीकी और भारतीय विरासत का एक अनूठा मिश्रण प्रदर्शित करते हैं।
  19. प्रगति जनजातीय सशक्तिकरण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
  20. जनजातीय साक्षरता और समावेशन में एक ऐतिहासिक कदम है।

Q1. सिद्दी जनजाति (Siddi Tribe) को भारत में किस श्रेणी में मान्यता प्राप्त है?


Q2. सिद्दी जनजाति अपनी वंशावली (Ancestry) किस क्षेत्र से जोड़ती है?


Q3. वर्तमान में भारत के किन राज्यों में सिद्दी समुदाय की सर्वाधिक जनसंख्या पाई जाती है?


Q4. सिद्दी समुदाय का पारंपरिक नृत्य कौन-सा है?


Q5. वर्ष 2025 में सिद्दी समुदाय की साक्षरता दर (Literacy Rate) कितनी दर्ज की गई?


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