अक्टूबर 14, 2025 8:37 पूर्वाह्न

मेरा होउ चोंगबा मणिपुर को सद्भाव के उत्सव में एकजुट करता है

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Mera Hou Chongba Unites Manipur in Celebration of Harmony

एकता का उत्सव

मणिपुर ने हाल ही में मेरा हाउ चोंगबा का भव्य उत्सव मनाया — यह एक पारंपरिक पर्व है जो पहाड़ी जनजातियों और मैदानी निवासियों की एकता का प्रतीक है।
यह उत्सव प्रतिवर्ष मीतई कैलेंडर के मेरा माह की 15वीं चंद्र तिथि को मनाया जाता है और राज्य के सभी स्वदेशी समुदायों के भाईचारे और सहअस्तित्व की गहरी भावना को उजागर करता है।

इस वर्ष का समारोह इंफाल के राजमहल (सना कोनुंग) में आयोजित हुआ, जहाँ महाराजा सनाजाओबा लैशेम्बा, जो मणिपुर के शासक परिवार के वंशज और राज्यसभा सांसद हैं, ने जनजातीय प्रमुखों और मैदानी प्रतिनिधियों का स्वागत किया।

स्थिर सामान्य ज्ञान तथ्य: मीतई कैलेंडर उत्तरपूर्वी भारत के सबसे प्राचीन चंद्र कैलेंडरों में से एक है, जिसका उपयोग कृषि और सांस्कृतिक पर्वों को चिह्नित करने के लिए किया जाता है।

अनुष्ठान और समारोह

दिन की शुरुआत सना कोनुंग में पवित्र अनुष्ठानों से हुई, जिसके बाद राजा और जनजातीय नेताओं के नेतृत्व में एक शोभायात्रा कंगला (मणिपुर की प्राचीन राजधानी) तक निकाली गई।
मुख्य आकर्षणों में शामिल थे —
मेरा मेन टोंगबा (Mera Men Tongba): पवित्र पेय अर्पण की रस्म
येनखोंग ताम्बा (Yenkhong Tamba): एकता का प्रतीकात्मक प्रदर्शन
उपहारों का आदान-प्रदान: पहाड़ी और मैदानी समुदायों के बीच सद्भाव का प्रतीक

इन अनुष्ठानों ने परस्पर सम्मान, विश्वास और एकजुटता की भावना को जीवंत किया।
उत्सव का समापन लोक नृत्यों, संगीत प्रस्तुतियों और सामूहिक भोजों के साथ हुआ, जिसने सभी जातीय समूहों को शांति और आनंद के वातावरण में एक साथ जोड़ा।

स्थिर सामान्य ज्ञान टिप: कंगला किला मणिपुर के प्राचीन राजाओं की राजधानी रहा है और आज भी मीतई विरासत का प्रतीक है।

सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व

मेरा हाउ चोंगबा मणिपुर के विविध सांस्कृतिक परिदृश्य में एक अनूठा स्थान रखता है, क्योंकि यह राज्य का एकमात्र पर्व है जिसे सभी स्वदेशी समुदाय मिलकर मनाते हैं।
यह उत्सव जातीय सीमाओं को पार कर मणिपुरी समाज की साझा पहचान और एकता की भावना को सशक्त करता है।

हाल के वर्षों में, अंतर-समुदायिक तनावों के बाद सामाजिक सद्भाव को मजबूत करने के प्रयासों के बीच इस उत्सव का महत्व और बढ़ा है।
मेरा हाउ चोंगबा पारंपरिक सुलह और पुनर्मिलन की प्रथाओं को पुनर्जीवित करते हुए शांति निर्माण और सांस्कृतिक संवाद का जीवंत उदाहरण बन गया है।

स्थिर सामान्य ज्ञान तथ्य: इस पर्व की उत्पत्ति राजा नोंगदा लैरेन पाखांगबा के शासनकाल (1वीं सदी ईस्वी) से मानी जाती है, जिन्हें मणिपुर के प्रारंभिक ऐतिहासिक शासकों में गिना जाता है।

परंपरा के माध्यम से एकता की रक्षा

मेरा हाउ चोंगबा का निरंतर आयोजन मणिपुर की संयोजित सांस्कृतिक विरासत की दृढ़ता को दर्शाता है।
यह लोगों को याद दिलाता है कि विविधता में एकता केवल एक विचार नहीं, बल्कि एक जीवंत सांस्कृतिक मूल्य है।
पहाड़ी और मैदानी समुदायों की साझा भागीदारी आपसी सम्मान और साझा नियति का प्रतीक है, जिससे यह पर्व आधुनिक मणिपुर में एक सांस्कृतिक और भावनात्मक सेतु बन गया है।

स्थिर “Usthadian” वर्तमान घटनाएँ सारणी

विषय (Topic) विवरण (Detail)
उत्सव का नाम मेरा हाउ चोंगबा
मनाए जाने का दिन मीतई कैलेंडर के मेरा माह की 15वीं चंद्र तिथि
स्थान इंफाल – सना कोनुंग से कंगला तक
प्रमुख नेता महाराजा सनाजाओबा लैशेम्बा
सांस्कृतिक विषय पहाड़ी-मैदानी एकता और सामुदायिक सद्भाव
प्रमुख अनुष्ठान मेरा मेन टोंगबा, येनखोंग ताम्बा, उपहारों का आदान-प्रदान
प्रतिभागी स्वदेशी पहाड़ी और मैदानी समुदाय
प्राचीन उत्पत्ति राजा नोंगदा लैरेन पाखांगबा का युग
ऐतिहासिक स्थल कंगला किला
महत्व शांति, सह-अस्तित्व और सांस्कृतिक भाईचारे को सुदृढ़ करता है
Mera Hou Chongba Unites Manipur in Celebration of Harmony
  1. मेरा होउ चोंगबा मणिपुर की एकता और भाईचारे का त्योहार है।
  2. मेरा माह (मेइतेई कैलेंडर) के 15वें चंद्र दिवस पर मनाया जाता है।
  3. पहाड़ी जनजातियों और घाटीवासियों के बीच सद्भाव का प्रतीक है।
  4. इंफाल के सना कोनुंग (शाही महल) में आयोजित किया जाता है।
  5. महाराजा सनाजाओबा लीशेम्बा समारोह का नेतृत्व करते हैं।
  6. जुलूस सना कोनुंग से कांगला किले तक जाता है।
  7. प्रमुख अनुष्ठान: मेरा मेन तोंगबा और येनखोंग तांबा।
  8. इसमें उपहारों का आदान-प्रदान और सामुदायिक भोज शामिल हैं।
  9. कांगला किला मेइतेई विरासत का प्रतीक बना हुआ है।
  10. मणिपुर के समाज में शांति और सह-अस्तित्व को मजबूत करता है।
  11. राजा नोंगडा लैरेन पखांगबा ने इसे पहली शताब्दी ईस्वी में शुरू किया था।
  12. यह त्यौहार जातीय और सांस्कृतिक सीमाओं से परे है।
  13. सामाजिक मेल-मिलाप और एकता को बढ़ावा देता है।
  14. हाल के अंतर-सामुदायिक तनावों के बीच इसका महत्व बढ़ गया है।
  15. यह मणिपुर की समग्र सांस्कृतिक पहचान को दर्शाता है।
  16. जनजातीय और घाटी की भागीदारी समावेशिता का प्रतीक है।
  17. अनुष्ठानों के माध्यम से पारंपरिक शांति निर्माण को प्रोत्साहित करता है।
  18. प्राचीन मैतेई सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित करता है।
  19. विविधता में एकता का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करता है।
  20. मणिपुर के सद्भाव और लचीलेपन के संदेश को सुदृढ़ करता है।

Q1. मेरा हाउ चोंगबा त्यौहार किन समुदायों के बीच एकता का प्रतीक है?


Q2. मेरा हाउ चोंगबा का मुख्य आयोजन कहाँ हुआ था?


Q3. त्यौहार की अध्यक्षता मणिपुर के औपचारिक राजा के रूप में किसने की?


Q4. मणिपुरी पंचांग के किस चंद्र माह में मेरा हाउ चोंगबा मनाया जाता है?


Q5. कौन-सा प्राचीन स्थल समारोहिक जुलूस के समापन का प्रतीक है?


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