ग्रामीण समृद्धि को बढ़ावा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 अक्टूबर 2025 को प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना (PMDDKY) और मिशन फॉर आत्मनिर्भरता इन पल्सेस (Mission for Aatmanirbharta in Pulses) की शुरुआत की।
₹42,000 करोड़ से अधिक के संयुक्त निवेश वाली ये पहलें भारत की कृषि क्रांति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हैं।
इनका लक्ष्य 100 पिछड़े कृषि जिलों में उत्पादकता बढ़ाना, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना है।
स्थैतिक जीके तथ्य: यह योजना नई दिल्ली में भारत की “आत्मनिर्भर कृषि (Aatmanirbhar Krishi)” की दृष्टि के तहत शुरू की गई।
प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना के प्रमुख उद्देश्य
₹24,000 करोड़ के बजट और 6 वर्षों की अवधि के साथ PMDDKY का उद्देश्य 100 कृषि दृष्टि से पिछड़े जिलों का रूपांतरण है।
यह योजना 11 मंत्रालयों की 36 मौजूदा योजनाओं को एकीकृत कर एक एकीकृत कृषि विकास ढाँचा (Unified Agricultural Development Framework) तैयार करती है।
योजना की प्राथमिकताएँ:
• सिंचाई अवसंरचना में सुधार
• फसल विविधीकरण और मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन
• कृषि ऋण और बीमा तक पहुँच
• कटाई के बाद प्रबंधन और भंडारण सुविधाएँ
प्रत्येक जिला अपनी स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार जिला कृषि योजना (District Agriculture Plan) तैयार करेगा।
डिजिटल डैशबोर्ड के माध्यम से मासिक समीक्षा की जाएगी, जिसमें 117 जिला-स्तरीय संकेतकों (Indicators) से पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी।
स्थैतिक जीके टिप: भारत में 700 से अधिक जिले हैं, और इस प्रकार की लक्षित योजनाएँ विभिन्न क्षेत्रों के बीच उत्पादकता अंतर को कम करने के लिए शुरू की जाती हैं।
दालों में आत्मनिर्भरता मिशन
PMDDKY के साथ शुरू किया गया यह मिशन ₹11,440 करोड़ के बजट के साथ 6 वर्षों तक चलेगा।
इसका लक्ष्य वित्त वर्ष 2030–31 तक 350 लाख टन दाल उत्पादन प्राप्त करना और आयात निर्भरता को कम करना है।
मुख्य पहलें:
• 88 लाख मुफ्त बीज किट का वितरण
• 1,000 नए दाल प्रसंस्करण केंद्रों की स्थापना
• तूर, उड़द और मसूर की खेती का विस्तार
• NAFED और NCCF के माध्यम से MSP आधारित खरीद प्रणाली को मजबूत बनाना
यह मिशन न केवल घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देता है, बल्कि देश के करोड़ों परिवारों के लिए प्रोटीन सुरक्षा (Protein Security) भी सुनिश्चित करता है।
स्थैतिक जीके तथ्य: भारत दुनिया का सबसे बड़ा दाल उत्पादक और उपभोक्ता देश है, लेकिन अभी भी अपनी कुल आवश्यकता का 10–15% आयात करता है।
प्रभाव और कृषि उपलब्धियाँ
दोनों योजनाएँ मिलकर किसानों को पिछड़े क्षेत्रों में उन्नति के अवसर प्रदान करेंगी, साथ ही खाद्य और पोषण सुरक्षा, और जलवायु अनुकूल कृषि (Climate-Resilient Agriculture) को बढ़ावा देंगी।
सरकार का लक्ष्य किसानों को आधुनिक मूल्य श्रृंखला (Value Chain) से जोड़कर तकनीक-संचालित कृषि पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करना है।
2014 के बाद से भारत की कृषि में प्रमुख प्रगति:
• खाद्यान्न उत्पादन में 90 मिलियन मीट्रिक टन की वृद्धि
• बागवानी उत्पादन में 640 लाख मीट्रिक टन की वृद्धि
• दूध उत्पादन में भारत वैश्विक स्तर पर प्रथम स्थान पर
• मत्स्य उत्पादन में भारत विश्व में दूसरा स्थान पर
• 25 करोड़ से अधिक मृदा स्वास्थ्य कार्ड (Soil Health Cards) वितरित किए गए
स्थैतिक जीके टिप: मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना 2015 में शुरू की गई थी ताकि मिट्टी के पोषक तत्वों की स्थिति का मूल्यांकन कर उर्वरक के कुशल उपयोग को सुनिश्चित किया जा सके।
स्थैतिक “Usthadian” वर्तमान घटनाओं की सारणी
विषय | विवरण |
योजना का नाम | प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना (PMDDKY) |
लॉन्च तिथि | 12 अक्टूबर 2025 |
घोषणा करने वाले | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी |
कुल बजट | ₹24,000 करोड़ (PMDDKY) + ₹11,440 करोड़ (पल्सेस मिशन) |
कार्यान्वयन अवधि | 2025–2031 |
लक्षित जिले | 100 कृषि दृष्टि से पिछड़े जिले |
उद्देश्य | उत्पादकता बढ़ाना, आत्मनिर्भरता बढ़ाना, ग्रामीण अवसंरचना को सुदृढ़ करना |
दाल उत्पादन लक्ष्य | 2030–31 तक 350 लाख टन |
कार्यान्वयन मंत्रालय | 11 मंत्रालय (36 योजनाओं का एकीकरण) |
प्रमुख एजेंसियाँ | NAFED और NCCF (MSP आधारित खरीद हेतु) |